कर्नाटक के एक कस्बे में स्थित केनरा बैंक की शाखा में हुई ₹53 करोड़ की सोने की चोरी ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि इस डकैती का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि बैंक का मैनेजर ही था। चोरों ने न केवल लॉकर रूम को निशाना बनाया, बल्कि एक रहस्यमयी गुड़िया को पीछे छोड़ गए, जिसका श्रृंगार सिंदूर और हल्दी से किया गया था। इस घटना ने पुलिस और स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया है।
डकैती की पूरी कहानी
यह घटना कर्नाटक के हासन जिले के एक छोटे से कस्बे में स्थित केनरा बैंक की शाखा में 8 जुलाई 2025 की रात को घटी। रात के अंधेरे में चोरों ने बैंक के लॉकर रूम में सेंधमारी की और वहाँ रखे ₹53 करोड़ मूल्य के सोने के गहनों और सिक्कों को चुरा लिया।
लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि लॉकर रूम में चोरों ने एक गुड़िया छोड़ी, जिसके माथे पर सिंदूर और चेहरे पर हल्दी लगाई गई थी। यह गुड़िया एक छोटे से कपड़े में लिपटी हुई थी और इसे लॉकर रूम के बीचों-बीच रखा गया था। पुलिस इस गुड़िया के पीछे के रहस्य को सुलझाने में जुटी है, क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि यह किसी तांत्रिक क्रिया का हिस्सा हो सकता है, जबकि अन्य इसे पुलिस को गुमराह करने की चाल मान रहे हैं।
बैंक मैनेजर की भूमिका
जाँच के दौरान पुलिस को कई अहम सुराग मिले, जिन्होंने इस मामले को और भी पेचीदा बना दिया। शुरुआती तफ्तीश में यह सामने आया कि बैंक मैनेजर, 42 वर्षीय रमेश कुमार (बदला हुआ नाम), इस डकैती में शामिल थे। पुलिस ने जब मैनेजर से पूछताछ की, तो उनके बयानों में कई प्रूफ पाए गए। सीसीटीवी फुटेज और बैंक के कर्मचारियों के बयानों के आधार पर पुलिस ने मैनेजर को हिरासत में लिया।
पुलिस के अनुसार, रमेश ने चोरों को लॉकर रूम की पूरी जानकारी दी थी और सुरक्षा प्रणाली को निष्क्रिय करने में उनकी मदद की थी। इसके बदले में उन्हें मोटी रकम देने का वादा किया गया था। जाँच में यह भी पता चला कि रमेश पिछले कुछ महीनों से आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और भारी कर्ज में डूबे हुए थे। यही वजह थी कि उन्होंने इस अपराध में शामिल होने का फैसला किया।
पुलिस की कार्रवाई
हासन जिले की पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की। डकैती की सूचना मिलते ही पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जाँच शुरू की। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है। पुलिस ने लॉकर रूम से मिली गुड़िया को फॉरेंसिक जाँच के लिए भेजा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसका इस अपराध से कोई संबंध है या नहीं।
पुलिस अधीक्षक (हासन), अनिल शर्मा, ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, "यह एक सुनियोजित अपराध था, जिसमें बैंक के अंदरूनी व्यक्ति की मदद ली गई थी। हमने मैनेजर को हिरासत में लिया है और जल्द ही बाकी आरोपियों को भी पकड़ लिया जाएगा। हम यह भी जाँच कर रहे हैं कि चोरी गया सोना कहाँ ले जाया गया और क्या यह किसी बड़े गिरोह का काम है।"
स्थानीय लोगों में दहशत
इस घटना के बाद हासन और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग दहशत में हैं। कई लोगों ने बैंक में अपने गहनों और कीमती सामान की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं। स्थानीय निवासी राधिका गौड़ा ने कहा, "हम अपने गहने और पैसे बैंकों में इसलिए रखते हैं ताकि वे सुरक्षित रहें। लेकिन अगर बैंक मैनेजर ही चोरों के साथ मिल जाए, तो हम किस पर भरोसा करें?"
बैंक का बयान
केनरा बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक ने एक बयान जारी कर कहा, "हम इस घटना से बेहद दुखी और हैरान हैं। हम अपने ग्राहकों को आश्वस्त करते हैं कि उनकी जमा राशि और सामान की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हम पुलिस के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं और इस मामले की गहन जाँच कर रहे हैं।"
पुलिस अब इस बात की जाँच कर रही है कि क्या इस डकैती में कोई बड़ा आपराधिक गिरोह शामिल था। साथ ही, यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि चोरी गया सोना कहाँ ले जाया गया और क्या इसे राज्य के बाहर या विदेश में भेजा गया है। गुड़िया के रहस्य को सुलझाने के लिए पुलिस ने स्थानीय तांत्रिक और धार्मिक विशेषज्ञों से भी संपर्क किया है, ताकि इसके पीछे की मंशा को समझा जा सके।
यह डकैती न केवल एक गंभीर अपराध है, बल्कि यह बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है। इस घटना ने लोगों का भरोसा हिलाया है और पुलिस पर जल्द से जल्द सभी आरोपियों को पकड़ने का दबाव है। जैसे-जैसे इस मामले की जाँच आगे बढ़ेगी, उम्मीद है कि इस सनसनीखेज डकैती के और भी रहस्य सामने आएंगे।