मोदी-रामगूलम की हुई बातचीत: हिंद महासागर में भारत-मॉरीशस की क्या है वो गुप्त योजना? प्रधानमंत्री ने दी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगूलम के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और मॉरीशस के बीच 'उन्नत रणनीतिक साझेदारी' (Enhanced Strategic Partnership) को और मजबूत करने के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया। पीएम मोदी ने इस बातचीत को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर साझा करते हुए कहा कि मॉरीशस भारत के 'विजन महासागर' (Vision MAHASAGAR) और 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति का एक महत्वपूर्ण साझेदार बना हुआ है।

भारत-मॉरीशस के बीच गहरे रिश्ते

भारत और मॉरीशस के बीच संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक बंधनों पर आधारित हैं। मॉरीशस की लगभग 70% आबादी भारतीय मूल की है, जिसके कारण यह देश भारत के लिए न केवल एक राजनयिक साझेदार है, बल्कि परिवार का हिस्सा माना जाता है। पीएम मोदी ने इसे "मिनी इंडिया" कहकर संबोधित किया है, जो दोनों देशों के बीच गहरे जुड़ाव को दर्शाता है। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने इन रिश्तों को और गहरा करने पर जोर दिया।


क्या है Vision MAHASAGAR के लिए भारत की नई नीति

पीएम मोदी ने इस साल मार्च में मॉरीशस की अपनी यात्रा के दौरान 'Vision MAHASAGAR' (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) की घोषणा की थी। यह नीति 2015 में घोषित 'सागर' (Security and Growth for All in the Region) नीति का विस्तार है, जिसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देना था। विजन महासागर का लक्ष्य वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ व्यापार, क्षमता निर्माण और आपसी सुरक्षा के जरिए साझा विकास को बढ़ावा देना है। इस नीति में तकनीकी सहयोग, रियायती ऋण और अनुदान जैसे कदम शामिल हैं। 

मॉरीशस इस नीति में एक केंद्रीय साझेदार है। दोनों देशों ने मार्च 2025 में अपनी साझेदारी को 'उन्नत रणनीतिक साझेदारी' का दर्जा दिया था और आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। इन समझौतों में समुद्री सुरक्षा, स्थानीय मुद्राओं में व्यापार, और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के क्षेत्र में सहयोग शामिल है।

नेबरहुड फर्स्ट नीति का महत्व

भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को प्राथमिकता देती है, और मॉरीशस इस नीति का एक खास हिस्सा है। इस नीति के तहत भारत ने मॉरीशस को विभिन्न क्षेत्रों में सहायता प्रदान की है, जैसे कि आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचा विकास। उदाहरण के लिए, भारत ने मॉरीशस में मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना, नया सुप्रीम कोर्ट भवन और अगालेगा द्वीप पर हवाई पट्टी और जेट्टी जैसी परियोजनाओं में योगदान दिया है। 

हाल ही में चक्रवात चिडो के बाद भारत ने मॉरीशस को त्वरित सहायता प्रदान की थी, जिसमें परिवहन विमान और जहाजों की तैनाती शामिल थी। यह भारत की 'फर्स्ट रिस्पॉन्डर' की भूमिका को दर्शाता है।


टेलीफोनिक पर हुई खास बातचीत

पीएम मोदी और पीएम रामगूलम ने अपनी बातचीत में कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा की:
  • विकास साझेदारी: भारत ने मॉरीशस के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कई परियोजनाओं का समर्थन किया है, जैसे कि 487 करोड़ रुपये की भारतीय रुपये में लाइन ऑफ क्रेडिट, जिसका उपयोग मॉरीशस में जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा।
  • रक्षा और समुद्री सुरक्षा: दोनों देशों ने समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जहाजों और विमानों की तैनाती बढ़ाने पर सहमति जताई है। मॉरीशस के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की सुरक्षा में भारत की सहायता महत्वपूर्ण है।
  • सांस्कृतिक और जन-जन संपर्क: पीएम मोदी ने मॉरीशस के 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में पीएम रामगूलम की भागीदारी की सराहना की, जो दोनों देशों के साझा सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाता है।
  • डिजिटल और उभरते क्षेत्र: दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष अनुसंधान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), डिजिटल स्वास्थ्य, और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।


क्षेत्रीय और दुनियां पर प्रभाव  ?

यह बातचीत हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ते भू-राजनीतिक महत्व के बीच हुई है। चीन की इस क्षेत्र में बढ़ती मौजूदगी के जवाब में भारत ने मॉरीशस के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया है। मॉरीशस की रणनीतिक स्थिति, जो यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका और एशिया को जोड़ने वाली समुद्री लेन के करीब है, इसे भारत के लिए महत्वपूर्ण बनाती है। 

इसके अलावा, मॉरीशस के चागोस द्वीपसमूह पर दावे को भारत ने लगातार समर्थन दिया है। हाल ही में ब्रिटेन ने इस द्वीपसमूह की संप्रभुता मॉरीशस को सौंपने की घोषणा की थी, हालांकि इस मुद्दे पर अभी चर्चा जारी है।

पीएम मोदी और पीएम रामगूलम की इस बातचीत ने दोनों देशों के बीच सहयोग को और गहरा करने की प्रतिबद्धता को दोहराया है। भारत मॉरीशस के नए संसद भवन के निर्माण में सहयोग करेगा और मॉरीशस के 500 सिविल सेवकों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इसके अलावा, दोनों देश स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने और समुद्री डेटा साझा करने जैसे कदमों पर काम कर रहे हैं। 

पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में मॉरीशस को भारत का "मित्र और परिवार" बताते हुए कहा, "हम मॉरीशस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं।" यह बातचीत दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग की गहरी नींव को दर्शाती है, जो आने वाले वर्षों में और मजबूत होगी।