दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए विस्फोट की जांच आज छठे दिन भी जोरों पर है। फॉरेंसिक रिपोर्ट में विस्फोटक के रूप में अमोनियम नाइट्रेट और ट्रायएसिटोन ट्राइपेरोक्साइड (TATP) के मिश्रण की पुष्टि हुई है, जो इसे 'मदर ऑफ शैतान' के नाम से कुख्यात बनाती है। इस धमाके में 13 लोगों की जान गई, जबकि 20 से अधिक घायल हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आज छह राज्यों में नौ स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन और संदिग्ध गिरफ्तार हुए। मुख्य आरोपी उमर मोहम्मद उर्फ उमर नबी अब भी फरार है, लेकिन कश्मीर में गिरफ्तार सात संदिग्धों से उसका सीधा लिंक मिला है। क्या यह पाकिस्तान प्रायोजित 'व्हाइट कॉलर' आतंकी नेटवर्क का हिस्सा है? आइए, आज के ताजा अपडेट्स के साथ इस घटना की परतें खोलते हैं।

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धमाके का दृश्य: अभी भी ताजा जख्म

10 नवंबर की शाम 6:52 बजे, चांदनी चौक का हलचल भरा बाजार अचानक नर्क में बदल गया। सफेद हुंडई i20 कार में छिपा विस्फोटक फटा, जिसकी तीव्रता इतनी थी कि रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के गेट उड़ गए। आज सुबह सभी गेट दोबारा खुल गए, लेकिन इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात हैं। दिल्ली पुलिस के अनुसार, विस्फोट स्थल से तीन 9 एमएम कारतूस बरामद हुए—दो जिंदा और एक खाली। ये कारतूस केवल सशस्त्र बलों को उपलब्ध होते हैं, जिससे सवाल उठे हैं कि ये कैसे आतंकी हाथ लगे?

फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट, जो आज जारी हुई, ने मामले को नया रूप दिया। TATP एक अत्यंत अस्थिर विस्फोटक है, जो घरेलू रसायनों से बनाया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह आईएसआईएस जैसे संगठनों का पसंदीदा हथियार है। एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "यह मिश्रण इतना घातक था कि बिना डेटोनेटर के ही फट गया। उमर नबी को इसकी जानकारी थी, लेकिन वह जानबूझकर इसे चुना ताकि ट्रेस न बचे।" विस्फोट से प्रभावित 100 मीटर के दायरे में 50 से अधिक दुकानें क्षतिग्रस्त हुईं, और मरम्मत कार्य आज शुरू हो गया।

पीड़ितों की कहानियां दिल दहला देती हैं। चांदनी चौक के फल विक्रेता रामेश्वर लाल (52) की बेटी प्रिया ने अस्पताल से बताया, "पापा बाजार में थे जब धमाका हुआ। शीशे के टुकड़ों ने उन्हें बुरी तरह जख्मी कर दिया। अब वह वेंटिलेटर पर हैं।" मीरा देवी (45), राजस्थान से आईं पर्यटक, अपनी फैमिली के साथ रेड फोर्ट घूम रही थीं। उनकी मौत ने पूरे परिवार को तोड़ दिया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मृतकों के परिवारों को 10 लाख और घायलों को 2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है। लेकिन ये आंकड़े इंसानी दर्द को माप नहीं सकते।


उमर नबी का रहस्य: डॉक्टर से आतंकी तक

मुख्य आरोपी उमर नबी, कश्मीर का रहने वाला एक एमबीबीएस ग्रेजुएट, फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पीजी कर रहा था। उसके फरीदाबाद कैंपस से दिल्ली आने-जाने के रिकॉर्ड्स मिले हैं। कार उसके नाम पर रजिस्टर्ड थी, और सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि वह 10 नवंबर सुबह 1 बजे नूह (हरियाणा) से रवाना हुआ। रास्ते में फिरोजपुर झीरका एटीएम से पैसे निकालने की नाकाम कोशिश के बाद सीधा लक्ष्य पर पहुंचा।

आज की जांच में खुलासा हुआ कि उमर के बैंक खाते में 20 लाख रुपये अवैध रूप से आए थे, जो संभवतः खाड़ी देशों या पाकिस्तान से फंडेड थे। एनआईए ने उसके फोन से आईएसआईएस से जुड़े एन्क्रिप्टेड मैसेज बरामद किए। पूर्व जम्मू-कश्मीर डीजीपी एसपी वैद ने कहा, "यह 'व्हाइट कॉलर टेरर' का उदाहरण है। पढ़े-लिखे लोग अब फ्रंटलाइन पर हैं। अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर विदेशी फंडिंग की जांच जरूरी है।" यूनिवर्सिटी के दो डॉक्टर—मुजम्मिल गनई और शाहीन सईद—पहले ही गिरफ्तार हैं, और आज एक तीसरा नाम जोड़ा गया।

