सिद्धू मूसेवाला की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद: परिवार की नाराजगी, कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

पंजाबी संगीत की दुनिया के चमकते सितारे सिद्धू मूसेवाला की जिंदगी और उनकी दुखद हत्या पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री उनके जन्मदिन के मौके पर रिलीज हो गई। बीबीसी वर्ल्ड सर्विस द्वारा बनाई गई इस डॉक्यूमेंट्री ने न केवल प्रशंसकों का ध्यान खींचा है, बल्कि सिद्धू के परिवार की ओर से तीखा विरोध भी झेल रही है। सिद्धू के पिता बलकौर सिंह ने इसे 'गैरकानूनी' और 'परिवार के लिए तकली का कारण बताते हुए इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस विवाद ने सिद्धू मूसेवाला  को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है।

सिद्धू मूसेवाला और उनकी हत्या का दर्द

सिद्धू मूसेवाला, जिनका असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू था, उन्होंने अपनी अनोखी आवाज और गीतों से लाखों दिलों में जगह बनाई थी। उनके गाने न केवल पंजाबी युवाओं के बीच लोकप्रिय थे, बल्कि देश-विदेश में भी उनके प्रशंसकों की कमी नहीं थी। लेकिन 29 मई 2022 को पंजाब के मारा जिले में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। सिद्धू की हत्या की जांच अभी भी चल रही है, और उनके परिवार को अब तक इंसाफ का इंतजार है।
इसी बीच, बीबीसी ने सिद्धू की जिंदगी, उनके करियर और उनकी हत्या पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री रिलीज की है। दावा किया जा रहा है कि इस डॉक्यूमेंट्री में सिद्धू के जीवन के कई पहलुओं को दिखाया गया है, साथ ही उनकी हत्या से जुड़े कुछ नए दावों को भी सामने लाया गया है। लेकिन सिद्धू के परिवार का कहना है कि इस डॉक्यूमेंट्री को बनाने या रिलीज करने से पहले उनकी कोई सहमति नहीं ली गई, जिसके चलते वे इसे अपनी निजता और भावनाओं पर हमला मान रहे हैं।


परिवार का गुस्सा और कानूनी कदम 

सिद्धू के पिता बलकौर सिंह ने इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की है। उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस और मुंबई के जुहू पुलिस स्टेशन को पत्र लिखकर इसकी स्क्रीनिंग पर तुरंत रोक लगाने की मांग की थी। बलकौर सिंह का कहना है कि डॉक्यूमेंट्री में सिद्धू की निजी जिंदगी और उनकी हत्या से जुड़े  हैं, जो न केवल परिवार को दुख पहुंचा सकते हैं, बल्कि अदालत में चल रहे हत्या के मामले को भी प्रभावित कर सकते हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डॉक्यूमेंट्री में उन लोगों के इंटरव्यू शामिल हैं, जिनका नाम सिद्धू की हत्या की एफआईआर में दर्ज है। बलकौर सिंह ने कहा, "हम पहले से ही अपने बेटे को खोने के दर्द से गुजर रहे हैं। अब इस तरह बिना हमारी इजाजत के उसकी जिंदगी को दुनिया के सामने लाना हमें और तकलीफ दे रहा है। यह न सिर्फ हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ है, बल्कि हमारे बेटे की विरासत का भी गलत इस्तेमाल है।"

परिवार की ओर से उनके वकील गुरबिंदर सिंह ने बीबीसी और डॉक्यूमेंट्री के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में मांग की गई है कि सिद्धू मूसेवाला के नाम, तस्वीर या उनकी कहानी का इस्तेमाल तुरंत बंद किया जाए। साथ ही, 24 घंटे के भीतर सार्वजनिक माफी मांगने को कहा गया है। नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो परिवार आपराधिक मामला दर्ज करेगा और कोर्ट से इस डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाने की मांग करेगा।

