सावन का पवित्र महीना शुरू होते ही दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों में मानसून की पहली बारिश ने आम जनजीवन को प्रभावित कर दिया। तुगलकाबाद, संगम विहार, और आसपास के क्षेत्रों में भारी जलभराव की स्थिति देखने को मिली, जिससे सावन के पहले दिन शिव मंदिरों में दर्शन के लिए जाने वाले भक्तों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस जलभराव ने दिल्ली सरकार की जल निकासी व्यवस्था के दावों की पोल खोल दी।
तुगलकाबाद और संगम विहार में जलभराव का कहर
सावन के पहले दिन सुबह से ही दक्षिणी दिल्ली में तेज बारिश शुरू हो गई। बारिश के कुछ ही घंटों में तुगलकाबाद गांव, संगम विहार, और आसपास की कॉलोनियों की सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया, जिससे न केवल पैदल चलना मुश्किल हो गया, बल्कि वाहनों की आवाजाही भी ठप हो गई। खासकर तुगलकाबाद गांव में स्थिति इतनी खराब थी कि कई लोग अपने घरों से बाहर ही नहीं निकल पाए।
स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया, "हर साल बारिश में यही हाल होता है। सावन में तो हम शिव मंदिर जाने की तैयारी करते हैं, लेकिन सड़कों पर इतना पानी भर जाता है कि मंदिर तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। सरकार हर बार बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन हकीकत में कुछ बदलता नहीं।"
शिव भक्तों को हुई परेशानी
सावन का महीना हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाता है, और इस दौरान शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। लेकिन इस बार जलभराव के कारण तुगलकाबाद और संगम विहार के कई शिवालयों तक पहुंचना भक्तों के लिए चुनौती बन गया। कई भक्तों ने बताया कि वे मंदिर तो पहुंचे, लेकिन रास्ते में कीचड़ और पानी से जूझना पड़ा। कुछ मंदिरों में पानी घुसने की भी खबरें आईं, जिससे पूजा-पाठ में बाधा उत्पन्न हुई।
एक भक्त, शालिनी शर्मा, ने कहा, "हम सावन के पहले दिन भगवान शिव के दर्शन के लिए उत्साहित थे, लेकिन रास्ते में इतना पानी था कि कपड़े पूरी तरह भीग गए। मंदिर में भी पानी भरा था, जिससे मन खराब हो गया। सरकार को इस समस्या का स्थायी समाधान करना चाहिए।"
दिल्ली सरकार के दावों पर उठे सवाल
दिल्ली सरकार ने बार-बार दावा किया है कि उसने शहर की जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त किया है। हालांकि, तुगलकाबाद और संगम विहार जैसे इलाकों में जलभराव की स्थिति ने इन दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नालों की सफाई समय पर नहीं की जाती, और बारिश के मौसम में जल निकासी की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाती है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा, "हमने जल निकासी व्यवस्था में काफी सुधार किया है। तुगलकाबाद और संगम विहार जैसे इलाकों में कुछ समस्याएं आई हैं, जिन्हें जल्द से जल्द ठीक किया जाएगा। हमारी टीमें दिन-रात काम कर रही हैं, और भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए और बेहतर कदम उठाए जाएंगे।"
स्थानीय लोगों की मांग
तुगलकाबाद और संगम विहार के निवासियों ने सरकार से जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान करने की मांग की है। उनका कहना है कि हर साल बारिश के मौसम में एक ही तरह की परेशानी सामने आती है, और सरकार के दावे सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाते हैं। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता अनिल शर्मा ने कहा, "हमें हर साल वादे सुनने को मिलते हैं, लेकिन धरातल पर कोई बदलाव नहीं दिखता। नालों की सफाई, सड़कों का निर्माण, और जल निकासी की बेहतर व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है।"
सावन के पहले दिन की बारिश ने एक बार फिर दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था की कमियों को उजागर कर दिया है। भक्तों की परेशानी और स्थानीय लोगों की नाराजगी ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। अब देखना यह है कि दिल्ली सरकार इस समस्या से निपटने के लिए क्या ठोस कदम उठाती है, ताकि अगली बारिश में शहरवासियों को इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
फिलहाल, दक्षिणी दिल्ली के लोग बारिश के मौसम में बेहतर व्यवस्था की उम्मीद में हैं, ताकि सावन का पवित्र महीना भक्ति और शांति के साथ मनाया जा सके।