तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में बुधवार देर रात एक भीषण हादसे ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। यहाँ एक फार्मास्यूटिकल प्लांट में हुए विस्फोट में 40 से अधिक लोगों की जान चली गई, जबकि 9 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। मृतकों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट करवाए जाने की तैयारी की जा रही है।
क्या हुआ था हादसा?
हादसा संगारेड्डी के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक प्रमुख फार्मा कंपनी के प्लांट में हुआ। देर रात करीब 11 बजे एक जोरदार धमाका हुआ, जिसकी आवाज कई किलोमीटर तक सुनाई दी। धमाके के बाद प्लांट में आग की लपटें और धुआँ दूर से ही दिखाई देने लगा। आग इतनी तेज थी कि आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग दहशत में आ गए।
स्थानीय पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जाँच में पता चला है कि विस्फोट प्लांट के रासायनिक रिएक्टर में रिसाव के कारण हुआ। रिएक्टर में दबाव बढ़ने से यह फट गया, जिसके बाद आग पूरे प्लांट में फैल गई। इस हादसे में कई कर्मचारी, जो उस समय रात की पाली में काम कर रहे थे, आग की चपेट में आ गए।
कितना हुआ नुकसान?
इस हादसे में अब तक 40 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, और 9 लोग अभी भी लापता हैं। मरने वालों में ज्यादातर प्लांट के कर्मचारी थे, जिनमें स्थानीय मजदूरों के साथ-साथ कुछ तकनीकी कर्मचारी भी शामिल थे। कई शव इतनी बुरी तरह जल गए कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है। प्रशासन ने घोषणा की है कि मृतकों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट करवाए जाएंगे।
हादसे में घायल हुए 15 से अधिक लोगों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। संगारेड्डी के सरकारी अस्पताल के अलावा, कुछ घायलों को हैदराबाद के बड़े अस्पतालों में रेफर किया गया है।
प्रशासन का रुख और बचाव कार्य
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, दमकल विभाग, और एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें मौके पर पहुँची। आग को बुझाने में करीब 6 घंटे लगे। एनडीआरएफ की एक विशेष टीम अभी भी मलबे में फंसे लोगों की तलाश कर रही है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने इस घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। इसके अलावा, घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि प्लांट में सुरक्षा मानकों की जाँच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। यह समिति यह पता लगाएगी कि हादसे की वजह तकनीकी खराबी थी या मानवीय चूक।
स्थानीय लोगों में गुस्सा और सवाल
इस हादसे ने स्थानीय लोगों में गुस्सा और डर पैदा कर दिया है। संगारेड्डी के निवासियों का कहना है कि इस तरह के फार्मा प्लांट्स में अक्सर सुरक्षा नियमों की अनदेखी होती है। एक स्थानीय निवासी, रामू ने कहा, "ये प्लांट हमारे लिए रोजगार का साधन हैं, लेकिन अगर सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जाएगा, तो ऐसी त्रासदियाँ बार-बार होंगी।" कई लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि सरकार औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा नियमों को और सख्त करे।
उद्योग पर प्रभाव
यह हादसा न केवल संगारेड्डी बल्कि पूरे तेलंगाना के फार्मास्यूटिकल उद्योग के लिए एक बड़ा झटका है। तेलंगाना देश में दवा निर्माण का एक प्रमुख केंद्र है, और इस तरह के हादसे उद्योग की छवि को प्रभावित कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना के बाद सरकार और कंपनियों पर सुरक्षा मानकों को लागू करने का दबाव बढ़ेगा।
प्रशासन ने प्लांट को अगले आदेश तक बंद कर दिया है। जाँच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। साथ ही, लापता लोगों की तलाश और घायलों के इलाज पर जोर दिया जा रहा है। इस बीच, स्थानीय लोग और मृतकों के परिजन इंसाफ की माँग कर रहे हैं।
यह हादसा हमें एक बार फिर याद दिलाता है कि औद्योगिक विकास के साथ-साथ कर्मचारियों की सुरक्षा और पर्यावरण की रक्षा भी उतनी ही जरूरी है। संगारेड्डी के इस दुखद हादसे ने न केवल कई परिवारों को तोड़ दिया है, बल्कि पूरे समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम प्रगति के नाम पर अपने लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं?