मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में शनिवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच एक बड़ी मुठभेड़ हुई, जिसमें चार नक्सली मारे गए। इस कार्रवाई में तीन महिला नक्सली भी शामिल थीं। यह मुठभेड़ बिथली थाना क्षेत्र के पचामा दादर के पहाड़ी इलाके में हुई, जहां सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस दौरान भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए, जिनमें हैंड ग्रेनेड, रॉकेट लॉन्चर, एक 315 राइफल और कई कारतूस शामिल हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षाबलों को खुफिया जानकारी मिली थी कि पचामा दादर के जंगली और पहाड़ी इलाके में कुछ नक्सली छिपे हुए हैं। इस सूचना के आधार पर हॉक फोर्स और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। भारी बारिश के बावजूद सुरक्षाबलों ने हिम्मत नहीं हारी और ऑपरेशन को जारी रखा। जैसे ही सुरक्षाबल नक्सलियों के ठिकाने के करीब पहुंचे, नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने चार नक्सलियों को ढेर कर दिया, जिनमें एक पुरुष और तीन महिलाएं थीं।
बालाघाट के पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने बताया कि मारे गए नक्सलियों की पहचान अभी की जा रही है। कुछ नक्सलियों के मौके से भागने की खबर है, जिनकी तलाश के लिए इलाके में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "यह ऑपरेशन नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक बड़ी सफलता है। हमारी टीमें पूरी तरह से मुस्तैद हैं और नक्सलियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।"
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस कार्रवाई के लिए सुरक्षाबलों को बधाई दी। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में मध्य प्रदेश नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने का हमारा संकल्प है। इस मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा।"
इस साल बालाघाट में नक्सलियों के खिलाफ यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। पुलिस के मुताबिक, इस साल अब तक मध्य प्रदेश में 10 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं, जो पिछले साल के रिकॉर्ड को पार कर गया है। केंद्र और राज्य सरकार की नक्सलवाद के खिलाफ सख्त नीति और सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के चलते नक्सलियों का नेतृत्व कमजोर पड़ता जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बालाघाट के जंगली और पहाड़ी इलाके नक्सलियों के लिए सुरक्षित ठिकाने रहे हैं, लेकिन अब सुरक्षाबलों की बढ़ती सक्रियता से नक्सली बैकफुट पर हैं। इस मुठभेड़ के बाद इलाके में सुरक्षा और सघन कर दी गई है ताकि कोई और घटना न हो।
यह कार्रवाई न केवल बालाघाट बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में नक्सलवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश है। सुरक्षाबल अब और सतर्कता के साथ नक्सलियों के खिलाफ अभियान को तेज करने की तैयारी में हैं।