सावन का महीना हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाता है। यह महीना भगवान शिव की भक्ति और पूजा के लिए समर्पित होता है। लेकिन इस बार सावन 2025 में एक खास संयोग बन रहा है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बना रहा है। इस बार सावन के कई दिन शुक्रवार के साथ पड़ रहे हैं, और शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। यह संयोग भक्तों के लिए धन, समृद्धि और सुख-शांति लाने वाला बताया जा रहा है। आइए, जानते हैं कि इस सावन में आप कैसे इस विशेष संयोग का लाभ उठा सकते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा पा सकते हैं।
सावन और शुक्रवार का संयोग क्यों है खास?
सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति का प्रतीक है। इस दौरान भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और अन्य सामग्री अर्पित करते हैं। मान्यता है कि सावन में शिव की पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। वहीं, शुक्रवार को माता लक्ष्मी का दिन माना जाता है, जो धन, वैभव और सौभाग्य की देवी हैं। इस बार सावन में कई शुक्रवार पड़ रहे हैं, जिससे शिव और लक्ष्मी की एक साथ पूजा करने का अनूठा अवसर मिल रहा है।
ज्योतिषियों के अनुसार, सावन और शुक्रवार का यह संयोग धन-संपदा और आर्थिक समस्याओं के निवारण के लिए बेहद शुभ है। इस दौरान मां लक्ष्मी के 108 नामों का जप करने से विशेष फल प्राप्त होता है। यह पूजा न केवल धन की कमी को दूर करती है, बल्कि घर में सुख-शांति और समृद्धि भी लाती है।
मां लक्ष्मी के 108 नामों का जप: कैसे करें?
मां लक्ष्मी के 108 नामों का जप करना एक सरल और प्रभावी उपाय है। इसे करने के लिए कुछ आसान बातों का ध्यान रखें:
1. सही समय चुनें: शाम का समय, विशेष रूप से प्रदोष काल (सूर्यास्त के समय) मां लक्ष्मी की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। शुक्रवार की शाम को यह पूजा और भी फलदायी होती है।
2. पूजा की तैयारी: सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें और मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। एक दीपक जलाएं और अगरबत्ती या धूप प्रज्वलित करें।
3. 108 नामों का जप: मां लक्ष्मी के 108 नामों की माला या पुस्तक लें। माला के साथ एक-एक नाम का उच्चारण करें। अगर माला उपलब्ध न हो, तो कागज पर लिखे नामों को पढ़ सकते हैं। जप करते समय मन को शांत और एकाग्र रखें।
4. अर्पण और प्रार्थना: जप के बाद मां लक्ष्मी को फूल, मिठाई या फल अर्पित करें। अपनी मनोकामना कहें और धन, समृद्धि और सुख के लिए प्रार्थना करें।
5. विशेष मंत्र: जप के साथ-साथ मां लक्ष्मी के मंत्र "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः" का जप भी कर सकते हैं।
इस पूजा के लाभ
ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में शुक्रवार को मां लक्ष्मी के 108 नामों का जप करने से कई लाभ मिलते हैं:
आर्थिक समस्याओं का निवारण: धन की कमी, कर्ज या आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों के लिए यह पूजा विशेष रूप से लाभकारी है।
सुख-समृद्धि: मां लक्ष्मी की कृपा से घर में सुख, शांति और वैभव बढ़ता है।
मनोकामनाएं पूर्ण: यह पूजा न केवल धन, बल्कि स्वास्थ्य, परिवार और करियर में सफलता के लिए भी लाभकारी है।
नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: इस दौरान की गई पूजा घर से नकारात्मकता को दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
सावन में शिव और लक्ष्मी की एक साथ पूजा
सावन में शिव और लक्ष्मी की एक साथ पूजा का भी विशेष महत्व है। शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के बाद मां लक्ष्मी की पूजा करें। इसके लिए आप शिवलिंग के पास मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं। दोनों की पूजा करने से जीवन में संतुलन आता है, क्योंकि शिव तप और वैराग्य के प्रतीक हैं, जबकि लक्ष्मी समृद्धि और सुख की।
सावन 2025 में शुक्रवार का संयोग भक्तों के लिए एक सुनहरा अवसर है। इस दौरान मां लक्ष्मी के 108 नामों का जप और भगवान शिव की पूजा करने से न केवल आर्थिक समस्याएं हल हो सकती हैं, बल्कि जीवन में सुख-शांति और समृद्धि भी आएगी। इस सावन, इस विशेष संयोग का लाभ उठाएं और मां लक्ष्मी और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।