ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पुरी रथ यात्रा के दौरान हुए दुखद हादसे के बाद तुरंत कड़ा निर्णय लेते हुए पुरी के पुलिस अधीक्षक (SP) और जिला कलेक्टर का तबादला कर दिया है। इस हादसे में कई लोगों की जान गई थी, जिसके बाद सरकार ने सख्त रुख अपनाया। साथ ही, मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है।


हादसे के बाद सरकार का कड़ा रुख

पुरी की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है, इस बार एक दर्दनाक हादसे का गवाह बनी। भीड़ के अनियंत्रित होने और अपर्याप्त व्यवस्था के कारण कई लोगों की जान चली गई। इस घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस हादसे को गंभीरता से लिया और तत्काल प्रभाव से पुरी के एसपी और जिला कलेक्टर को उनके पदों से हटा दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा, रथ यात्रा जैसा पवित्र और विशाल आयोजन हमारी संस्कृति का हिस्सा है। इसमें हुई किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारी सरकार मृतकों के परिवारों के साथ है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

सरकार ने पुरी के नए पुलिस अधीक्षक के रूप में पिनाक मिश्रा को नियुक्त किया है, जबकि चंचल राणा को पुरी का नया जिला कलेक्टर बनाया गया है। इन अधिकारियों को रथ यात्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है।


मृतकों के परिवारों को मुआवजा

मुख्यमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के  प्रत्येक मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। इसके साथ ही, घायलों के इलाज के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने यह भी कहा कि हादसे की गहन जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।


रथ यात्रा की व्यवस्था पर उठे सवाल

पुरी रथ यात्रा में हर साल देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन के लिए आते हैं। इस बार भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था में कमी के कारण यह हादसा हुआ, जिसने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने भी प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। कुछ भक्तों का कहना है कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल और अन्य व्यवस्थाएं नहीं थीं।


सरकार की योजना

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि रथ यात्रा के समापन तक प्रशासन को पूरी तरह से अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए अतिरिक्त पुलिस बल और मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं। साथ ही, भविष्य में इस तरह के आयोजनों के लिए एक विशेष कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

पुरी रथ यात्रा हादसा एक दुखद घटना है, जिसने न केवल ओडिशा बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी का यह निर्णय और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदनशील रवैया सरकार की गंभीरता को दर्शाता है। नए अधिकारियों की नियुक्ति और मुआवजे की घोषणा से उम्मीद है कि स्थिति जल्द सामान्य होगी और भविष्य में इस तरह की घटनाएं नहीं होंगी। पुरी रथ यात्रा जैसे पवित्र आयोजन को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए सरकार और प्रशासन को और सतर्कता बरतने की जरूरत है।