भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने कोविड-19 वैक्सीन को लेकर एक महत्वपूर्ण अध्ययन जारी किया है। इस अध्ययन में साफ तौर पर कहा गया है कि कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इसका अचानक हार्ट अटैक या इससे होने वाली मौतों से कोई संबंध नहीं है। यह रिपोर्ट उन अफवाहों और गलत सूचनाओं को खारिज करती है।


अध्ययन का उद्देश्य और प्रक्रिया

ICMR और AIIMS ने यह अध्ययन देशभर में कोविड-19 वैक्सीनेशन के बाद की स्थिति का जायजा करने के लिए किया। इस शोध में लाखों लोगों के स्वास्थ्य आंकड़ों का अध्ययन किया गया, जिन्होंने कोविशील्ड, कोवैक्सिन और अन्य वैक्सीन ली थीं। विशेषज्ञों की टीम ने हार्ट अटैक, स्ट्रोक, और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के मामलों की गहन जांच की। इसके लिए अस्पतालों के रिकॉर्ड, मृत्यु प्रमाणपत्र, और वैक्सीनेशन डेटा का विश्लेषण किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 वैक्सीन लेने वाले लोगों में हार्ट अटैक की दर सामान्य आबादी के समान थी। अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिन लोगों की मृत्यु हार्ट अटैक से हुई, उनमें से अधिकांश पहले से ही हृदय रोग, मधुमेह, या उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से पीड़ित थे। वैक्सीन को इन मौतों का कारण मानने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं मिला।


झूठा दावा साबित हुआ

पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर यह दावा किया जा रहा था कि कोविड-19 वैक्सीन के कारण युवाओं और स्वस्थ लोगों में अचानक हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। इन दावों ने लोगों में डर और संदेह पैदा किया था। ICMR के निदेशक डॉ. राजीव बाहल ने कहा, “हमारी यह रिपोर्ट उन सभी अफवाहों को पूरी तरह खारिज करती है। वैक्सीन न केवल सुरक्षित है, बल्कि इसने कोविड-19 से होने वाली गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोकने में अहम भूमिका निभाई है।”

AIIMS के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अनूप मिश्रा ने भी इस बात पर जोर दिया कि हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों का संबंध जीवनशैली, तनाव, और पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं से है, न कि वैक्सीन से। उन्होंने कहा, लोगों को चाहिए कि वे ऐसी भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें और वैज्ञानिक तथ्यों पर भरोसा करें।


वैक्सीन की उपलब्धि

भारत में कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक रहा है। अब तक देश में 220 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी हैं। इस अभियान ने न केवल कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित किया, बल्कि लाखों लोगों की जान भी बचाई। ICMR की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वैक्सीन ने गंभीर मामलों और अस्पताल में भर्ती होने की दर को 90% तक कम किया।


जनता से अपील

ICMR और AIIMS ने लोगों से अपील की है कि वे वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि अगर किसी को वैक्सीन के बाद कोई असामान्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। साथ ही, हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और तनाव प्रबंधन पर ध्यान देने की सलाह दी गई है।

इस अध्ययन के बाद सरकार और स्वास्थ्य संगठन वैक्सीन के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए और प्रयास करने की योजना बना रहे हैं। ICMR ने कहा कि भविष्य में भी वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावशीलता पर नजर रखने के लिए शोध जारी रहेंगे। साथ ही, गलत सूचनाओं को रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ सहयोग बढ़ाया जाएगा।

ICMR-AIIMS की यह रिपोर्ट कोविड-19 वैक्सीन के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल वैक्सीन की सुरक्षा की पुष्टि करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि विज्ञान और तथ्यों पर आधारित जानकारी ही स्वास्थ्य संबंधी निर्णयों का आधार होनी चाहिए। देशवासियों से अपील है कि वे वैक्सीनेशन अभियान का समर्थन करें और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।