उत्तरी कश्मीर के लंगेट, हंदवाड़ा में रविवार को एक दुखद और चौंकाने वाला हादसा हुआ, जब एक पुरानी मस्जिद का ढांचा गिराने के दौरान अचानक विस्फोट हो गया। इस हादसे में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत में सुधार हुआ। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू कर दी है। जांच में आशंका जताई जा रही है कि मस्जिद के ढांचे में छिपा हुआ कोई पुराना विस्फोटक सामान इस हादसे का कारण हो सकता है। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ा झटका है, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

हादसा कैसे हुआ

हंदवाड़ा के लंगेट इलाके में यह पुरानी मस्जिद कई सालों से स्थानीय लोगों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। हालांकि, समय के साथ इसका ढांचा जर्जर हो गया था, और इसे गिराकर नया निर्माण करने का फैसला लिया गया था। स्थानीय लोगों का कहना है, मस्जिद का ढांचा इतना कमजोर हो चुका था कि इसे बनाए रखना सुरक्षित नहीं था। इसलिए, समुदाय ने मिलकर इसे तोड़ने और एक नई मस्जिद बनाने की योजना बनाई थी। इस काम के लिए कुछ स्थानीय मजदूरों को लाया गया था, जो रविवार की सुबह काम शुरू करने के लिए मस्जिद पर पहुंचे थे।
काम शुरू होने के कुछ ही देर बाद, दोपहर के समय एक तेज धमाका हुआ। धमाके की आवाज इतनी जोरदार थी कि आसपास के कई किलोमीटर तक के इलाकों में लोग इसे सुनकर दहशत में आ गए। लोगों के अनुसार, धमाके के साथ धूल का एक बड़ा गुबार उठा, और मस्जिद का कुछ हिस्सा पूरी तरह ढह गया। इस हादसे में मौके पर मौजूद तीन लोग घायल हो गए, जिनमें दो मजदूर और एक स्थानीय निवासी शामिल थे।


तत्काल कार्रवाई और बचाव

 धमाके की खबर फैलते ही स्थानीय लोग और प्रशासन हरकत में आ गया। आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और घायलों को बचाने में जुट गए। कुछ स्थानीय युवाओं ने अपनी गाड़ियों से घायलों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। पुलिस और प्रशासन की टीमें भी तुरंत मौके पर पहुंचीं और स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गईं।

घायलों को हंदवाड़ा के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के बाद उनकी हालत में सुधार आया। अस्पताल के एक बड़े चिकित्सक, डॉ. गुलाम मोहम्मद ने बताया, “तीनों घायलों को धमाके के कारण चोटें आई हैं। एक व्यक्ति के सिर और कंधे में गंभीर चोटें हैं, जबकि बाकी दो को मामूली चोटें आई हैं। हमने उनका इलाज कर दिया है और अभी उनकी हालत खतरे से बाहर है। हालांकि, कुछ दिनों तक उन्हें निगरानी में रखना होगा।”

पुलिस ने घटनास्थल को तुरंत सील कर दिया और आसपास के इलाके में लोगों की आवाजाही को रोक दिया। यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि जांच में कोई बाधा न आए और अगर कोई और विस्फोटक पदार्थ मौके पर मौजूद हो, तो उसे सुरक्षित किया जा सके।


पुलिस जांच और आशंका

पुलिस ने इस मामले में तुरंत एक FIR दर्ज की और जांच शुरू कर दी। शुरुआती जांच में पुलिस ने संदेह जताया है कि मस्जिद के ढांचे में कोई पुराना विस्फोटक पदार्थ छिपा हुआ था, जो इस धमाके का कारण बना। पुलिस के एक बड़े अधिकारी, जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बात की, उन्होंने बताया, “हमारी जांच में ऐसा लग रहा है कि मस्जिद के किसी हिस्से में पुराना विस्फोटक पदार्थ मौजूद था। यह संभव है कि यह सालों पुराना हो, क्योंकि मस्जिद का ढांचा काफी समय से जर्जर हालत में था। हम इसकी जांच कर रहे हैं कि यह विस्फोटक पदार्थ वहां कैसे पहुंचा और किस तरह का था।”

पुलिस ने बम निरोधक दस्ते को भी मौके पर बुलाया, जो यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या मस्जिद में और कोई विस्फोटक पदार्थ मौजूद है। इसके अलावा, फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम भी घटनास्थल से नमूने इकट्ठा कर रही है ताकि धमाके की सटीक वजह का पता लगाया जा सके।


स्थानीय समुदाय की हालत

 इस हादसे ने लंगेट और हंदवाड़ा के स्थानीय समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है। मस्जिद स्थानीय लोगों के लिए न केवल एक धार्मिक स्थल थी, बल्कि यह उनके सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का भी एक अहम हिस्सा थी। हादसे के बाद लोग इस बात से चिंतित हैं कि आखिर मस्जिद में विस्फोटक पदार्थ कैसे मौजूद हो सकता है।

एक स्थानीय निवासी, रशीदा बेगम, ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा, “हमारी मस्जिद हमारे लिए बहुत खास थी। हमने सोचा था कि इसे तोड़कर हम एक नई और बेहतर मस्जिद बनाएंगे। लेकिन अब यह हादसा हो गया, और हम डर में हैं। अगर वहां विस्फोटक था, तो यह कैसे वहां पहुंचा? क्या यह पहले से था या किसी ने जानबूझकर रखा? हम चाहते हैं कि इसकी पूरी जांच हो।”

लंगेट, हंदवाड़ा में हुआ यह हादसा न केवल एक दुखद घटना है, बल्कि यह कई गंभीर सवाल भी उठाता है। मस्जिद जैसे धार्मिक स्थल में विस्फोटक सामग्री की मौजूदगी ने स्थानीय लोगों के मन में डर और असुरक्षा की भावना पैदा की है। पुलिस और प्रशासन की जांच से इस मामले की सच्चाई सामने आएगी, लेकिन तब तक यह घटना लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी रहेगी।