चक्रधरपुर रेल मंडल में राउरकेला-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस पर कुछ हमलावरों ने पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया, जिससे ट्रेन में सवार यात्रियों में दहशत फैल गई। यह घटना पानपोस और कलुंगा स्टेशन के बीच हुई, जिसमें ट्रेन के कोच के शीशे टूट गए। गनीमत रही कि इस घटना में कोई यात्री घायल नहीं हुआ, लेकिन यात्रियों में भय का माहौल बना हुआ है। इस घटना ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि बार-बार ऐसी घटनाओं के बावजूद पत्थरबाजों को रोकने में असफल रहे।

जानकारी के मुताबिक, यह घटना उस समय हुई जब वंदे भारत एक्सप्रेस अपनी रफ्तार से पानपोस और कलुंगा स्टेशन के बीच से गुजर रही थी। अचानक कुछ अंजान  लोगों ने ट्रेन पर पत्थर फेंके, जिससे कोच के शीशे चकनाचूर हो गए। तेज रफ्तार ट्रेन होने के कारण पत्थरों की टक्कर से जोरदार आवाज हुई, जिससे यात्री डर गए। एक यात्री, रमेश ने बताया, हम लोग अपने परिवार के साथ सफर कर रहे थे। अचानक तेज आवाज हुई और शीशे टूटने की आवाज सुनाई दी। बच्चे डर गए और हम सब हैरान रह गए कि आखिर ये हुआ क्या।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पानपोस और कलुंगा स्टेशन के बीच का इलाका पहले भी ऐसी घटनाओं के लिए बदनाम रहा है। कुछ अंजान लोग अक्सर ट्रेनों पर पत्थर फेंकते हैं, जिससे न सिर्फ रेलवे की संपत्ति को नुकसान होता है, बल्कि यात्रियों की जान को भी खतरा पैदा होता है। वंदे भारत जैसी आधुनिक और तेज रफ्तार ट्रेन पर इस तरह की घटना ने रेलवे प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है।

यात्रियों का आरोप है कि आरपीएफ इस तरह की घटनाओं को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। एक अन्य यात्री, प्रिया ने गुस्से में कहा, रेलवे सुरक्षा बल को पहले से पता है कि कुछ इलाकों में पत्थरबाजी की घटनाएं होती हैं, फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। अगर समय रहते कार्रवाई की जाए तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।

रेलवे अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है और कहा है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। चक्रधरपुर रेल मंडल के एक अधिकारी ने बताया, "हम इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं। टूटे हुए शीशों को जल्द से जल्द ठीक किया जाएगा और दोषियों की तलाश के लिए आरपीएफ की टीमें काम कर रही हैं।" हालांकि, स्थानीय लोगों और यात्रियों का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सिर्फ जांच की बात कहना काफी नहीं है, बल्कि ठोस कार्रवाई की जरूरत है।

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पत्थरबाजी की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे को उन इलाकों में निगरानी बढ़ाने की जरूरत है,ताकि इस तरह की हरकतों को रोक सकें। इसके अलावा, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर काम करने और जागरूकता अभियान चलाने की भी जरूरत है ताकि असामाजिक लोगों को ऐसा करने से रोका जा सके।
वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें देश की शान हैं और इनका संचालन न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक है, बल्कि यह रेलवे की प्रगति का भी प्रतीक है। लेकिन ऐसी घटनाएं न सिर्फ यात्रियों का भरोसा तोड़ती हैं, बल्कि रेलवे की छवि को भी नुकसान पहुंचाती हैं। रेलवे प्रशासन को चाहिए कि वह इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए ताकि यात्री बिना किसी डर के सुरक्षित सफर कर सकें।