लॉर्ड्स टेस्ट: भारत की रणनीति, बुमराह की वापसी और पंत की चोट ने बढ़ाई टेंशन

लंदन के ऐतिहासिक लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट मैच चल रहा है, और यह मुकाबला कई मायनों में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए यह टेस्ट सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि एक रोमांचक जंग है, जिसमें जसप्रीत बुमराह की वापसी, ऋषभ पंत की चोट और सचिन तेंदुलकर का खास योगदान सुर्खियां बटोर रहा है।

जसप्रीत बुमराह की धमाकेदार वापसी

भारतीय तेज गेंदबाजी के धुरंधर जसप्रीत बुमराह की इस टेस्ट में वापसी को लेकर क्रिकेट प्रेमी उत्साहित हैं। पिछले कुछ समय से चोट के कारण बाहर चल रहे बुमराह ने नेट्स में जमकर अभ्यास किया है और उनकी फिटनेस को लेकर कोचिंग स्टाफ पूरी तरह संतुष्ट नजर आ रहा है। सूत्रों की मानें तो बुमराह इस टेस्ट में न सिर्फ गेंदबाजी की कमान संभालेंगे, बल्कि उनकी स्विंग और यॉर्कर से इंग्लिश बल्लेबाजों को परेशान करने की पूरी तैयारी है। कप्तान रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में संकेत दिए कि बुमराह की मौजूदगी से गेंदबाजी आक्रमण को नई धार मिलेगी। खासकर लॉर्ड्स की पिच, जो शुरुआती दिन में तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होती है, बुमराह के लिए एक शानदार मौका लेकर आई है।


ऋषभ पंत की चोट ने बढ़ाई चिंता

मैच शुरू होने से पहले ही भारतीय खेमे में एक बड़ा झटका लगा, जब स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत चोटिल हो गए। प्रैक्टिस सेशन के दौरान पंत के टखने में चोट लगी, जिसके बाद उनकी फिटनेस पर सवाल उठ रहे हैं। मेडिकल टीम उनकी स्थिति पर नजर रख रही है, लेकिन यह लगभग तय है कि वह इस टेस्ट में विकेटकीपिंग नहीं कर पाएंगे। उनकी जगह अब युवा विकेटकीपर संजू सैमसन और ईशान किशन के नाम पर चर्चा हो रही है। संजू सैमसन को उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और बेहतर विकेटकीपिंग स्किल्स के चलते प्रबल दावेदार माना जा रहा है। हालांकि, टीम मैनेजमेंट ने अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया है। पंत की अनुपस्थिति न सिर्फ विकेटकीपिंग में, बल्कि मध्यक्रम में भी भारत के लिए चुनौती बन सकती है, क्योंकि उनकी आक्रामक बल्लेबाजी ने पिछले टेस्ट में अहम भूमिका निभाई थी।


सचिन तेंदुलकर ने बजाई ऐतिहासिक घंटी

लॉर्ड्स टेस्ट की शुरुआत से पहले क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने मैदान पर मौजूद प्रशंसकों का दिल जीत लिया। सचिन ने लॉर्ड्स की परंपरा के तहत ऐतिहासिक घंटी (लॉर्ड्स बेल) बजाकर मैच की शुरुआत की। यह पल न सिर्फ भारतीय प्रशंसकों के लिए गर्व का क्षण था, बल्कि क्रिकेट की दुनिया में एक यादगार लम्हा बन गया। सचिन ने इस मौके पर कहा, “लॉर्ड्स का मैदान मेरे लिए हमेशा खास रहा है, और इस तरह की परंपरा का हिस्सा बनना गर्व की बात है।” उनकी मौजूदगी ने भारतीय टीम में भी जोश भरा, और खिलाड़ी इसे एक शुभ संकेत मान रहे हैं।


भारत की रणनीति

बल्लेबाजी में रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल से मजबूत शुरुआत की उम्मीद है, जबकि  विराट कोहली और केएल राहुल पर बड़ी जिम्मेदारी होगी। गेंदबाजी में बुमराह के साथ मोहम्मद सिराज और रविचंद्रन अश्विन की भूमिका अहम होगी। अश्विन की फिरकी लॉर्ड्स की पिच पर बाद के दिनों में असरदार हो सकती है, क्योंकि पिच आमतौर पर स्पिनरों के लिए मददगार बन जाती है।

इंग्लैंड की टीम इस सीरीज में अब तक कांटे की टक्कर दे रही है, और उनके पास जो रूट, बेन स्टोक्स और जेम्स एंडरसन जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं। भारत के लिए जरूरी होगा कि वह शुरुआती सेशन में इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को जल्दी समेटे, ताकि दबाव बनाया जा सके।

लॉर्ड्स का यह टेस्ट भारत के लिए कई मायनों में अहम है। बुमराह की वापसी से गेंदबाजी को मजबूती मिली है, लेकिन पंत की चोट ने रणनीति में बदलाव की जरूरत पैदा की है। सचिन तेंदुलकर का योगदान और भारतीय टीम की आक्रामक रणनीति इस मैच को रोमांचक बनाने के लिए काफी है। अब देखना यह है कि क्या भारत लॉर्ड्स के इस ऐतिहासिक मैदान पर अपनी जीत का परचम लहरा पाएगा, या इंग्लैंड अपनी धरती पर वापसी करेगा।