उत्तराखंड के हरिद्वार से रुड़की के बीच चल रही कांवड़ यात्रा के दौरान गुरुवार को कुछ कांवड़ियों ने जमकर हंगामा मचाया। इस दौरान हुई तोड़फोड़ की घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को त्वरित कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया है। इस घटना ने न केवल यात्रा की पवित्रता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि स्थानीय लोगों में भी गुस्सा पैदा किया है।
क्या हुआ था?
गुरुवार दोपहर को हरिद्वार-रुड़की मार्ग पर कांवड़ियों का एक बड़ा समूह गंगा जल लेकर अपने गंतव्य की ओर जा रहा था। इस दौरान कुछ कांवड़ियों और स्थानीय लोगों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि कुछ कांवड़ियों ने सड़क किनारे खड़े वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। वायरल वीडियो में कुछ युवा कांवड़िए लाठियों और डंडों से वाहनों के शीशे तोड़ते और दुकानों पर पथराव करते नजर आ रहे हैं। इस हंगामे में कुछ लोगों को मामूली चोटें भी आईं, हालांकि अभी तक किसी गंभीर घायल होने की खबर नहीं है।
स्थानीय लोगों का गुस्सा
इस घटना से स्थानीय व्यापारी और निवासी खासे नाराज हैं। रुड़की के एक दुकानदार राजेश कुमार ने बताया, "कांवड़ यात्रा तो हमारे लिए आस्था का प्रतीक है, लेकिन इस तरह की हरकतें शर्मनाक हैं। हम हर साल कांवड़ियों का स्वागत करते हैं, उनके लिए पानी और भोजन का इंतजाम करते हैं, लेकिन अगर कोई हमारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" कई स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
पुलिस और प्रशासन का बयान
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की। हरिद्वार के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अजय सिंह ने बताया, "हमने वीडियो फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर जांच शुरू कर दी है। दोषियों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।" पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
कांवड़ यात्रा और इसकी महत्ता
कांवड़ यात्रा हर साल सावन के महीने में लाखों शिवभक्तों द्वारा की जाती है। इस दौरान भक्त गंगा नदी से जल लेकर अपने स्थानीय शिव मंदिरों में चढ़ाते हैं। हरिद्वार, उत्तराखंड इस यात्रा का प्रमुख केंद्र है, जहां से लाखों कांवड़िए जल लेकर अपने गंतव्य की ओर निकलते हैं। यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी एकजुटता का प्रतीक मानी जाती है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिन्होंने इस पवित्र यात्रा की छवि को धूमिल करने की कोशिश की है।
सोशल मीडिया पर बवाल
वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया है। कुछ लोग कांवड़ियों के इस व्यवहार की निंदा कर रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि यह कुछ असामाजिक तत्वों की हरकत है, जिसे पूरी यात्रा से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। एक यूजर ने लिखा, "कांवड़ यात्रा भक्ति का प्रतीक है, लेकिन कुछ लोग इसे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे लोगों पर सख्ती बरते।" वहीं, कुछ यूजर्स ने पुलिस से जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है।
अब क्या करेगा प्रशासन
इस घटना के बाद प्रशासन ने कांवड़ यात्रा मार्गों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने का फैसला किया है। साथ ही, सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन की मदद से निगरानी बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। स्थानीय लोग और व्यापारी भी चाहते हैं कि यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो, ताकि किसी की भावनाएं आहत न हों और न ही कोई नुकसान हो।
कांवड़ यात्रा जैसे धार्मिक आयोजन न केवल आस्था का प्रतीक हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं सभी के लिए चिंता का विषय हैं। यह जरूरी है कि प्रशासन और कांवड़िए दोनों मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएं। फिलहाल, पुलिस की जांच और प्रशासन की सख्ती से उम्मीद है कि दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होगी।