राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच में बड़ी कामयाबी हासिल की है। एजेंसी ने दो स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर हमले में शामिल आतंकियों को खाना, रहने की जगह और अन्य मदद देने का आरोप है। गिरफ्तार किए गए लोगों ने पूछताछ में खुलासा किया कि हमले में शामिल तीन आतंकी पाकिस्तान से आए थे और वे प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े थे।

गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर के रूप में हुई है। दोनों पहलगाम के रहने वाले हैं। परवेज बटकोट और बशीर हिल पार्क इलाके के निवासी हैं। एनआईए के मुताबिक, इन दोनों ने हमले से पहले तीन सशस्त्र आतंकियों को हिल पार्क क्षेत्र में एक मौसमी झोपड़ी (धोक) में छिपने की जगह दी थी। इसके अलावा, उन्होंने आतंकियों को भोजन और अन्य जरूरी सामान भी उपलब्ध कराया, जिससे हमले की योजना को अंजाम देने में मदद मिली।

एनआईए ने एक बयान में कहा, "यह गिरफ्तारियां पहलगाम आतंकी हमले की जांच के दौरान की गई हैं, जो पूरे देश में सदमे का कारण बना। हमारी जांच में यह साफ हो गया है कि तीनों आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे और लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहे थे।" एजेंसी ने यह भी बताया कि मामला आरसी-02/2025/एनआईए/जेएमयू के तहत दर्ज किया गया है और जांच अभी जारी है।


हमले का विवरण

पहलगाम के बैसारन घाटी में हुआ यह हमला धार्मिक आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाने के लिए किया गया था। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी, जो पाकिस्तान से संचालित एक खूंखार आतंकी संगठन है। एनआईए की जांच में यह भी सामने आया कि हमले की साजिश को अंजाम देने के लिए आतंकियों को स्थानीय स्तर पर समर्थन मिला था।


आरोपियों का खुलासा

पूछताछ के दौरान परवेज और बशीर ने हमलावरों की पहचान उजागर की और पुष्टि की कि वे पाकिस्तानी मूल के थे। उन्होंने यह भी बताया कि आतंकियों ने हमले की योजना को गुप्त रखने के लिए स्थानीय संसाधनों का इस्तेमाल किया। एनआईए अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस साजिश में और भी लोग शामिल थे और क्या अन्य इलाकों में भी आतंकियों को इसी तरह का समर्थन मिल रहा है।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस हमले की निंदा करते हुए फाइनेंशियल एक्शन—टास्की फोर्स (FATF) ने कहा है कि इस तरह के आतंकी हमले बिना वित्तीय मदद के संभव नहीं हो सकते। सूत्रों के अनुसार, इस घटना के बाद पाकिस्तान को एक बार फिर एफएटीएफ की ग्रे-लिस्ट में शामिल करने की चर्चा तेज हो गई है।

आगे की कार्रवाई

NIA ने कहा कि वह इस मामले में गहराई से जांच कर रही है ताकि हमले के पीछे की पूरी साजिश और इसमें शामिल सभी लोगों का पता लगाया जा सके। स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी इस मामले में एनआईए के साथ मिलकर काम कर रही हैं।

पहलगाम में हुए इस हमले ने एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया है। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत प्रशासन तक पहुंचाएं।


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