SCO Summit 2025: राजनाथ सिंह ने चीन में बैठकर पाकिस्तान को दिखाया आईना, आतंकवाद पर सख्त रुख

चीन के किंगदाओ शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई। इस वैश्विक मंच पर उन्होंने भारत का पक्ष मजबूती से रखा और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा की। इतना ही नहीं, राजनाथ सिंह ने SCO के संयुक्त दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से साफ इनकार कर दिया, क्योंकि इस दस्तावेज़ में भारत के खिलाफ चालबाजी की कोशिश की गई थी।

आतंकवाद के खिलाफ भारत का सख्त रवैया

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में साफ कहा कि आतंकवाद और शांति एक साथ नहीं चल सकते। उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, "कुछ देश आतंकवाद को अपनी नीति का हथियार बनाते हैं और आतंकियों को पनाह देते हैं। ऐसी दोहरी नीति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।" उन्होंने अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ज़िक्र किया, जिसमें 26 मासूम लोग मारे गए थे। इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा की छद्म शाखा 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' ने अंजाम दिया था।

 राजनाथ ने बताया कि भारत ने इस हमले का जवाब देने के लिए 7 मई 2025 को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसके तहत सीमा पार आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया गया। उन्होंने कहा, "भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने और भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए हर ज़रूरी कदम उठाएगा।" यह बयान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की मौजूदगी में दिया गया, जो इस बैठक में शामिल थे।


संयुक्त दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर से इनकार

बैठक के दौरान SCO का एक संयुक्त दस्तावेज़ तैयार किया गया, लेकिन इसमें पहलगाम हमले का ज़िक्र नहीं था। इसके उलट, इसमें पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुए कुछ घटनाओं का उल्लेख किया गया, जिसे भारत ने माना किया। राजनाथ सिंह ने इस दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया और भारत का सख्त रुख साफ कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने कहा कि अगर आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर दस्तावेज़ में सच्चाई और निष्पक्षता नहीं होगी, तो भारत इसका हिस्सा नहीं बनेगा।

 इस कदम ने न सिर्फ पाकिस्तान, बल्कि मेजबान देश चीन को भी सकते में डाल दिया। जानकारों का मानना है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर भारत को इस मंच पर घेरने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन राजनाथ सिंह ने उनकी इस चाल को नाकाम कर दिया।


भारत की 'ज़ीरो टॉलरेंस' नीति

राजनाथ सिंह ने SCO के सदस्य देशों से अपील की कि वे आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर सख्त कदम उठाएं। उन्होंने कहा, "आतंकवाद के अपराधियों, इसके आयोजकों, फंड देने वालों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराना ज़रूरी है।" उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी 'ज़ीरो टॉलरेंस' नीति पर अडिग है और किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि का मुंहतोड़ जवाब देगा।

 उन्होंने क्षेत्र में बढ़ती कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौती बताया और कहा कि इनसे निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा। राजनाथ ने साइबर खतरे और हाइब्रिड युद्ध जैसी नई चुनौतियों का भी ज़िक्र किया और इनसे निपटने के लिए SCO के ढांचे को और मज़बूत करने की बात कही।


भारत-चीन संबंधों के बीच एक अहम कदम

यह बैठक इसलिए भी अहम थी, क्योंकि यह मई 2020 में लद्दाख में शुरू हुए भारत-चीन सैन्य गतिरोध के बाद किसी  भारतीय मंत्री की चीन की पहली यात्रा थी। राजनाथ सिंह ने न सिर्फ आतंकवाद पर भारत का रुख स्पष्ट किया, बल्कि क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत SCO के सिद्धांतों का सम्मान करता है और वैश्विक शांति और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।


दुनिया ने सुनी भारत की बात

राजनाथ सिंह के इस साहसिक रुख की भारत में जमकर तारीफ हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग इसे भारत की कूटनीतिक जीत बता रहे हैं। एक यूज़र ने लिखा, "चीन की ज़मीन पर बैठकर पाकिस्तान को सबक सिखाना कोई राजनाथ सिंह से सीखे।" वहीं, कुछ जानकारों का कहना है कि इस कदम से भारत ने SCO जैसे मंच पर अपनी ताकत और आत्मविश्वास दिखाया है।

 SCO समिट 2025 में राजनाथ सिंह ने न सिर्फ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब किया, बल्कि भारत की 'आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस' नीति को दुनिया के सामने मज़बूती से रखा।