बिहार के सिवान जिले में शुक्रवार देर शाम एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई, जिसमें दो गुटों के बीच हुए हिंसक झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना सिवान-मलमलिया मुख्य मार्ग पर हुई, जिसने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इलाके में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

क्या हुआ था?

जानकारी के अनुसार, यह खूनी संघर्ष सिवान के मलमलिया थाना क्षेत्र में हुआ। स्थानीय लोगों और पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दो गुटों के बीच किसी आपसी विवाद को लेकर तनातनी चल रही थी। शुक्रवार शाम को यह विवाद उस समय हिंसक रूप ले लिया, जब एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस हमले में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग बुरी तरह घायल हो गए। मृतकों में एक पूर्व मुखिया का बेटा भी शामिल बताया जा रहा है।

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सिवान-पटना मुख्य मार्ग पर शवों को रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। गुस्साई भीड़ ने एक मोटरसाइकिल में आग लगा दी, जिससे इलाके में तनाव और बढ़ गया। बाजार बंद हो गए और सड़कों पर सन्नाटा पसर गया।



पुलिस और प्रशासन का रुख

घटना की सूचना मिलते ही सिवान के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनोज तिवारी और सब-डिवीजनल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घायलों को तुरंत बसंतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज चल रहा है। गंभीर हालत को देखते हुए कुछ घायलों को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया है।

पुलिस ने बताया कि मृतकों में से एक का शव मलमलिया चौक पर और तीन शव मलमलिया-मशरख पथ के आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) के पास मिले। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि हमलावरों ने तलवार जैसे धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया। 

सिवान के पूर्व विधायक सत्यदेव प्रसाद सिंह और जदयू नेता अनिल सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने में प्रशासन का साथ दिया। पुलिस ने इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है ताकि आगे कोई अप्रिय घटना न हो।



स्थानीय लोगों में दहशत

इस घटना के बाद मलमलिया और आसपास के इलाकों में डर का माहौल है। स्थानीय दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं और लोग घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। एक स्थानीय निवासी रमेश सिंह ने बताया, "ऐसी घटना ने पूरे गांव को झकझोर दिया है। हम लोग रात से डरे हुए हैं, और बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे।"



बिहार में बढ़ती अपराध की चिंता

यह घटना बिहार में बढ़ते अपराध के मामलों को फिर से उजागर करती है। हाल के महीनों में सिवान और आसपास के इलाकों में हिंसक वारदातों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। कुछ दिन पहले ही सिवान के हरदिया गांव में जमीन विवाद को लेकर तीन सगे भाइयों पर गोलीबारी हुई थी, जिसमें एक की मौत हो गई थी और दो घायल हुए थे।

स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता सरकार से अपराध पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता अनीता देवी ने कहा, "बिहार में आम लोग डर के साये में जी रहे हैं। सरकार को चाहिए कि पुलिस को और सक्रिय करे और अपराधियों को सख्त सजा दे।"

पुलिस ने बताया कि इस मामले में कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, और उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं। यह भी जांच की जा रही है कि क्या यह हमला शराब के अवैध कारोबार या पुरानी रंजिश से जुड़ा था, जैसा कि मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया है।

पुलिस अधीक्षक मनोज तिवारी ने कहा, "हम हर पहलू पर जांच कर रहे हैं। अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा, और इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।"

सिवान की इस घटना ने एक बार फिर बिहार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोग शांति और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, जबकि प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने का भरोसा दिलाया है। इस मामले में आगे की जांच से ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि इस हिंसा के पीछे की असल वजह क्या थी।