उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर बलिगढ़ क्षेत्र में रविवार तड़के एक बड़ा हादसा हो गया। सुबह-सुबह बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। इस प्राकृतिक आपदा के कारण एक निर्माणाधीन होटल साइट को भारी नुकसान पहुंचा है, और वहां काम कर रहे 8 से 9 मजदूर लापता बताए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और SDRF और NDRF की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गई हैं और राहत व बचाव कार्य में जुट गई हैं।


क्या हुआ बलिगढ़ में?

जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि रविवार सुबह करीब 2:12 बजे बलिगढ़ के पास सिलाई बैंड क्षेत्र में बादल फटने की घटना हुई। अचानक हुई भारी बारिश और मलबे के बहाव ने निर्माणाधीन होटल साइट को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया। इस हादसे में होटल साइट पर काम कर रहे मजदूर मलबे में दब गए, और अभी तक 8 से 9 मजदूरों का कोई पता नहीं चल पाया है। 

 स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह अचानक तेज गड़गड़ाहट और भारी बारिश शुरू हुई। देखते ही देखते मलबा और पानी का सैलाब निर्माणाधीन साइट की ओर बढ़ा, जिससे मजदूरों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। आसपास की नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

राहत और बचाव कार्य में तेजी

हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि पुलिस, SDRF और NDRF की टीमें लापता मजदूरों की तलाश में दिन-रात जुटी हुई हैं। मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनें और अन्य उपकरण मौके पर पहुंचाए गए हैं। राहत कार्यों को तेज करने के लिए अतिरिक्त टीमें भी भेजी गई हैं।

 टीमें पूरी मुस्तैदी से काम कर रही हैं, और हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं, इसके अलावा, NH सड़क पर आए मलबे को हटाने और यातायात शुरू करने का निर्देश दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे इस मार्ग पर यात्रा करने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।


कृषि भूमि को भी नुकसान

बादल फटने की इस घटना का असर केवल निर्माणाधीन साइट तक सीमित नहीं रहा। आसपास के कुथनौर गांव में भी भारी बारिश और मलबे के बहाव ने ग्रामीणों की खेती योग्य जमीन को भारी नुकसान पहुंचाया है। कई किसानों की फसलें तबाह हो गईं, जिससे उनकी आजीविका पर संकट मंडरा रहा है। हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी तक किसी तरह की जनहानि या पशुहानि की खबर नहीं आई है।


मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई इलाकों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों और चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों से सतर्क रहने की अपील की है। यमुनोत्री मार्ग पर यात्रा करने वालों को फिलहाल सुरक्षित स्थानों पर रुकने की सलाह दी गई है।


प्रशासन ने क्या कहा

उत्तराखंड में मानसून के दौरान बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं आम हैं, लेकिन इस बार बलिगढ़ में हुआ हादसा चिंता का विषय बना हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद करेगी।

जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने आश्वासन दिया कि प्रशासन पूरी तरह से स्थिति पर नियंत्रण बनाए हुए है। “हमारी टीमें रात-दिन काम कर रही हैं। लापता मजदूरों को जल्द से जल्द ढूंढने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। हम स्थानीय लोगों से भी सहयोग की अपील करते हैं।

बलिगढ़ में बादल फटने की यह घटना एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं की गंभीरता को उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और अनियोजित निर्माण कार्य ऐसी घटनाओं को और बढ़ा रहे हैं। उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने भी बाढ़ और भूस्खलन से निपटने के लिए तैयारियों को और मजबूत करने की बात कही है।

फिलहाल, सभी की निगाहें बलिगढ़ में चल रहे राहत और बचाव कार्यों पर टिकी हैं। लापता मजदूरों के परिजनों और स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही सभी मजदूर सुरक्षित मिल जाएंगे। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करने की अपील की है।