हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की सैंज घाटी में मंगलवार देर रात बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है। तेज बारिश और बादल फटने के कारण जीवा नाले और पार्वती नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे इलाके में बाढ़ जैसे हालात बन गए। उफनती नदियों और नालों ने अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को तहस-नहस कर दिया। कई मकान, गाड़ियां और सड़कें पानी की चपेट में आ गईं। इस घटना के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जो कुल्लू के भयावह हालात की तस्वीर बयां कर रहे हैं।


क्या हुआ सैंज घाटी में?

सैंज घाटी के निरमंड क्षेत्र के पास जीवा नाले में बादल फटने से भारी मात्रा में पानी और मलबा नीचे की ओर बहा। इस सैलाब ने रास्ते में कई गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। स्थानीय लोगों के अनुसार, कम से कम पांच गाड़ियां नाले में बह गईं, जबकि सड़क किनारे खड़े कई वाहन मलबे में दब गए। पास के जगातखाना इलाके में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया, जिससे कई मकानों को नुकसान पहुंचा। कुछ घर पूरी तरह बह गए, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है।

स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया, "रात को अचानक तेज बारिश शुरू हुई। कुछ ही मिनटों में नाले में पानी का बहाव इतना तेज हो गया कि सब कुछ बहने लगा। हमने अपनी जान बचाने के लिए ऊंचे स्थानों पर चले गए।"


प्रशासन अलर्ट, राहत कार्य शुरू

घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर पहुंच गईं। राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू किए गए हैं। प्रशासन ने लोगों से नदी नालों के किनारे न जाने की अपील की है। कुल्लू के एक व्यक्ति ने बताया कि अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं है, लेकिन नुकसान का आकलन किया जा रहा है। "हमारी टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है," उन्होंने कहा।

 पार्वती नदी का जलस्तर भी खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, जिसके चलते आसपास के गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। एनएचपीसी के एक स्टोर रूम में भी पानी घुसने की खबर है, जिससे वहां रखा सामान बर्बाद हो गया।


मौसम विभाग ने दी थी चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पहले ही कुल्लू, शिमला, सोलन, मंडी और अन्य जिलों के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार मानसून की रफ्तार सामान्य से ज्यादा तेज है, जिसके कारण हिमाचल के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। अगले 24 घंटों में भी बारिश जारी रहने की संभावना है, जिसके चलते प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने को कहा है।

सोशल मीडिया पर बाढ़ से जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। इनमें उफनते नाले, बहती गाड़ियां और मलबे में दबे घरों की तस्वीरें साफ देखी जा सकती हैं। एक वीडियो में जीवा नाले का रौद्र रूप दिखाई दे रहा है, जहां तेज बहाव के साथ पेड़ और मलबा बहता नजर आ रहा है। इन तस्वीरों ने पूरे देश का ध्यान कुल्लू की इस त्रासदी की ओर खींचा है।

 
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। पिछले साल अगस्त में भी कुल्लू और मंडी में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ था, जिसमें कई लोगों की जान गई थी। इस बार भी स्थानीय लोग और प्रशासन इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए जूझ रहे हैं।


लोगों से सावधानी बरतने की अपील

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों से दूर रहें और मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान दें। पर्यटकों को भी सलाह दी गई है कि वे बरसात के मौसम में ऊंचे पहाड़ी इलाकों और नदियों के किनारे जाने से बचें।

कुल्लू में इस आपदा ने एक बार फिर प्रकृति के रौद्र रूप को सामने ला दिया है। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर हालात को सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।