बलकौर सिंह ने मानसा की स्थानीय अदालत में भी एक याचिका दायर की है, जिसमें इस डॉक्यूमेंट्री की रिलीज और प्रदर्शन पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में परिवार ने तर्क दिया है कि यह डॉक्यूमेंट्री न केवल उनकी निजता का उल्लंघन करती है, बल्कि सिद्धू की हत्या की जांच को भी प्रभावित कर सकती है, जो अभी तक पूरी नहीं हुई है।


प्रशंसकों में भी गुस्सा

सिद्धू मूसेवाला के प्रशंसकों ने भी इस डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। कई फैंस का मानना है कि सिद्धू की कहानी को बिना उनके परिवार की सहमति के दिखाना गलत है। एक प्रशंसक ने सोशल मीडिया पर लिखा, "सिद्धू हमारे लिए सिर्फ एक गायक नहीं, बल्कि एक भावना हैं। उनके परिवार की इजाजत के बिना उनकी जिंदगी को इस तरह पेश करना ठीक नहीं है।" एक अन्य प्रशंसक ने लिखा, "बीबीसी को चाहिए था कि पहले परिवार से बात करते। यह उनके दर्द को और बढ़ाने वाला कदम है।"
सिद्धू के प्रशंसक उनकी तीसरी पुण्यतिथि पर हाल ही में उनके गांव मूसा में एकत्र हुए थे, जहां हजारों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस मौके पर भी बलकौर सिंह ने इंसाफ की मांग दोहराई थी। ऐसे में यह डॉक्यूमेंट्री परिवार और प्रशंसकों के लिए एक नया झटका बनकर सामने आया है।


बीबीसी की चुप्पी और रिलीज की जानकारी

डॉक्यूमेंट्री को लेकर बीबीसी या इसके निर्माताओं की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। यह डॉक्यूमेंट्री आज मुंबई के जुहू स्थित सोहो हाउस में प्रदर्शित की गई और इसे बीबीसी के यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया गया है। बताया जा रहा है कि डॉक्यूमेंट्री में सिद्धू के बचपन, उनके संगीत करियर, उनके गानों के पीछे की कहानियों और उनकी हत्या से जुड़े कुछ मामलों को शामिल किया गया है।
हालांकि, परिवार का कहना है कि इस तरह की  डॉक्यूमेंट्री रिलीज करने से पहले उनकी सहमति लेना जरूरी था, खासकर जब मामला अभी अदालत में विचाराधीन है। बलकौर सिंह ने यह भी कहा कि वे नहीं चाहते कि उनके बेटे की यादों को इस तरह से पेश किया जाए, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचे या उनके प्रशंसकों की भावनाएं को ठेस पहुंचे।


क्या होगा आगे?

इस विवाद ने एक बार फिर सिद्धू मूसेवाला की हत्या और उनकी विरासत को सुर्खियों में ला दिया है। अब सबकी नजरें मानसा की अदालत के फैसले पर टिकी हैं, जहां परिवार की याचिका पर जल्द ही सुनवाई हो सकती है। अगर कोर्ट इस डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाता है, तो यह बीबीसी के लिए एक बड़ा झटका होगा। दूसरी ओर, अगर डॉक्यूमेंट्री को रिलीज की अनुमति मिलती है, तो यह सिद्धू के परिवार और प्रशंसकों के लिए और निराशा लेकर आएगी।
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के तीन साल बाद भी उनके प्रशंसक और परिवार इंसाफ की उम्मीद में हैं। उनकी हत्या की जांच में कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं आया है। ऐसे में यह डॉक्यूमेंट्री न केवल एक विवाद बन गई है, बल्कि सिद्धू की विरासत, उनके परिवार की लड़ाई और उनके प्रशंसकों की भावनाओं को फिर से सामने ला खड़ा किया है।

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सिद्धू मूसेवाला की कहानी सिर्फ एक गायक की नहीं, बल्कि एक ऐसे शख्स की है, जिसने अपनी कला और जुनून से लाखों लोगों को प्रेरित किया। उनके परिवार की यह मांग कि उनकी कहानी को सम्मान के साथ पेश किया जाए, न केवल उनकी विरासत की रक्षा के लिए है, बल्कि उन तमाम प्रशंसकों के लिए भी है, जो आज भी सिद्धू को अपने दिलों में जिंदा रखते हैं।