भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इस साल समय से पहले दस्तक दे दी है, और मौसम विभाग (IMD) ने देश के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, और पूर्वोत्तर राज्यों सहित कई क्षेत्रों में मानसून की सक्रियता बढ़ रही है, जिसके चलते स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
केरल में भारी बारिश का अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने केरल के कई जिलों में 10 और 11 जून से हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है। कुछ जिलों जैसे कोझिकोड, वायनाड, और कन्नूर में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसका मतलब है कि भारी बारिश की संभावना है। हाल के दिनों में केरल में भारी बारिश ने कई इलाकों में जलभराव और भूस्खलन जैसी समस्याएं पैदा की थीं, जिसके बाद राज्य प्रशासन ने आपातकालीन तैयारियों को और मजबूत किया है। मछुआरों को तेज हवाओं के कारण सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, हालांकि मछली पकड़ने पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।पूर्वोत्तर में बाढ़ का खतरा
पूर्वोत्तर भारत, खासकर असम और मेघालय, में मानसून की भारी बारिश ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। IMD ने असम के कई जिलों में 4 जून को ऑरेंज अलर्ट जारी किया था, और अब भी भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने अधिकारियों को निचले और भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों में हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बाढ़ से कम से कम 30 लोगों की जान जा चुकी है।महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी सतर्कता
महाराष्ट्र में मुंबई और आसपास के जिलों जैसे ठाणे, पालघर, और पुणे में मानसून ने मई के आखिरी हफ्ते में ही दस्तक दे दी थी, जो पिछले कई दशकों में सबसे जल्दी था। IMD ने मुंबई के लिए हल्की बारिश की भविष्यवाणी की है, लेकिन पुणे और कोल्हापुर जैसे जिलों में भारी बारिश का अनुमान है। कर्नाटक के तटीय इलाकों, जैसे दक्षिण कन्नड़ और उत्तरा कन्नड़, में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से नदियों और पहाड़ी इलाकों के पास यात्रा करने से बचने की अपील की है।उत्तर भारत में आंधी और बारिश की संभावना
उत्तर भारत के राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, और पंजाब में अगले कुछ दिनों में गरज के साथ छींटे पड़ने और तेज हवाएं चलने की संभावना है। राजस्थान में तापमान में कमी आई है, और IMD के अनुसार, 20 जून तक राज्य में मानसून की शुरुआत हो सकती है। बिहार में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जहां बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेज किए जा रहे हैं।यह भी पढ़ें: औरैया: थ्रेसर मशीन में फंसकर मजदूर की दर्दनाक मौत, परिजनों का हंगामा- 15 दिन पहले ही दिल्ली से लौटा था ‘शनि कुशवाहा'
कृषि और आम जनजीवन पर होगा असर
मानसून भारत की अर्थव्यवस्था और कृषि के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश का लगभग 70% खेती बारिश पर निर्भर है। हालांकि, समय से पहले और भारी बारिश ने कई इलाकों में फसलों को नुकसान पहुंचाया है। महाराष्ट्र में किसानों को बुवाई में देरी करने की सलाह दी गई है। दूसरी ओर, भारी बारिश ने शहरों में जलभराव और यातायात की समस्याएं पैदा की हैं। मुंबई जैसे शहरों में जल निकासी व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।सावधानी और तैयारियां
मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। बाढ़ और भूस्खलन के खतरे वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। साथ ही, सभी राज्यों में आपदा प्रबंधन टीमें हाई अलर्ट पर हैं।मानसून की इस सक्रियता के बीच, विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु-परिवर्तन के कारण मौसम के पैटर्न में बदलाव आ रहा है। हालांकि, इसका मानसून पर सटीक प्रभाव अभी स्पष्ट नहीं है। अगले कुछ दिनों में मौसम की स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।