इज़राइल और ईरान के बीच चल रहा युद्ध अपने आठवें दिन में प्रवेश कर चुका है, और Middle East में तनाव अब अपने चरम पर पहुंच गया है। इज़राइली रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने एक सख्त बयान में कहा है कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को "जीने का कोई अधिकार नहीं है।" यह बयान उस समय आया जब इज़राइली वायुसेना ने ईरान के 40 से अधिक ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिनमें राजधानी तेहरान में भारी बमबारी भी शामिल है। दूसरी ओर, ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई में इज़राइल पर बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन हमले किए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध और तेज हो गया है।

युद्ध का मंजर: तबाही और बर्बादी

पिछले आठ दिनों से दोनों देशों के बीच मिसाइलों और हवाई हमलों का सिलसिला जारी है। इज़राइल ने अपने  युद्ध को 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' का नाम दिया है, जबकि ईरान ने अपने जवाबी हमलों को 'ट्रू प्रॉमिस थ्री' नाम दिया है। इस युद्ध ने न केवल Middle East बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। इज़राइल का दावा है कि उसने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया है, जबकि ईरान का कहना है कि वह इज़राइल को "कड़ा सबक" सिखाएगा।

तेहरान में लगातार बमबारी से शहर का माहौल खराब हो गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, सड़कें खाली हैं, दुकानें बंद हैं, और रात भर सायरन की आवाजें गूंज रही हैं। कई लोग डर के मारे अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में निकल पड़े हैं। ईरानी मीडिया के मुताबिक, इज़राइली हमलों में अब तक 230 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर आम नागरिक हैं। दूसरी ओर, इज़राइल ने भी ईरानी मिसाइल हमलों में नुकसान की बात स्वीकारी है, जिसमें तेल अवीव और हाइफा जैसे शहरों को निशाना बनाया गया।


इज़राइल का रुख: सख्ती और चेतावनी

ज़राइली रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने गुरुवार को एक बयान में कहा, "हम ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को चेतावनी देते हुए कहा अगर उन्होंने इज़राइल पर हमले जारी रखे, तो तेहरान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।"

 इज़राइली सेना (IDF) ने दावा किया है कि उसने तेहरान, इस्फहान और फोर्डो जैसे शहरों में ईरान के सैन्य ठिकानों, मिसाइल लॉन्च पैड और हथियार कारखानों को निशाना बनाया है।

 इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी इस युद्ध को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य ईरान के परमाणु हथियारों के खतरे को खत्म करना है। अगर खामेनेई को निशाना बनाना इस युद्ध को खत्म कर सकता है, तो हम इस मुद्दे पर विचार करने से पीछे नहीं हटेंगे।" नेतन्याहू के इस बयान ने युद्ध को और जटिल बना दिया है, क्योंकि यह साफ संकेत देता है कि इज़राइल अब केवल सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं है, बल्कि ईरानी शासन को सीधे निशाना बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है।


ईरान का जवाब: सरेंडर नहीं करेंगे

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इज़राइली हमलों को मूर्खतापूर्ण करार देते हुए कहा है कि ईरान इस युद्ध में पीछे नहीं हटेगा। बुधवार को एक टेलीविजन संबोधन में खामेनेई ने कहा, "जायोनी शासन ने हमारे देश पर हमला करके अपनी क्रूरता दिखाई है, लेकिन हमारी सेना और जनता इस अपराध का जवाब देगी। हम किसी भी धमकी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।" खामेनेई ने अमेरिका को भी चेतावनी दी कि अगर उसने इस युद्ध में हस्तक्षेप किया, तो "परिणाम भयानक होंगे।"

खामेनेई ने हाल ही में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के नए प्रमुख के रूप में मोहम्मद पाकपुर को नियुक्त किया है, क्योंकि पिछले प्रमुख हुसैन सलामी इज़राइली हमले में मारे गए। ईरानी सेना ने इज़राइल के खिलाफ हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल शुरू किया है, जिसे इज़राइल का आयरन डोम डिफेंस सिस्टम रोकने में असफल रहा। ईरानी मीडिया ने दावा किया है कि तेल अवीव में हुए हमलों में 25 लोग मारे गए और कई घायल हुए।

इज़राइल और ईरान के बीच यह युद्ध न केवल Middle East बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चेतावनी है। दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव इस बात की ओर इशारा करते हैं कि शांति और कूटनीति ही इस संकट का एकमात्र समाधान है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस दिशा में तत्काल कदम उठाने की जरूरत है, ताकि और अधिक तबाही को रोका जा सके।