गोहाना में भीषण गर्मी ने बढ़ाई सब्जियों की कीमतें, आम लोग परेशान

गोहाना में इस बार की भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। सूरज की गर्मी ने न सिर्फ फसलों को झुलसाया है, बल्कि स्थानीय बाजारों में सब्जियों के दामों को भी आसमान पर पहुंचा दिया है। टमाटर, मटर, गोभी और तरबूज जैसी रोजमर्रा की जरूरतों की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि आम आदमी का बजट गड़बड़ा गया है। किसान भी इस गर्मी में फसलों को बचाने और सिंचाई के लिए जूझ रहे हैं, जिससे हालात और भी जटिल हो गए हैं।

टमाटर और तरबूज की कीमतों में भारी उछाल

स्थानीय सब्जी मंडी में टमाटर के दाम ढाई गुना तक बढ़ गए हैं। कुछ हफ्ते पहले तक टमाटर 20-25 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा था, लेकिन अब यह 60-70 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। गर्मियों में ताजगी देने वाला तरबूज भी इस बार जेब पर भारी पड़ रहा है। पहले 15-20 रुपये किलो में मिलने वाला तरबूज अब 40 रुपये किलो के आसपास बिक रहा है, यानी कीमतें दोगुनी हो चुकी हैं। मटर और गोभी जैसे अन्य जरूरी सब्जियों के दाम भी कम नहीं हैं। मटर की कीमत 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है, जबकि गोभी 50-60 रुपये प्रति किलो बिक रही है।
सब्जी बेचने वाले रमेश ने बताया, "इस बार गर्मी का असर इतना ज्यादा है कि स्थानीय स्तर पर सब्जियों का उत्पादन बहुत कम हो गया है। हिमाचल प्रदेश से मटर और गोभी जैसी सब्जियों की सप्लाई भी पहले की तरह नहीं आ रही। नतीजा यह है कि जो थोड़ी-बहुत सब्जियां बाजार में आ रही हैं, उनकी कीमतें आसमान छू रही हैं।"

किसानों की मुश्किलें बढ़ीं

गोहाना के आसपास के गांवों में खेती करने वाले किसान भी इस गर्मी से परेशान हैं। बढ़ते तापमान और पानी की कमी ने उनकी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। गोहाना के पास के गांव भैंसवाल के किसान सतबीर सिंह ने बताया, "इस बार तापमान 40 डिग्री से ऊपर चला गया है। बारिश का तो नामोनिशान नहीं है। बिजली की कटौती के कारण ट्यूबवेल ठीक से नहीं चल पा रहे, जिससे फसलों की सिंचाई में दिक्कत हो रही है। टमाटर और गोभी जैसी फसलों को तो गर्मी ने पूरी तरह बर्बाद कर दिया।"

किसानों का कहना है कि गर्मी के कारण फसलों की पैदावार कम हो रही है, और जो थोड़ा-बहुत उत्पादन हो रहा है, वह बाजार की मांग को पूरा नहीं कर पा रहा। बढ़ती कीमतों का सबसे ज्यादा असर आम लोगों पर पड़ रहा है। गोहाना के बाजारों में खरीदारी करने वाली अनीता देवी ने बताया, "पहले हम 100 से 150 रुपये में ढेर सारी सब्जियां खरीद लेते थे, लेकिन अब तो सिर्फ टमाटर और मटर खरीदने में ही इतना खर्च हो जाता है। गर्मी में तरबूज खाने का मन करता है, लेकिन उसकी कीमत देखकर मन मारना पड़ता है।" 

हिमाचल से कम सप्लाई, बढ़ी मुश्किल

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार हिमाचल प्रदेश जैसे ठंडे इलाकों से सब्जियों की आने  में कमी आई है। हिमाचल से मटर, गोभी और शिमला मिर्च जैसी सब्जियां गोहाना के बाजारों में बड़े पैमाने पर आती थीं, लेकिन इस बार वहां भी गर्मी का असर पड़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और अनियमित मौसम के कारण फसलों पर बुरा असर पड़ रहा है, जिससे बाजार में सप्लाई कम हो रही है।

किसानों और विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या से निपटने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत है। किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं और समय पर बिजली उपलब्ध कराने की जरूरत है। साथ ही, सरकार को सब्जियों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने चाहिए। स्थानीय स्तर पर कोल्ड स्टोरेज और बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधाएं भी इस समस्या को कम करने में मदद कर सकती हैं।


फिलहाल, गोहाना के लोग गर्मी और महंगाई की दोहरी मार झेल रहे हैं। बाजार में सब्जियों की कीमतें कब सामान्य होंगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही बारिश होगी और मौसम में बदलाव से सब्जियों की सप्लाई बढ़ेगी, जिससे कीमतें कुछ कम हो सकें। लेकिन तब तक, गोहाना के लोगों को इस महंगाई के साथ ही जूझना होगा।