पटना, 13 जुलाई 2025: बिहार की राजधानी पटना में एक और सनसनीखेज हत्या ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। शनिवार देर रात पुनपुन प्रखंड के शेखपुरा गांव में बीजेपी नेता, पशु चिकित्सक और किसान सुरेंद्र केवट की बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। 52 वर्षीय सुरेंद्र को चार गोलियां लगीं, जिसके बाद उन्हें तुरंत पटना के एम्स अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। यह घटना व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या के ठीक एक हफ्ते बाद हुई है, जिसने बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना का विवरण

पुलिस के मुताबिक, सुरेंद्र केवट शनिवार रात अपने खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान दो बाइक सवार अज्ञात हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं और फरार हो गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि गोलियों की आवाज सुनकर गांव में हड़कंप मच गया। परिजनों ने तुरंत सुरेंद्र को एम्स पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके। पुलिस अधिकारी कन्हैया सिंह ने बताया, "सुरेंद्र अपने खेत में काम कर रहे थे जब अज्ञात लोगों ने उन पर गोलियां चलाईं। हमने परिजनों के बयान दर्ज किए हैं और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।"


कौन थे सुरेंद्र केवट?

सुरेंद्र केवट पुनपुन प्रखंड में बीजेपी किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष थे और स्थानीय स्तर पर एक सक्रिय नेता के रूप में जाने जाते थे। इसके अलावा, वे पशु चिकित्सक के रूप में इलाके में अपनी सेवाएं देते थे और खेती-बाड़ी से भी जुड़े थे। शेखपुरा गांव में अपने परिवार के साथ रहने वाले सुरेंद्र को लोग एक मददगार और मिलनसार व्यक्ति के रूप में याद कर रहे हैं। उनकी हत्या ने न केवल उनके परिवार को सदमे में डाल दिया है, बल्कि पूरे इलाके में डर और तनाव का माहौल पैदा कर दिया है।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इस घटना ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, "पटना में अब बीजेपी नेता की हत्या! क्या कहें और किससे कहें? क्या एनडीए सरकार में कोई सच्चाई सुनने वाला है या अपनी गलती मानने वाला है?" उन्होंने राज्य में बढ़ते अपराधों के लिए सरकार की नाकामी पर सवाल उठाए।

वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव ने इस घटना को दुखद बताया और तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, "सुरेंद्र केवट एक समर्पित कार्यकर्ता थे। उनकी हत्या चिंता का विषय है। पुलिस को जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ना चाहिए।" बीजेपी विधायक गोपाल रविदास और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी एम्स पहुंचे और सुरेंद्र के परिजनों से मुलाकात की।


कानून-व्यवस्था पर सवाल

सुरेंद्र केवट की हत्या ने बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति को फिर से चर्चा में ला दिया है। गोपाल खेमका की हत्या के बाद अब इस दूसरी बड़ी वारदात ने लोगों में डर पैदा कर दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अपराधी बेखौफ होकर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, जबकि पुलिस की कार्रवाई नाकाफी साबित हो रही है। राम कृपाल यादव ने पुलिस की देरी से पहुंचने पर भी सवाल उठाए और कहा कि घटना के दो घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची, जो चिंताजनक है।


जांच में जुटी पुलिस

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया है और आसपास के इलाकों में छापेमारी की जा रही है। पुलिस का कहना है कि हमलावरों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों की जांच की जा रही है। हालांकि, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।


लोगों में आक्रोश

सुरेंद्र की हत्या के बाद शेखपुरा गांव और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोग और बीजेपी कार्यकर्ता इस घटना के खिलाफ सड़कों पर उतर सकते हैं। कई लोगों ने सरकार से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

सुरेंद्र केवट की हत्या न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि यह बिहार में बढ़ते अपराधों का एक और उदाहरण बन गया है। यह घटना सरकार और प्रशासन के लिए एक चुनौती है कि वे लोगों में सुरक्षा का भरोसा कैसे बहाल करते हैं। फिलहाल, सभी की नजरें पुलिस की जांच पर टिकी हैं, और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलेगी।