पंजाब के लुधियाना में एक बार फिर से एक ऐसी घटना ने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया है, जो कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुई सनसनीखेज वारदात की याद दिलाती है। लुधियाना के शेरपुर इलाके में एक खाली प्लॉट पर पड़ा नीला प्लास्टिक ड्रम जब खोला गया, तो उसमें एक अज्ञात युवक का शव मिला। शव के हाथ-पैर रस्सी से बंधे थे, और गले पर भी रस्सी के निशान थे, जिससे साफ है कि यह हत्या सुनियोजित तरीके से की गई थी। यह घटना मेरठ के उस कुख्यात हत्याकांड से मिलती-जुलती है, जहां एक पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर शव को नीले ड्रम में सीमेंट के साथ ठिकाने लगाया था।
लुधियाना में क्या हुआ?
बुधवार सुबह लुधियाना के शेरपुर इलाके में एक खाली प्लॉट पर कुछ कूड़ा बीनने वालों की नजर एक नीले ड्रम पर पड़ी। ड्रम से तेज बदबू आने की वजह से स्थानीय लोगों को शक हुआ, और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची डिवीजन नंबर 6 थाने की पुलिस ने ड्रम खोला तो अंदर प्लास्टिक के बोरे में लिपटा एक शव मिला। शव की हालत इतनी खराब थी कि पहचान कर पाना मुश्किल हो रहा था। पुलिस के मुताबिक, मृतक की उम्र 35 से 40 साल के बीच हो सकती है, और चेहरे की बनावट से लगता है कि वह प्रवासी मजदूर हो सकता ।थाना प्रभारी इंस्पेक्टर कुलवंत कौर ने बताया कि शव के गले और पैरों पर रस्सी से बंधे निशान थे, जिससे हत्या की आशंका और गहरी हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया है। जांच में पता चला कि ड्रम बिल्कुल नया था, जिससे शक है कि हत्यारों ने शव छिपाने के लिए इसे हाल ही में खरीदा होगा।
लुधियाना पुलिस ने इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है। शहर की 42 ड्रम बनाने वाली कंपनियों की सूची तैयार की गई है, और उनसे पूछताछ की जा रही है कि इस तरह का ड्रम हाल ही में किसे बेचा गया। इसके अलावा, घटनास्थल के 5 किलोमीटर के दायरे में सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, जिसमें सेफ सिटी कैमरे, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और लाडोवाल टोल प्लाजा के कैमरे शामिल हैं। कुछ संदिग्ध वाहनों के नंबर भी चिह्नित किए गए हैं, जिनकी जांच जारी है।
मेरठ की घटना से समानता
यह घटना मेरठ के उस सनसनीखेज हत्याकांड की याद दिलाती है, जो इसी साल मार्च में सामने आया था। मेरठ में मर्चेंट नेवी अधिकारी सौरभ राजपूत की हत्या उसकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने मिलकर की थी। दोनों ने सौरभ के शव को टुकड़ों में काटकर एक नीले ड्रम में डाला और सीमेंट से भर दिया ताकि कोई सबूत न बचे। पड़ोसियों को बदबू आने पर मामला खुला, और मुस्कान की बच्ची के शब्द, “पापा ड्रम में हैं,” ने पुलिस को सच्चाई तक पहुंचाया। दोनों आरोपी अब मेरठ जेल में हैं।लुधियाना और मेरठ की इन घटनाओं में कई समानताएं हैं। दोनों ही मामलों में शव को नीले प्लास्टिक ड्रम में छिपाया गया, मेरठ की घटना में जहां हत्या का मकसद अवैध संबंध था, वहीं लुधियाना में मृतक की पहचान और हत्या का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है।
पुलिस की चुनौतियां और जांच
लुधियाना पुलिस के लिए यह मामला एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। मृतक की पहचान न हो पाने की वजह से जांच की दिशा तय करना मुश्किल हो रहा है। पुलिस ने अनुमान लगाया है कि मृतक प्रवासी मजदूर हो सकता है, क्योंकि शेरपुर इलाके में बड़ी संख्या में प्रवासी रहते हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जो मौत के सही कारणों का खुलासा कर सकती है।पुलिस ने ड्रम के नए होने के आधार पर यह शक जताया है कि हत्या की साजिश पहले से रची गई थी। ड्रम बनाने वाली कंपनियों से पूछताछ के साथ-साथ पुलिस आसपास के प्रवासियों से भी जानकारी जुटा रही है। सीसीटीवी फुटेज और संदिग्ध वाहनों की जांच से पुलिस को कुछ अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।
सामाजिक और कानूनी सवाल
लुधियाना और मेरठ की इन घटनाओं ने समाज में एक नया डर पैदा कर दिया है। नीले ड्रम, जो आमतौर पर औद्योगिक और घरेलू उपयोग के लिए जाने जाते हैं, अब हत्यारों के लिए शव छिपाने का जरिया बनते जा रहे हैं। यह सवाल उठता है कि क्या यह एक नया ट्रेंड बन रहा है? लुधियाना जैसे औद्योगिक शहर में प्रवासी मजदूरों की बड़ी आबादी रहती है, और ऐसी घटनाएं कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर दहशत का माहौल है। शेरपुर जैसे व्यस्त इलाके में दिनदहाड़े ऐसी वारदात ने लोगों को सकते में डाल दिया है। पुलिस पर इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने का दबाव है, ताकि शहर में अमन-चैन बना रहे।