उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गुरुवार को एक बड़ा हादसा हो गया। घोलथिर इलाके में एक यात्री बस अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में जा गिरी। इस दर्दनाक हादसे में बस में सवार 18 लोगों की जान खतरे में बताई जा रही है। पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता, इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) नीलेश आनंद भरणे ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि यह हादसा सुबह के समय हुआ। बस घोलथिर के पास एक तीखे मोड़ पर अचानक अनियंत्रित हो गई और गहरी खाई में गिरकर अलकनंदा नदी में जा समाई। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, बस में 18 यात्री सवार थे। हादसे की वजह का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी में सड़क की खराब हालत और तेज रफ्तार को कारण माना जा रहा है।
बचाव कार्य में तेजी, स्थानीय लोग भी आए आगे
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस,SDRD (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल), और NDRF(राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें मौके पर पहुंच गईं। अलकनंदा नदी का तेज बहाव और गहराई बचाव कार्य में चुनौती बन रही है। फिर भी, टीमें पूरी कोशिश कर रही हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। स्थानीय लोगों ने भी बचाव कार्य में हाथ बंटाया और कुछ घायलों को नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाने में मदद की।
पुलिस के मुताबिक, अभी तक कुछ यात्रियों को निकाला जा चुका है, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को रुद्रप्रयाग और आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितने लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं।
हादसे ने फिर उठाए सड़क सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा एक बार फिर उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि घोलथिर इलाके की सड़कें कई जगहों पर टूटी-फूटी हैं और मोड़ों पर कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं हैं। बारिश के मौसम में सड़कें और भी खतरनाक हो जाती हैं। पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड में इस तरह के हादसे बार-बार हो रहे हैं, जिससे प्रशासन की तैयारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं।
परिवारों में मचा कोहराम
हादसे की खबर फैलते ही यात्रियों के परिवारों में चिंता और दहशत का माहौल है। कई लोग अपने परिजनों की सलामती की जानकारी लेने के लिए अस्पतालों और पुलिस स्टेशनों के चक्कर काट रहे हैं। प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि लोग अपने रिश्तेदारों की जानकारी ले सकें।
प्रशासन का बयान
आईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से बचाव कार्य में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा, "हमारी प्राथमिकता सभी यात्रियों को सुरक्षित निकालना और घायलों को तुरंत इलाज मुहैया कराना है। हादसे की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।"
सुरक्षा को लेकर मांग
इस हादसे के बाद स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन सड़क सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पहाड़ी रास्तों पर बैरियर, साइन बोर्ड और सड़कों की मरम्मत जैसे बुनियादी कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके।
फिलहाल, सभी की नजरें बचाव कार्य पर टिकी हैं। पूरा देश और खासकर उत्तराखंड के लोग दुआ कर रहे हैं कि इस हादसे में ज्यादा से ज्यादा लोग सुरक्षित बच जाएं।