नैनीताल: उत्तराखंड के प्रसिद्ध कैंची धाम में 15 जून 2025 को होने वाले स्थापना दिवस मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। बाबा नीब करौली महाराज के इस पवित्र धाम में हर साल लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस बार प्रशासन को करीब 3 से 4 लाख भक्तों के आने की उम्मीद है, जिसके चलते नैनीताल पुलिस ने यातायात और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए खास ट्रैफिक प्लान तैयार किया है। इस प्लान में कई मार्गों पर वाहनों के आवागमन पर रोक और शटल सेवा की व्यवस्था शामिल है।

नया ट्रैफिक प्लान: वाहनों पर रोक, शटल सेवा शुरू

पुलिस ने 14 जून की सुबह 7 बजे से 16 जून की रात 10 बजे तक विशेष यातायात व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। इस दौरान कैंची धाम के आसपास निजी वाहनों, खासकर दोपहिया और भारी वाहनों, का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। हल्द्वानी, काठगोदाम, भवाली, और नैनीताल जैसे प्रमुख स्थानों से भक्तों को मंदिर तक पहुंचाने के लिए शटल सेवा शुरू की जाएगी। यह सेवा 14 जून की सुबह 5 बजे से शुरू होकर 15 जून की रात तक चलेगी, ताकि भक्तों को दर्शन के बाद उनकी पार्किंग तक वापस पहुंचाया जा सके।
नैनीताल के एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया, "पिछले साल मेले में सवा लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे, और इस बार यह संख्या और बढ़ सकती है। हमने सुरक्षा और यातायात को सुचारू रखने के लिए मजबूत इंतजाम किए हैं।" उन्होंने भक्तों से अपील की कि वे निजी वाहनों के बजाय शटल सेवा का इस्तेमाल करें, ताकि जाम की समस्या से बचा जा सके।


पार्किंग और शटल सेवा की व्यवस्था

भक्तों की सुविधा के लिए हल्द्वानी, भवाली, भीमताल, और नैनीताल में कई पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। हल्द्वानी से आने वाले वाहनों को गौलापार के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, आरटीओ फिटनेस सेंटर, और प्रस्तावित आईएसबीटी में पार्क करना होगा। भवाली में सैनिटोरियम, रातीघाट, और पुराने रोडवेज स्टेशन के पास पार्किंग की व्यवस्था है। भीमताल में विकास भवन और फरसौली में वाहन खड़े किए जाएंगे। अल्मोड़ा की ओर से आने वाले वाहनों को खैरना में पार्किंग में रोका जाएगा। इन सभी स्थानों से शटल बसें और टैक्सियां श्रद्धालुओं को कैंची धाम तक ले जाएंगी।
शटल सेवा के लिए करीब 500 से ज्यादा वाहन लगाए गए हैं, जिनमें हल्द्वानी से 100 बसें और 25 मैक्स, भवाली से 80 मैक्स, और भीमताल से 40 बसें शामिल हैं। किराया भी तय किया गया है: हल्द्वानी से 150 रुपये, भीमताल से 100 रुपये, और भवाली से 50 रुपये।


रूट डायवर्जन: पहाड़ी क्षेत्रों के लिए अलग मार्ग

पहाड़ी इलाको से आने-जाने वाले वाहनों के लिए अलग रास्ते तय किए गए हैं। अल्मोड़ा, रानीखेत, बागेश्वर, और पिथौरागढ़ जाने वाले छोटे वाहन और टैक्सियां भवाली के मस्जिद तिराहे से नैनीबैंड-2, नैनीबैंड-1, खुटानी, और मुक्तेश्वर होते हुए क्वारब की ओर भेजे जाएंगे। हल्द्वानी से इन क्षेत्रों की ओर जाने वाले वाहन खुटानी से रामगढ़ के रास्ते डायवर्ट किए जाएंगे। कालाढूंगी मार्ग से आने वाले वाहनों को रूसी बाईपास के जरिए नैनीताल भेजा जाएगा।


सुरक्षा और अन्य तैयारियां

 मेले की सुरक्षा के लिए पुलिस ने कड़े इंतजाम किए हैं। तीन कंपनी पीएसी, 800 पुलिसकर्मी, और एसएसबी के जवान तैनात किए गए हैं। मंदिर परिसर और आसपास सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी होगी। मंदिर समिति ने 500 से ज्यादा कारसेवकों को प्रसाद वितरण और अन्य व्यवस्थाओं के लिए लगाया है। पेयजल, शौचालय, और रोशनी का भी पूरा इंतजाम किया गया है।
भक्तों से अनुरोध किया है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें और शटल सेवा का इस्तेमाल करें। अगर पार्किंग स्थल भर जाते हैं, तो ऊधम सिंह नगर की सीमा से वाहनों को वापस लौटाया जा सकता है। ऐसे में श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे 15 जून के बजाय 16 जून को दर्शन के लिए आएं, ताकि भीड़ से बचा जा सके।


कैंची धाम की खासियत

कैंची धाम बाबा नीब करौली महाराज का आश्रम है, जो देश-विदेश में अपनी आध्यात्मिक शक्ति और चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। हर साल 15 जून को यहां विशाल भंडारा और मेला आयोजित होता है, जिसमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, और विदेशों से भक्त पहुंचते हैं।
भक्तों के लिए यह मेला आस्था और भक्ति का अनूठा संगम है। अगर आप भी कैंची धाम जाने की योजना बना रहे हैं, तो पुलिस के ट्रैफिक प्लान को जरूर देख लें, ताकि आपकी यात्रा अच्छी और सुरक्षित रहे।