बिहार की सियासत में नया मोड़: जसुपा का जदयू और राजद पर हमला, प्रशांत किशोर के पक्ष में बड़ा बयान

बिहार की राजनीति में जैसे-जैसे 2025 का विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सियासी बयानबाजी तेज होती जा रही है। इस बीच, जन सुराज पार्टी (जसुपा) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर तीखा हमला बोला है। जसुपा के महासचिव किशोर कुमार मुन्ना ने जदयू के विधायक संजय यादव के उस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से उपमुख्यमंत्री का पद मांगा था।

किशोर कुमार मुन्ना ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "प्रशांत किशोर ने कभी उपमुख्यमंत्री का पद नहीं मांगा। बल्कि, 2015 के चुनाव में उन्होंने नीतीश कुमार को सत्ता में वापस लाने में अहम भूमिका निभाई थी। संजय यादव का ये आरोप बिल्कुल निराधार है।" मुन्ना ने ये भी दावा किया कि प्रशांत किशोर ने जदयू इसलिए छोड़ा था, क्योंकि वो समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के खिलाफ थे। उन्होंने कहा, "प्रशांत किशोर ने सिद्धांतों के आधार पर पार्टी छोड़ी, न कि किसी पद की लालच में।"


जदयू पर निशाना, राजद को भी नहीं बख्शा 

जसुपा ने न सिर्फ जदयू को आड़े हाथों लिया, बल्कि राजद पर भी परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। मुन्ना ने कहा, "राजद की पूरी सियासत परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है। लालू प्रसाद यादव से लेकर तेजस्वी यादव तक, उनकी पार्टी में सत्ता एक ही परिवार के हाथों में सिमटी हुई है। बिहार की जनता अब इस परिवारवाद से तंग आ चुकी है और बदलाव चाहती है।" 

उन्होंने आगे कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू को भारी नुकसान होने की आशंका है। "नीतीश कुमार की सेहत और उनकी सरकार की नाकामियां अब लोगों के सामने हैं। बिहार में बेरोजगारी, शिक्षा और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर जनता जवाब मांग रही है। जदयू और राजद, दोनों ही पुरानी सियासत के प्रतीक हैं, और लोग अब नया विकल्प तलाश रहे हैं।"


प्रशांत किशोर की नई रणनीति 

प्रशांत किशोर, जो पहले एक मशहूर चुनावी रणनीतिकार थे, अब जन सुराज पार्टी के साथ बिहार में नया सियासी माहौल बनाने की कोशिश में हैं। उनकी पार्टी ने सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, जिसमें कम से कम 40 सीटों पर महिला उम्मीदवारों को उतारने की बात कही गई है। किशोर बिहार में बदलाव की बात जोर-शोर से उठा रहे हैं और नीतीश कुमार व लालू प्रसाद यादव की पार्टियों को पुरानी सोच वाली बता रहे हैं। 

हाल ही में, पूर्व जदयू नेता और केंद्रीय मंत्री रहे आरसीपी सिंह ने भी जन सुराज का दामन थाम लिया है। माना जा रहा है कि उनकी मौजूदगी से किशोर की पार्टी को संगठन मजबूत करने में मदद मिलेगी। 


यह भी पढ़ें: भारत के विभिन राज्यों में Monsoon Alert: भारी बारिश की चेतावनी- कल से इन जिलों में बरसात होगी हावी


चुनावी माहौल गर्म, जनता की नजरें नई संभावनाओं पर 

बिहार में इस समय नीतीश कुमार की जदयू और बीजेपी का गठबंधन सत्ता में है, जबकि राजद, कांग्रेस और वाम दल 'इंडिया' गठबंधन के तहत एकजुट हैं। दूसरी तरफ, प्रशांत किशोर की जन सुराज और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) नए चेहरों के रूप में उभर रहे हैं। 

जसुपा के बयान ने एक बार फिर बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है। अब देखना ये है कि 2025 के चुनाव में जनता किसे चुनेगी और क्या प्रशांत किशोर का 'बदलाव' का नारा बिहार की सियासत को नई दिशा दे पाएगा। बिहार की जनता की नजरें अब उन मुद्दों पर टिकी हैं, जो उनके रोजमर्रा के जीवन को बेहतर बना सकें।