देशवासियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में मामूली कटौती की घोषणा की है, जिसके बाद पेट्रोल पंपों पर लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है। हालांकि, कुछ राज्यों में स्थानीय करों के कारण कीमतों में अंतर बना हुआ है। दूसरी ओर, शेयर बाजार में सेंसेक्स ने 85,000 का आंकड़ा पार कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जो अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत दे रहा है।
पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में कटौती
तेल कंपनियों ने शुक्रवार को पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में 1.5 से 2 रुपये प्रति लीटर की कमी की है। यह कटौती वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और सरकार की नीतिगत पहल का नतीजा मानी जा रही है। दिल्ली में पेट्रोल की नई कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर हो गई है। मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे महानगरों में भी कीमतों में समान कमी देखी गई है।
इस खबर के बाद देशभर के पेट्रोल पंपों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। दिल्ली के एक पेट्रोल पंप कर्मचारी रमेश कुमार ने बताया, "सुबह से ही लोग गाड़ियों में ईंधन भरवाने आ रहे हैं। कीमतों में कमी की खबर से लोग खुश हैं, लेकिन कुछ का कहना है कि कटौती और ज्यादा होनी चाहिए थी।"
हालांकि, सभी राज्यों में कीमतों में एकरूपता नहीं है। उत्तर प्रदेश, बिहार और कर्नाटक जैसे राज्यों में स्थानीय वैट और अन्य करों के कारण पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें अन्य राज्यों की तुलना में 2-3 रुपये अधिक हैं। उदाहरण के लिए, लखनऊ में पेट्रोल की कीमत 96.50 रुपये प्रति लीटर है, जबकि जयपुर में यह 95.20 रुपये है। विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच करों को लेकर समन्वय की कमी इस अंतर का मुख्य कारण है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, "हम वैश्विक बाजार की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। भविष्य में कच्चे तेल की कीमतों में और कमी आई तो उपभोक्ताओं को अतिरिक्त राहत मिल सकती है।"
सेंसेक्स ने छुआ नया मुकाम
पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में कटौती के बीच शेयर बाजार ने भी निवेशकों को खुश होने का मौका दिया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स शुक्रवार को पहली बार 85,000 अंक के पार पहुंचा। यह उपलब्धि भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते निवेशक विश्वास को दर्शाती है। निफ्टी भी 25,800 के स्तर को छूने के करीब है।
वित्त विशेषज्ञ अनिल शर्मा ने बताया, "सेंसेक्स का यह प्रदर्शन निवेशकों के लिए उत्साहजनक है। टेक्नोलॉजी, बैंकिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में उछाल ने बाजार को नई ऊंचाई दी है।" रिलायंस इंडस्ट्रीज, इन्फोसिस और एचडीएफसी बैंक जैसे बड़े शेयरों में 2-3% की बढ़ोतरी देखी गई।
हालांकि, कुछ लोगों ने चेतावनी दी है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, जैसे अमेरिका में ब्याज दरों में वृद्धि और रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव, से बाजार में उतार-चढ़ाव आ सकता है। फिर भी, मौजूदा रुझान भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक हैं।
पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में कमी से आम जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। दिल्ली के एक ऑटो चालक मोहन लाल ने कहा, "2 रुपये की कमी से कुछ राहत तो मिली, लेकिन रोज़मर्रा की महंगाई को देखते हुए यह नाकाफी है।" वहीं, मुंबई की एक गृहिणी नेहा शिंदे ने खुशी जताते हुए कहा, "पेट्रोल सस्ता होने से घर का बजट थोड़ा संभलेगा। उम्मीद है सरकार और कटौती करे।"
पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में कमी और सेंसेक्स की उछाल से अर्थव्यवस्था में सकारात्मक माहौल बना है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को स्थानीय करों में एकरूपता लाने और वैश्विक बाजार की स्थिति का लाभ उठाने के लिए और कदम उठाने चाहिए। साथ ही, शेयर बाजार में निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।