केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण अभियान को लेकर विपक्षी महागठबंधन के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव, इस अभियान को साजिश के चश्मे से देख रहे हैं क्योंकि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी हार को पहले ही भांप चुके हैं। चिराग ने यह भी दोहराया कि बिहार की जनता 1990 के दशक के उस 'जंगलराज' को कभी वापस नहीं लाएगी, जिसने राज्य को बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया था।
पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान चिराग पासवान ने मतदाता पुनरीक्षण अभियान का बचाव करते हुए कहा कि यह एक सामान्य और पारदर्शी प्रक्रिया है, जिसका मकसद फर्जी मतदाताओं को हटाकर मतदाता सूची को और अधिक विश्वसनीय बनाना है। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग का यह कदम सुनिश्चित करता है कि कोई भी फर्जी वोटर मतदान प्रक्रिया को प्रभावित न कर सके। यह एक नियमित प्रक्रिया है, जिसे समय-समय पर अपनाया जाता है। लेकिन विपक्ष को हर चीज में साजिश नजर आती है।"
तेजस्वी यादव पर तीखा हमला
चिराग ने तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि आरजेडी और उनके परिवार को बिहार की जनता ने 15 साल तक सत्ता में रखा, लेकिन उस दौरान बिहार को केवल 'जंगलराज' ही मिला। उन्होंने कहा, "तेजस्वी भूल जाते हैं कि 1990 का दशक बिहार के लिए सबसे अंधेरा दौर था। उस समय कानून-व्यवस्था की स्थिति बदहाल थी, अपराध चरम पर था और बिहार से लोगों का पलायन शुरू हो गया था। बिहार की जनता उस दौर को भूली नहीं है और वह दोबारा जंगलराज को स्वीकार नहीं करेगी।"
चिराग ने तेजस्वी के उस बयान पर भी तंज कसा जिसमें उन्होंने जनता से 20 महीने का समय मांगकर 20 साल के बराबर काम करने का वादा किया था। चिराग ने कहा, "जिन्होंने 15 साल तक बिहार को बर्बाद किया, वे अब 20 महीने में चमत्कार करने की बात कह रहे हैं। जनता सब समझती है और वह इनके बहकावे में नहीं आएगी।"
मुख्यमंत्री का फैसला जनता के हाथ
बिहार में अगले मुख्यमंत्री के सवाल पर चिराग ने साफ कहा कि यह फैसला बिहार की जनता करेगी। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह न मैं तय करूंगा, न कोई और नेता। बिहार की जनता ही अपने नेता को चुनेगी। हमारा काम है जनता के सामने अपनी नीतियां और काम रखना, बाकी जनता मालिक है।" चिराग ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी एनडीए गठबंधन के साथ मजबूती से खड़ी है और आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन की जीत के लिए पूरी ताकत से काम करेगी।
विपक्ष के आरोपों का जवाब
विपक्ष, खासकर तेजस्वी यादव ने मतदाता पुनरीक्षण अभियान को गरीबों और वंचित वर्गों के वोटिंग अधिकार छीनने की साजिश करार दिया है। तेजस्वी ने दावा किया कि इस अभियान के लिए मांगे जा रहे दस्तावेज, जैसे माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र, गरीब तबके के पास उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और कहा कि यह कदम महागठबंधन के वोटरों को निशाना बनाने के लिए उठाया गया है।
चिराग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "विपक्ष को किसी भी व्यवस्था या संस्थान पर भरोसा नहीं बचा है। वे हर काम को साजिश का नाम देकर अराजकता फैलाना चाहते हैं। मतदाता पुनरीक्षण एक साफ प्रक्रिया है और इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हो रही। विपक्ष को चाहिए कि वह अपनी हार की तैयारी करे, न कि बेवजह के आरोप लगाए।"
चिराग का बिहार फर्स्ट का नारा
चिराग पासवान ने अपनी 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' की सोच को फिर से दोहराया और कहा कि उनकी राजनीति का मकसद बिहार को विकास के रास्ते पर ले जाना है। उन्होंने कहा, "मेरा सपना है कि बिहार का कोई युवा रोजगार के लिए राज्य से बाहर न जाए और कोई बच्चा पढ़ाई के लिए बिहार छोड़ने को मजबूर न हो। हमारी पार्टी और एनडीए गठबंधन इस दिशा में काम कर रहा है।"
सियासी पारा गर्म
बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासी बयानबाजी भी तेज हो रही है। चिराग पासवान और तेजस्वी यादव के बीच यह तीखी बयानबाजी बिहार की राजनीति में एक नया रंग ला रही है। जहां एक तरफ चिराग एनडीए के साथ अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे हैं, वहीं तेजस्वी महागठबंधन को एकजुट रखने और जनता के बीच अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश में हैं।
बिहार की जनता अब इन नेताओं के बयानों और उनके कामकाज को करीब से देख रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनाव में जनता किसे अपना नेता चुनती है और बिहार की सियासत में अगला अध्याय क्या होगा।