गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश: रविवार देर शाम गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके में उस समय हड़कंप मच गया, जब कुछ हिंदूवादी संगठनों ने पुलिस के साथ मिलकर एक घर पर छापा मारा। इस घर में ईसाई समुदाय की प्रार्थना सभा चल रही थी। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि इस सभा के बहाने लोगों को लालच देकर ईसाई धर्म में परिवर्तन कराया जा रहा था। इस घटना के दौरान पुलिस ने एक पादरी को हिरासत में लिया, जिसे स्थानीय लोगों ने अपराधी की तरह घसीटकर ले जाते हुए देखा। इस कार्रवाई से इलाके में तनाव का माहौल बन गया।


क्या हुआ था घटनास्थल पर?

जानकारी के अनुसार, क्रॉसिंग रिपब्लिक के क्रिश्चियन नगर में एक मकान में रविवार को प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। इस सभा में स्थानीय लोग और कुछ बाहर से आए हुए व्यक्ति शामिल थे। हिंदू संगठनों, जिनमें बजरंग दल और अन्य शामिल थे, को सूचना मिली कि इस सभा में धर्मांतरण की कोशिश की जा रही है। सूचना मिलते ही संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया।

हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं का दावा था कि सभा में शामिल लोग हिंदू समुदाय के लोगों को लालच देकर, जैसे कि बीमारी ठीक करने, आर्थिक मदद या अन्य प्रलोभन देकर, ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहे थे। हंगामा बढ़ता देख पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और सभा के आयोजक, केरल निवासी पादरी विनोद को हिरासत में ले लिया।

स्थानीय लोगों का गुस्सा

घटना के दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि प्रार्थना सभा शांतिपूर्ण थी और इसमें कोई जबरन धर्मांतरण नहीं हो रहा था। कुछ लोगों ने पुलिस से शिकायतकर्ता को सामने लाने या शिकायत की कॉपी दिखाने की मांग की, लेकिन पुलिस ने इस पर ध्यान नहीं दिया। कई स्थानीय लोगों का कहना था कि पादरी को जिस तरह से घसीटकर ले जाया गया, वह गलत था और इससे समुदाय में डर का माहौल बन गया है।


पुलिस का पक्ष

पुलिस का कहना है कि उन्हें हिंदू संगठनों से शिकायत मिली थी कि इस मकान में अवैध रूप से धर्मांतरण की गतिविधियां चल रही हैं। क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने के एसीपी प्रिया श्रीपाल ने बताया कि शिकायत के आधार पर कार्रवाई की गई और पादरी विनोद को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा, "हमने मौके से कुछ धार्मिक किताबें और सामान बरामद किया है। मामले की जांच चल रही है, और अगर धर्मांतरण का कोई ठोस सबूत मिलता है, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"


हिंदू संगठनों का दावा

हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं, जैसे कि बजरंग दल के संयोजक प्रबल गुप्ता और अन्य, ने दावा किया कि इस तरह की प्रार्थना सभाओं का इस्तेमाल अक्सर गरीब और भोले-भाले लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने में किया जाता है। उनका कहना था कि वे ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कुछ कार्यकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि सभा में शामिल लोगों ने उनके साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।


तनाव, पर जांच जारी

इस घटना के बाद क्रिश्चियन नगर और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोग और ईसाई समुदाय के कुछ सदस्यों ने पुलिस की कार्रवाई को एकतरफा बताया है। उनका कहना है कि प्रार्थना सभा में शामिल होने वाले लोग अपनी मर्जी से आए थे और किसी को जबरदस्ती नहीं बुलाया गया था। वहीं, हिंदू संगठनों का कहना है कि वे इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखेंगे और इसे रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।

पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वाकई में धर्मांतरण की कोशिश हो रही थी। उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत ऐसी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है, और अगर आरोप साबित होते हैं, तो दोषियों को कड़ी सजा हो सकती है।


समाज में सवाल

यह घटना एक बार फिर धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दे को सामने लाई है। उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सालों में धर्मांतरण के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें से कई में पुलिस ने कार्रवाई की है। लेकिन इस तरह की घटनाएं समाज में तनाव और अविश्वास को बढ़ाने का काम करती हैं। कुछ लोग मानते हैं कि धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान होना चाहिए, जबकि अन्य का कहना है कि प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराना गलत है।
गाजियाबाद की इस घटना ने एक बार फिर इन सवालों को हवा दी है कि क्या धार्मिक सभाओं को लेकर सख्ती जरूरी है, या फिर यह लोगों की निजी स्वतंत्रता का हनन है? फिलहाल, पुलिस की जांच पूरी होने के बाद ही इस मामले में सच्चाई सामने आएगी। तब तक, इस घटना ने स्थानीय समुदायों के बीच बहस और तनाव को और बढ़ा दिया है।