औरैया, 9 जून 2025: उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के मानिकपुर गांव में एक दुखद हादसे में एक मजदूर की थ्रेसर मशीन में फंसकर मौत हो गई। मृतक की पहचान शनि कुशवाहा (32 वर्ष) के रूप में हुई है, जो दिल्ली में काम करने के बाद 15 दिन पहले ही अपने गांव लौटा था। इस घटना ने पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ा पड़ी है।
पुलिस के अनुसार, शनि कुशवाहा शनिवार की शाम को खेत में थ्रेसर मशीन पर काम कर रहा था। इसी दौरान उसका शरीर अचानक मशीन में फंस गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की खबर मिलते ही शनि के परिजन और गांव के लोग मौके पर पहुंच गए। गुस्साए परिजनों ने ट्रैक्टर मालिक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस दौरान मौके पर हंगामा शुरू हो गया।
स्थानीय पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में मशीन के संचालन के दौरान सुरक्षा नियमों की अनदेखी की बात सामने आ रही है। पुलिस ने ट्रैक्टर मालिक से पूछताछ शुरू कर दी और यह जांच की जा रही है कि क्या मशीन के संचालन में कोई लापरवाही बरती गई। प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए हादसे की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। गांव में इस घटना के बाद से लोग डरे हुए हैं और मशीनों के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की बात कर रहे हैं।
शनि के परिवार में उसकी पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं। परिजनों का कहना है कि शनि परिवार का इकलौता कमाने वाला था और उसकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गांव वालों ने भी प्रशासन से मृतक के परिवार को आर्थिक मदद और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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यह घटना एक बार फिर खेतों में काम करने वाली मशीनों के संचालन में सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी मशीनों के इस्तेमाल के दौरान अक्सर इस तरह के हादसे सामने आते हैं, जो सुरक्षा उपायों की अनदेखी का नतीजा होते हैं।यह हादसा ग्रामीण क्षेत्रों में खेती से जुड़ी मशीनों के इस्तेमाल में सुरक्षा मानकों की कमी को एक बार फिर उजागर करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पुरानी और बिना रखरखाव वाली मशीनें अक्सर ऐसे हादसों का कारण बनती हैं। इसके अलावा, मजदूरों को मशीन चलाने की उचित ट्रेनिंग न देना और सुरक्षा उपकरणों का अभाव भी इन हादसों को बढ़ावा देता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि मानिकपुर और आसपास के गांवों में थ्रेसर मशीनों का इस्तेमाल आम है, लेकिन ज्यादातर मालिक लागत बचाने के चक्कर में सुरक्षा पर ध्यान नहीं देते। प्रशासन ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं और जल्द ही इस संबंध में उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
इस हादसे ने न केवल शनि के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, शनि की मौत ने मानिकपुर गांव में एक खालीपन छोड़ दिया है। उसके परिवार का दर्द देखकर हर किसी की आंखें नम हैं। यह हादसा एक चेतावनी है कि अगर समय रहते सुरक्षा मानकों को लागू नहीं किया गया, तो ऐसे दुखद हादसे भविष्य में भी होते रहेंगे। प्रशासन और समाज को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि कोई और शनि समय से पहले अपने परिवार को अलविदा न कहे।