सुकमा में नक्सली हमला: एडिशनल ASP आकाश राव शहीद, एक जवान घायल

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले से एक दुखद और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। रविवार, 8 जून 2025 को कोंटा-एर्राबोर मार्ग पर डोंड्रा गांव के पास माओवादियों द्वारा बिछाए गए प्रेशर IED (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) के विस्फोट में कोंटा क्षेत्र के एडिशनल पुलिस अधीक्षक (ASP) आकाश राव गिरपुंजे शहीद हो गए। इस कायरतापूर्ण हमले में एक अन्य जवान भी गंभीर रूप से घायल हुआ है, जिसे तत्काल कोंटा अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना का विवरण

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब एएसपी आकाश राव अपनी टीम के साथ कोंटा-एर्राबोर मार्ग पर पैदल गश्त कर रहे थे। यह गश्त माओवादियों द्वारा 10 जून को घोषित भारत बंद को देखते हुए क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए की जा रही थी। गश्त के दौरान डोंड्रा गांव के पास माओवादियों द्वारा पहले से बिछाए गए प्रेशर बम की चपेट में एएसपी आकाश राव और उनकी टीम आ गई। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आकाश राव गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत कोंटा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस हमले में घायल हुए जवान की हालत स्थिर बताई जा रही है, और उसका इलाज कोंटा अस्पताल में जारी है।

आकाश राव, एक साहसी अधिकारी

आकाश राव गिरपुंजे 2013 बैच के छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा के अधिकारी थे। रायपुर में जन्मे और पले-बढ़े आकाश ने अपनी स्कूलिंग भी यहीं से पूरी की थी। उन्होंने रायपुर और महासमुंद में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दीं और अपनी कर्तव्यनिष्ठा और साहस के लिए कई बार सम्मानित किए गए। सूत्रों के अनुसार, वे एक पूर्व कांग्रेस पार्षद के रिश्तेदार भी थे। उनकी शहादत की खबर से उनके परिवार और सहकर्मियों में शोक की लहर दौड़ गई है।

उपमुख्यमंत्री का बयान

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, "एएसपी आकाश राव गिरपुंजे एक नन्हा साहसी अधिकारी थे, जिन्हें उनकी वीरता के लिए कई पुरस्कार मिले थे। उनकी शहादत हमारे लिए अपूरणीय क्षति है। माओवादियों की यह कायरतापूर्ण हरकत उनकी हताशा को दर्शाती है, क्योंकि सुरक्षा बलों ने हाल के महीनों में उनके खिलाफ कई सफल अभियान चलाए हैं। हम उनके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।"

नक्सलियों की हताशा और सुरक्षा बलों की कार्रवाई

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हाल के समय में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है। बीजापुर और सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कई बड़े माओवादी कमांडरों को ढेर किया गया है और उनके ठिकानों को नष्ट किया गया है। माना जा रहा है कि इन अभियानों से बौखलाए नक्सलियों ने इस तरह की कायराना हरकत को अंजाम दिया है। घटना के बाद क्षेत्र में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है, और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। बस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे हमले

यह कोई पहली घटना नहीं है जब सुकमा जिले में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाया हो। इससे पहले नवंबर 2024 में भी एक IED विस्फोट में जिला रिजर्व गार्ड का एक जवान घायल हुआ था। इसके अलावा, मई 2025 में सुकमा के तुमरेल गांव के जंगलों में हुई मुठभेड़ में एक कोबरा कमांडो शहीद हो गया था। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के सामने कितनी बड़ी चुनौती है।

आगे की राह

आकाश राव की शहादत ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की समस्या को उजागर किया है। गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा, "हम नक्सलियों के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज करेंगे। छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का खात्मा अब ज्यादा दूर नहीं है।" स्थानीय लोगों और पुलिस अधिकारियों का मानना है कि नक्सलियों की यह हरकत उनकी कमजोर होती स्थिति का सबूत है, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा बलों को और सतर्कता बरतने की जरूरत है।
एएसपी आकाश राव गिरपुंजे की शहादत न केवल पुलिस बल के लिए, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक बड़ा नुकसान है। उनके साहस और बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा। हम उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायल जवान के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।