जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में मंगलवार सुबह एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसमें दो लोगों की जान चली गई और सात अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दुखद घटना नेशनल हाइवे 144 पर चिंगस इलाके में सुबह करीब 8:15 बजे हुई, जब एक टेम्पो ट्रैवलर बेकाबू होकर गहरी खाई में जा गिरा। टेम्पो राजौरी से जम्मू की ओर जा रहा था, और इसमें कुल नौ लोग सवार थे।
हादसा कैसे हुआ
स्थानीय लोगों का कहना है, टेम्पो ट्रैवलर तेज रफ्तार में था और चिंगस के पास एक खतरनाक मोड़ पर चालक का वाहन से नियंत्रण हट गया। सड़क के किनारे कोई मजबूत रेलिंग न होने के कारण वाहन सीधे खाई में गिर गया। खाई की गहराई करीब 60-80 फीट बताई जा रही है। हादसे की आवाज सुनकर आसपास के गांवों के लोग मौके पर पहुंचे और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया।
स्थानीय निवासी राकेश कुमार, जो हादसे के समय पास में थे, ने बताया, "हमने जोरदार धमाके जैसी आवाज सुनी और दौड़कर देखा तो टेम्पो खाई में पलटा हुआ था। कुछ लोग चीख रहे थे, और कुछ बेहोश पड़े थे। हमने तुरंत रस्सियों और कपड़ों की मदद से घायलों को निकालने की कोशिश शुरू की।"
पुलिस और स्थानीय प्रशासन की बचाव टीम करीब 20 मिनट में घटनास्थल पर पहुंची। बचाव कार्य में काफी मुश्किलें आईं क्योंकि खाई गहरी थी और वाहन बुरी तरह बर्बाद हो चुका था। क्रेन की मदद से टेम्पो को बाहर निकाला गया, और घायलों को तुरंत राजौरी के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) अस्पताल ले जाया गया।
मृतकों और घायलों की स्थिति
पुलिस के अनुसार, हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, क्योंकि उनके पास कोई पहचान पत्र नहीं मिला। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जीएमसी अस्पताल भेज दिया गया है, और पुलिस परिवार वालों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
सात घायल यात्रियों में से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। जीएमसी अस्पताल के डॉ. अजय शर्मा ने बताया, "घायलों को सिर, छाती और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। हमने तुरंत इलाज शुरू किया। तीन मरीजों की स्थिति नाजुक है, लेकिन बाकी चार की हालत ठीक है। जरूरत पड़ने पर कुछ मरीजों को जम्मू रेफर किया जा सकता है।"
स्थानीय लोगों का कहना है कि चिंगस के पास का यह मोड़ पहले से ही खतरनाक है। सड़क संकरी है, और बारिश के कारण कई जगह गड्ढे भी हो गए हैं। इसके अलावा, मोड़ पर कोई चेतावनी बोर्ड या रेलिंग नहीं है, जो हादसों का खतरा बढ़ाता है।
स्थानीय लोगों का गुस्सा और सड़क सुरक्षा की मांग
इस हादसे ने स्थानीय लोगों में गुस्सा और दुख पैदा कर दिया है। कई बार इस हाइवे पर होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर प्रशासन से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। चिंगस के निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता संजय मेहरा ने कहा, "यह पहला हादसा नहीं है। हर साल इस सड़क पर कई लोग अपनी जान गंवाते हैं। प्रशासन को सड़क चौड़ी करनी चाहिए, मोड़ों पर रेलिंग लगानी चाहिए और स्पीड ब्रेकर बनाए जाने चाहिए।"
स्थानीय लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि हाइवे पर नियमित रूप से पुलिस की निगरानी में हो और तेज रफ्तार वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
इस हादसे ने राजौरी और आसपास के इलाकों में शोक की लहर दौड़ा दी है। पुलिस और प्रशासन ने मामले की जांच का भरोसा दिलाया है, और उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल, सभी की नजरें जांच के नतीजों और घायलों की सेहत पर टिकी हैं।