कश्मीर कनेक्शन सबसे चौंकाने वाला है। बीते सप्ताह कश्मीर पुलिस ने सात संदिग्धों को गिरफ्तार किया था, जिनमें दो डॉक्टर शामिल थे। रॉयटर्स के अनुसार, इनमें से दो का उमर से डायरेक्ट कॉन्टैक्ट था। कश्मीर पुलिस ने कहा, "यह इंटर-स्टेट टेरर मॉड्यूल का हिस्सा लगता है।" जम्मू-कश्मीर में आज छापेमारी तेज हो गई, और 500 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया।


छापेमारी और गिरफ्तारियां: नेटवर्क का जाल फंसता नजर

एनआईए की आज की कार्रवाई ने मामले को नई दिशा दी। दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में नौ जगहों पर दबिशें दी गईं। अल-फलाह से एक और स्टूडेंट, रोहतक की प्रियंका शर्मा, गिरफ्तार हुई। असम में सोशल मीडिया पर धमाके का समर्थन करने वाले 21 लोग हिरासत में हैं। असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, "आतंक का समर्थन अपराध है। हम सख्ती करेंगे।"

दिल्ली पुलिस ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज कीं—एक धोखाधड़ी और दूसरी जालसाजी के लिए। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पश्चिमी सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया है। जैसलमेर जैसे इलाकों में सतर्कता बरती जा रही है। एक अधिकारी ने बताया, "दिल्ली धमाके के बाद पाकिस्तान से संभावित साजिश की आशंका है।"

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल है। अल जजीरा की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत ने इसे 'एंटी-नेशनल फोर्सेस' का हमला बताया है, और पाकिस्तान का हाथ हो सकता है। जर्मन राजदूत ने संवेदना व्यक्त की, जबकि सीएनएन ने इसे 'दिल्ली का 9/11' करार दिया।


राजनीतिक तापमान: विपक्ष का हमला, सरकार का बचाव

यह घटना राजनीति के मैदान में भी उतर आई है। कांग्रेस ने कहा, "बिहार चुनावों के बीच सुरक्षा चूक कैसे हुई? एनआईए को स्वतंत्र जांच मिले।" सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया। भाजपा ने एकजुटता दिखाई। अमित शाह ने आज दिल्ली में बैठक बुलाई, जहां बिहार सरकार गठन के साथ सुरक्षा पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "आतंक के खिलाफ भारत मजबूत। दोषियों को सजा मिलेगी।"

बिहार चुनाव 2025 के परिणामों ने भी बहस छेड़ी। एनडीए की जीत के बाद शरद पवार ने कहा, "महिलाओं को 10,000 रुपये देकर वोट खरीदे गए।" कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा—केवल 6 सीटें। हिंदू की रिपोर्ट में कहा गया कि यह 2010 के बाद सबसे खराब नतीजा है।


व्यापक प्रभाव: आतंकवाद का नया रूप

यह धमाका भारत में आतंक के बदलते चेहरे को उजागर करता है। पहले पारंपरिक हमले थे, अब 'लोन वुल्फ' और पढ़े-लिखे रेडिकल्स का बोलबाला है। नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर के अधिकारी ने कहा, "TATP जैसे विस्फोटक ऑनलाइन सीखे जा सकते हैं। युवाओं का रेडिकलाइजेशन चुपचाप हो रहा है।" दिल्ली में सुरक्षा बढ़ी है—सीसीटीवी दोगुने, ड्रोन तैनात। लेकिन इंटेलिजेंस फेलियर के सवाल बरकरार हैं।

आज की एक और घटना ने चिंता बढ़ाई। जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में जब्त विस्फोटकों के हैंडलिंग के दौरान ब्लास्ट हुआ, जिसमें दो जवान घायल। डीजीपी नलिन प्रभात ने कहा, "यह फरीदाबाद से जब्त सामग्री थी। जांच जारी।" यह दिल्ली मामले से जुड़ा लगता है।

भविष्य की राह: सुरक्षा और एकता की जरूरत

इस घटना ने राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर सवाल खड़े किए। डिजिटल फॉरेंसिक, साइबर निगरानी और शिक्षा संस्थानों पर विदेशी फंडिंग की जांच जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि असम का सोशल मीडिया मॉडल पूरे देश में लागू हो। पीड़ित परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं। प्रिया ने कहा, "हमें न्याय चाहिए, राजनीति नहीं।"


दिल्ली की सड़कें आज शांत हैं, लेकिन डर का साया है। क्या हम इस चेतावनी से सीखेंगे? एनआईए का कहना है कि जांच 48 घंटे में और खुलासे होंगे। फिलहाल, देश एकजुट होकर आतंक का मुकाबला करेगा।