दोपहिया वाहनों के साथ दो हेलमेट अनिवार्य: सरकार का नया नियम सड़क सुरक्षा को देगा बढ़ावा

भारत सरकार ने सड़क सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत अब दोपहिया वाहन निर्माताओं और डीलरों के लिए वाहन बिक्री के समय दो बीआईएस हेलमेट देना अनिवार्य होगा। इस नियम का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना और चालक के साथ-साथ पीछे बैठे यात्री की सुरक्षा  करना है।

सड़क सुरक्षा के लिए एक जरूरी कदम

भारत में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े चिंताजनक हैं। हर साल लाखों सड़क हादसे होते हैं, जिनमें से करीब 44% मामले दोपहिया वाहनों से जुड़े होते हैं। इन हादसों में कई बार चालक और यात्री के हेलमेट न पहनने के कारण गंभीर चोटें या मौत हो जाती है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस मुद्दे पर जोर देते हुए कहा, "हेलमेट न केवल चालक की सुरक्षा करता है, बल्कि पीछे बैठे यात्री की जान भी बचाता है। यह नियम सड़क सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नए नियम के तहत, 1 जनवरी 2026 से सभी नए दोपहिया वाहनों की बिक्री के समय डीलरों को दो बीआईएस हेलमेट देना होगा। यह हेलमेट चालक और पीछे बैठने वाले यात्री के लिए होंगे। इसके साथ ही, सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि हेलमेट की गुणवत्ता पर कोई समझौता न हो। बीआईएस प्रमाणन यह गारंटी देता है कि हेलमेट दुर्घटना के समय पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करते हैं।


पहले से मौजूद नियमों में बदलाव

केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 138 (एफ) के तहत पहले से ही दोपहिया वाहन डीलरों को वाहन बिक्री के समय एक हेलमेट देना अनिवार्य था। हालांकि, कई बार डीलर इस नियम का पालन नहीं करते थे या ग्राहकों को निम्न गुणवत्ता वाले हेलमेट दिए जाते थे। नए संशोधन में इस कमी को दूर करने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं। अब डीलरों को वाहन रजिस्ट्रेशन से पहले हेलमेट का बैच नंबर और निर्माता की जानकारी दर्ज करनी होगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ग्राहक को सही हेलमेट मिले।

इसके अलावा, सरकार वाहन रजिस्ट्रेशन के सॉफ्टवेयर में भी बदलाव करने जा रही है। नए सिस्टम के तहत, हेलमेट का विवरण दर्ज किए बिना वाहन का रजिस्ट्रेशन संभव नहीं होगा। इससे डीलरों पर नियम का पालन करने का दबाव बढ़ेगा और ग्राहकों को अनिवार्य रूप से हेलमेट मिलेगा।


सड़क सुरक्षा में हेलमेट की भूमिका

सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि हेलमेट पहनने से सिर की गंभीर चोटों का खतरा 70% तक कम हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हेलमेट दुर्घटना के दौरान मृत्यु की संभावना को भी 40% तक कम करता है। भारत में केवल सात राज्य ऐसे हैं, जहां 50% से अधिक दोपहिया चालक हेलमेट का उपयोग करते हैं। इस नए नियम से सरकार का लक्ष्य है कि हेलमेट का उपयोग बढ़े और सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या में कमी आए।


अन्य सुरक्षा उपाय

हेलमेट के साथ-साथ, सरकार ने दोपहिया वाहनों की सुरक्षा को और बढ़ाने के लिए एक और महत्वपूर्ण नियम लागू किया है। 1 जनवरी 2026 से सभी नए दोपहिया वाहनों में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) अनिवार्य होगा। ABS वाहन को अचानक ब्रेक लगाने पर स्किड होने से रोकता है, जिससे हादसों की संभावना कम होती है।

 सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का यह नया नियम सड़क सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दो बीआईएस प्रमाणित हेलमेट और ABS जैसे उपाय न केवल चालकों और यात्रियों की जान बचाएंगे, बल्कि भारत में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएंगे।