प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर 5 देशों की यात्रा पर जाने वाले हैं। इस खास दौरे में वे घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया जाएंगे। इस यात्रा का मकसद इन देशों के साथ भारत के रिश्तों को और मजबूत करना है। साथ ही, ब्राजील में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेना भी इस दौरे का एक बड़ा हिस्सा है।

किन देशों की यात्रा करेंगे पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री का यह दौरा 2 जुलाई से शुरू होगा और 9 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान वे जिन पांच देशों में जाएंगे, उनकी सूची और समय इस तरह है:

  • 2-3 जुलाई: घाना
  • 3-4 जुलाई: त्रिनिदाद और टोबैगो
  • 4-5 जुलाई: अर्जेंटीना
  • 5-8 जुलाई: ब्राजील
  • 9 जुलाई: नामीबिय

यात्रा का उद्देश्य क्या है।

इस दौरे का सबसे बड़ा लक्ष्य भारत के इन देशों के साथ दोस्ती और सहयोग को बढ़ाना है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पीएम मोदी हर देश के नेताओं से मिलकर आर्थिक, ऊर्जा और रक्षा जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा, ब्राजील में ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होना भी इस यात्रा का एक खास हिस्सा है। 

घाना (2-3 जुलाई)

प्रधानमंत्री का पहला पड़ाव घाना होगा। यह किसी भारतीय पीएम की 30 साल बाद घाना की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। यहां वे घाना के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। दोनों नेता आर्थिक साझेदारी, ऊर्जा और रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर बात करेंगे। भारत और घाना के बीच संबंधों को नई ऊंचाई देने की कोशिश होगी। 

त्रिनिदाद और टोबैगो (3-4 जुलाई)

इसके बाद पीएम त्रिनिदाद और टोबैगो जाएंगे, जो कैरेबियाई क्षेत्र का एक छोटा लेकिन अहम देश है। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करना है। खास तौर पर व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों पर ध्यान दिया जा सकता है।

अर्जेंटीना (4-5 जुलाई)

अर्जेंटीना दक्षिण अमेरिका का एक बड़ा देश है। यहां पीएम मोदी का फोकस भारत और अर्जेंटीना के बीच दोस्ती को और गहरा करना होगा। दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के नए मौके तलाशे जा सकते हैं।

ब्राजील (5-8 जुलाई)

ब्राजील में प्रधानमंत्री सबसे ज्यादा समय बिताएंगे। यहां वे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। ब्रिक्स यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का समूह, जो दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक मंच है। इस सम्मेलन में वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी और भारत अपनी बात मजबूती से रखेगा। 

नामीबिया (9 जुलाई)

यात्रा का आखिरी पड़ाव नामीबिया होगा। अफ्रीका का यह देश भारत के लिए रणनीतिक रूप से अहम है। यहां भी पीएम का मकसद दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाना होगा, खासकर खनिज संसाधनों और व्यापार के क्षेत्र में।


क्यों जरूरी है यह यात्रा 

यह दौरा भारत के लिए कई मायनों में खास है। अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र के देशों के साथ रिश्ते मजबूत करने की भारत की कोशिश इसमें दिखती है। साथ ही, ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेकर भारत वैश्विक मंच पर अपनी मौजूदगी को और मजबूत करेगा। यह यात्रा भारत को आर्थिक और कूटनीतिक फायदे देने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी साख भी बढ़ाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह पांच देशों का दौरा भारत की विदेश नीति का एक अहम हिस्सा है। घाना से लेकर नामीबिया तक, हर देश में उनकी मुलाकातें और बातचीत भारत को नई दिशा देंगी। उम्मीद है कि यह यात्रा न सिर्फ दोस्ती बढ़ाएगी, बल्कि भारत के लिए नए अवसर भी लेकर आएगी।