अमरनाथ यात्रा स्थगित: भारी बारिश ने रोकी तीर्थयात्रियों की राह, अब तक 2.47 लाख ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन

अमरनाथ यात्रा को आज भारी बारिश के कारण स्थगित कर दिया गया है। पहलगाम और बालटाल बेस कैंप से शुरू होने वाली इस यात्रा को मौसम की खराब स्थिति को देखते हुए अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह फैसला लिया। इस साल अब तक 2.47 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं, जो इस तीर्थयात्रा की लोकप्रियता और आध्यात्मिक महत्व को दर्शाता है।

बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें

जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने अमरनाथ यात्रा के रास्तों को प्रभावित किया है। पहलगाम और बालटाल, जो यात्रा के दो प्रमुख बेस कैंप हैं, वहां भूस्खलन और जलभराव की आशंका बढ़ गई है। मौसम विभाग ने क्षेत्र में अगले कुछ घंटों तक बारिश का अनुमान जताया है, जिसके चलते प्रशासन ने कोई जोखिम न लेते हुए यात्रा को आज के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया। 

अधिकारियों ने बताया कि यात्रा मार्गों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए टीमें तैनात हैं, जो सड़कों की स्थिति और मौसम पर नजर रख रही हैं। जैसे ही मौसम अनुकूल होगा, यात्रा को फिर से शुरू करने की घोषणा की जाएगी। तीर्थयात्रियों से अपील की गई है कि वे बेस कैंप पर ही रुकें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।


तीर्थयात्रियों की सुरक्षा 

अमरनाथ यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस साल यात्रा की शुरुआत 29 जून को हुई थी और तब से यह लगातार सुचारू रूप से चल रही थी। लेकिन मौसम की मार ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “तीर्थयात्रियों की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हम किसी भी तरह का जोखिम नहीं ले सकते। मौसम साफ होने के बाद ही यात्रा को फिर से शुरू किया जाएगा।”

यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बेस कैंप और यात्रा मार्गों पर तैनात हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। इसके अलावा, मेडिकल टीमें भी हर समय तैयार हैं, जो श्रद्धालुओं को तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान कर सकती हैं।


2.47 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

इस साल की अमरनाथ यात्रा में अब तक 2.47 लाख से अधिक तीर्थयात्री बाबा अमरनाथ के दर्शन कर चुके हैं। यह संख्या पिछले कुछ वर्षों की तुलना में काफी प्रभावशाली है। श्रद्धालुओं का कहना है कि बाबा बर्फानी के दर्शन उनके लिए एक अनमोल अनुभव है। दिल्ली से आए एक तीर्थयात्री रमेश शर्मा ने बताया, “हम कई सालों से इस यात्रा की योजना बना रहे थे। इस बार दर्शन का सौभाग्य मिला, लेकिन बारिश के कारण अब इंतजार करना पड़ रहा है। फिर भी, हमारी आस्था में कोई कमी नहीं है।”

पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों से हर दिन हजारों श्रद्धालु गुफा की ओर बढ़ते हैं। पहलगाम मार्ग 48 किलोमीटर लंबा है, जो पैदल और घोड़े की सवारी के जरिए पूरा किया जाता है, जबकि बालटाल मार्ग 14 किलोमीटर का है और अपेक्षाकृत छोटा लेकिन चुनौतीपूर्ण है। दोनों मार्गों पर प्रशासन ने भोजन, पानी और आश्रय की व्यवस्था की है, ताकि तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो।


श्रद्धालुओं से धैर्य रखने की अपील

अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है। बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, “हम समझते हैं कि श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए उत्साहित हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा हमारे लिए सबसे जरूरी है। हम मौसम की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और जल्द से जल्द यात्रा शुरू करने की कोशिश करेंगे।”

कई तीर्थयात्री बेस कैंप पर रुके हुए हैं और वहां उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं। स्थानीय लोग भी तीर्थयात्रियों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि वे इस समय का उपयोग स्थानीय मंदिरों और धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए कर रहे हैं।


कब शुरू होगी यात्रा?

मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में बारिश की तीव्रता कम हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो यात्रा जल्द ही शुरू हो सकती है। प्रशासन ने तीर्थयात्रियों को सलाह दी है कि वे नियमित रूप से मौसम और यात्रा से जुड़े अपडेट्स के लिए आधिकारिक वेबसाइट और स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में रहें।

अमरनाथ यात्रा हर साल जून-जुलाई में आयोजित होती है और यह हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से बनने वाला बर्फ का शिवलिंग श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। यह यात्रा न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है।

भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा को भले ही आज रोक दिया गया हो, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह और आस्था कम नहीं हुई है। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर तीर्थयात्रियों की हर संभव मदद कर रहे हैं। जैसे ही मौसम अनुकूल होगा, बाबा बर्फानी के दर्शन का सिलसिला फिर शुरू हो जाएगा। तब तक, तीर्थयात्रियों से धैर्य और सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।