उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कांवड़ यात्रा 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन इस बीच एक घटना ने सबका ध्यान खींचा है। बुधवार को हिंदू रक्षा दल के कुछ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबों की जांच करते समय रोक लिया। यह घटना तब हुई जब कार्यकर्ता यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों और होटलों में कथित तौर पर मांसाहारी भोजन या अन्य आपत्तिजनक गतिविधियों की जांच कर रहे थे। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और स्थिति को नियंत्रित किया।
क्या है पूरा मामला?
कांवड़ यात्रा, जो हर साल सावन के महीने में लाखों शिव भक्तों द्वारा की जाती है, इस बार 22 जुलाई से शुरू हो रही है। इस दौरान कांवड़िए हरिद्वार, गौमुख और अन्य पवित्र स्थानों से गंगा जल लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ते हैं। गाजियाबाद कांवड़ यात्रा का एक प्रमुख मार्ग है, जहां हर साल भारी भीड़ उमड़ती है। इस यात्रा के दौरान शाकाहारी भोजन और पवित्रता को लेकर विशेष ध्यान रखा जाता है।
हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं का कहना था कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए ढाबों की जांच कर रहे थे कि यात्रा मार्ग पर कोई भी ऐसी चीज न परोसी जाए, जो कांवड़ियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए। हालांकि, स्थानीय पुलिस को इस तरह की गतिविधियों की जानकारी मिली, और उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। पुलिस का कहना है कि ऐसी जांच का अधिकार केवल प्रशासन के पास है, और किसी भी संगठन को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
पुलिस की सख्ती और सुरक्षा इंतजाम
घटना के बाद गाजियाबाद पुलिस ने कांवड़ यात्रा को लेकर अपनी तैयारियां और तेज कर दी हैं। पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिषेक वर्मा ने बताया, "हमारी प्राथमिकता कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न कराना है। किसी भी संगठन या व्यक्ति को कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।"
पुलिस ने यात्रा मार्ग पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है। सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन और अन्य तकनीकी संसाधनों का उपयोग करके मार्ग की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, यात्रा के दौरान शराब और मांसाहारी भोजन की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। स्थानीय ढाबा मालिकों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे केवल शाकाहारी भोजन ही परोसें।
स्थानीय लोगों और कांवड़ियों की प्रतिक्रिया
इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों और कांवड़ियों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं के कदम का समर्थन कर रहे हैं, उनका मानना है कि यह धार्मिक भावनाओं की रक्षा के लिए जरूरी था। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई से तनाव बढ़ सकता है, और प्रशासन को ही इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
एक स्थानीय कांवड़िया, राकेश कुमार, ने कहा, "हम चाहते हैं कि यात्रा शांतिपूर्ण हो। कोई भी ऐसी हरकत नहीं होनी चाहिए, जो हमारी आस्था को ठेस पहुंचाए। लेकिन यह काम पुलिस और प्रशसन को करना चाहिए, न कि किसी संगठन को।"
प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है। जिलाधिकारी ने कहा, "कांवड़ यात्रा एक पवित्र आयोजन है, और हम इसे सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सभी से अनुरोध है कि वे प्रशासन का सहयोग करें और किसी भी अफवाह या उकसावे में न आएं।"
कांवड़ यात्रा के शुरू होने में अभी कुछ दिन बाकी हैं, और प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गाजियाबाद पुलिस ने हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी है कि भविष्य में इस तरह की गतिविधियों से बचा जाए। साथ ही, यात्रा मार्ग पर शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने स्थानीय व्यापारियों और समुदायों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं।
यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का कितना महत्व है। गाजियाबाद प्रशासन की कोशिश है कि कांवड़ यात्रा 2025 न केवल शांतिपूर्ण हो, बल्कि सभी के लिए एक सुखद अनुभव भी बने।