बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा दांव खेला है। शनिवार को उन्होंने राज्य की महिलाओं और जरूरतमंद लोगों के लिए एक खास ऐलान किया। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत अब वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवा महिलाओं को हर महीने 400 रुपये की जगह 1100 रुपये की पेंशन मिलेगी। इस फैसले की जानकारी खुद नीतीश कुमार ने X पर पोस्ट करके दी, जिसके बाद से यह खबर चर्चा में है।

बिहार सरकार का यह कदम लाखों लोगों के लिए राहत की खबर लेकर आया है। खासकर उन परिवारों के लिए जो पेंशन की छोटी-सी राशि पर निर्भर हैं। नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में लिखा, "हमारी सरकार हमेशा से कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए काम करती रही है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत अब सभी लोगों को 1100 रुपये हर महीने मिलेंगे।

 लोगों में खुशी की लहर है, इस घोषणा के बाद बिहार के गांव-शहरों में खुशी की लहर दौड़ गई है। पटना की रहने वाली 65 वर्षीय राधा देवी ने बताया, "400 रुपये में तो बस चाय-नाश्ते का खर्चा निकलता था। अब 1100 रुपये मिलेंगे तो कुछ दवाइयां और घर का छोटा-मोटा खर्चा भी संभाल सकूंगी। सरकार का यह फैसला हमारे जैसे बुजुर्गों के लिए बड़ा सहारा है।"


चुनाव से पहले सियासी हलचल

विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में यह कदम जेडीयू-बीजेपी गठबंधन को मजबूती दे सकता है। जानकारों का कहना है कि यह योजना खासकर ग्रामीण इलाकों में सरकार की लोकप्रियता बढ़ाएगी, जहां पेंशन पर निर्भर लोग बड़ी संख्या में हैं।

हालांकि, विपक्षी दलों ने इसे चुनावी स्टंट करार दिया है। राजद के एक नेता ने कहा, "चुनाव आने पर नीतीश जी को जनता की याद आती है। अगर इतनी ही चिंता थी तो पहले क्यों नहीं पेंशन बढ़ाई गई?" जवाब में जेडीयू प्रवक्ता ने कहा, "हमारी सरकार ने हमेशा जनता के हित में काम किया है। यह फैसला भी उसी का हिस्सा है।"


कितनों को मिलेगा फायदा?

सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत बिहार में लाखों लोग लाभ ले रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में करीब 40 लाख से ज्यादा वृद्ध, दिव्यांग और विधवा महिलाएं इस योजना से जुड़ी हैं। पेंशन राशि बढ़ने से इन सभी के जीवन में थोड़ी राहत आएगी। इसके अलावा, सरकार ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि पेंशन समय पर लाभार्थियों के खाते में पहुंचे।

नीतीश कुमार का यह फैसला बिहार की सियासत में एक नया मोड़ ला सकता है। पेंशन राशि बढ़ने से न सिर्फ लाभार्थियों को आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि सरकार की छवि भी मजबूत होगी। अब देखना यह है कि विपक्ष इस कदम का जवाब कैसे देता है और चुनावी मैदान में यह फैसला कितना असर दिखाता है।

पेंशन राशि बढ़ने से बिहार के सामाजिक और आर्थिक ढांचे में बदलाव की उम्मीद है। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां लोग छोटी-छोटी राशियों पर निर्भर रहते हैं, यह फैसला उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है। साथ ही, यह कदम नीतीश कुमार और उनकी सरकार की लोकप्रियता को भी बढ़ा सकता है।

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि विपक्ष इस फैसले का जवाब कैसे देता है और चुनावी मैदान में यह कदम कितना रंग लाता है। फिलहाल, बिहार की जनता इस ऐलान से खुश है और नीतीश कुमार के इस कदम की हर तरफ तारीफ हो रही है।

नीतीश कुमार का यह फैसला न सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए राहत भरा है, बल्कि सियासी तौर पर भी उनकी स्थिति को मजबूत कर सकता है। बिहार की सियासत में यह कदम कितना असरदार साबित होता है, यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन अभी के लिए यह लाखों लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने वाला कदम है।