अमेरिकी संसद में 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' पास: ट्रंप की बड़ी जीत,भारत पर क्या होगा असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' को अमेरिकी संसद ने मंजूरी दे दी है। यह विधेयक, जो टैक्स में कटौती और सरकारी खर्चों में कमी लाने का वादा करता है, सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स दोनों से भारी बहुमत के साथ पारित हुआ। ट्रंप ने इसे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है।

विधेयक का मकसद

'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी नागरिकों और व्यवसायों पर कर का बोझ कम करना और सरकारी खर्चों को नियंत्रित करना है। इस विधेयक के तहत मध्यम वर्ग और छोटे व्यवसायों के लिए टैक्स में विशेष छूट दी जाएगी। इसके अलावा, कुछ सरकारी योजनाओं और कल्याणकारी कार्यक्रमों में कटौती की जाएगी, जिससे संघीय बजट को संतुलित करने में मदद मिलेगी। ट्रंप ने दावा किया कि यह बिल अमेरिका की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।

राष्ट्रपति ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "यह बिल अमेरिका के लोगों के लिए है। हम टैक्स कम कर रहे हैं ताकि लोग अपनी मेहनत की कमाई को अपने पास रख सकें। साथ ही, अनावश्यक सरकारी खर्चों को रोककर हम देश को कर्ज के बोझ से मुक्त करेंगे।"


संसद में पारित होने का सफर

इस विधेयक को पारित करने का रास्ता आसान नहीं था। कई महीनों की बहस और चर्चा के बाद, रिपब्लिकन पार्टी ने डेमोक्रेट्स के एक छोटे समूह का समर्थन हासिल कर लिया। सीनेट में 60-40 के वोट से और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में 230-190 के वोट से यह बिल पास हुआ। डेमोक्रेट्स का एक बड़ा वर्ग इस बिल का विरोध करता रहा, उनका कहना था कि सरकारी खर्चों में कटौती से सामाजिक कल्याण योजनाएं प्रभावित होंगी, खासकर स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में।

हालांकि, ट्रंप और उनके समर्थकों का तर्क है कि यह बिल दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता के लिए जरूरी है। रिपब्लिकन सीनेटर माइक ली ने कहा, "हमने एक ऐसा बिल पास किया है जो मध्यम वर्ग को सशक्त बनाएगा और व्यवसायों को बढ़ने का मौका देगा। यह अमेरिका के भविष्य के लिए एक बड़ा कदम है।"


जनता का क्या कहना है

इस बिल को लेकर जनता और विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है। कुछ लोग इसे मध्यम वर्ग के लिए राहत के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि टैक्स में कटौती से उनकी जेब में ज्यादा पैसे बचेंगे। छोटे व्यवसायों ने भी इस बिल का स्वागत किया है, क्योंकि इससे उन्हें अपने कारोबार को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

दूसरी ओर, डेमोक्रेट नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि सरकारी खर्चों में कटौती का असर गरीब और जरूरतमंद लोगों पर पड़ सकता है। डेमोक्रेटिक सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने कहा, "यह बिल अमीरों और कॉरपोरेट्स के लिए बनाया गया है, न कि आम अमेरिकी के लिए। इससे असमानता और बढ़ेगी।"

आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस बिल का असर अगले कुछ वर्षों में ही साफ हो पाएगा। न्यूयॉर्क के अर्थशास्त्री जॉन पॉलसन ने बताया, "टैक्स में कटौती से तात्कालिक राहत मिल सकती है, लेकिन अगर सरकारी खर्चों को सही तरीके से प्रबंधित नहीं किया गया, तो यह बजट घाटे को बढ़ा सकता है।"


ट्रंप की रणनीति

यह बिल ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की एक बड़ी जीत मानी जा रही है। ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान में वादा किया था कि वह टैक्स कम करेंगे और सरकारी खर्चों को नियंत्रित करेंगे। इस बिल के पास होने से उनकी लोकप्रियता को और बल मिल सकता है, खासकर रिपब्लिकन समर्थकों के बीच।

ट्रंप ने इस मौके पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, "हमने वादा किया था और हमने उसे पूरा किया। यह शुरुआत है, हम और भी बड़े कदम उठाएंगे ताकि अमेरिका फिर से महान बने।"


भारत पर क्या होगा असर?

इस बिल का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है, जिसमें भारत जैसे देश शामिल हैं। टैक्स कटौती से अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है। हालांकि, अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था में कोई अस्थिरता आती है, तो इसका असर भारतीय शेयर बाजार और निर्यात पर भी पड़ सकता है। भारतीय अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत को इस स्थिति पर नजर रखनी चाहिए।

'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' का पास होना अमेरिकी राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह बिल जहां एक ओर मध्यम वर्ग और व्यवसायों को राहत देने का वादा करता है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक योजनाओं पर इसके प्रभाव को लेकर चिंताएं भी हैं। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बिल अमेरिका और वैश्विक अर्थव्यवस्था को किस दिशा में ले जाता है।