बिहार में मुहर्रम के जुलूस के दौरान कई शहरों में हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं, जिसने राज्य की शांति को भंग कर दिया है। कटिहार, मोतिहारी, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में ताजिया जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच झड़पें हुईं, जिनमें पथराव, तोड़फोड़ और गोलीबारी की खबरें हैं। इन घटनाओं में एक व्यक्ति की करंट लगने से मौत हो गई, जबकि नालंदा में डबल मर्डर ने इलाके में तनाव को और बढ़ा दिया है।
कटिहार में मंदिर पर पथराव, तनाव का माहौल
कटिहार के नयाटोला इलाके में मुहर्रम जुलूस के दौरान स्थिति तब बिगड़ गई, जब कुछ उपद्रवियों ने महावीर मंदिर पर पथराव किया। इसके अलावा, हिंदू मोहल्लों में घरों और दुकानों पर भी पत्थर फेंके गए, जिसमें कई बाइक और एक एटीएम को नुकसान पहुंचा। इस घटना में दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया और 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं, ताकि अफवाहें न फैलें। स्थानीय लोगों का कहना है कि जुलूस के दौरान कुछ लोगों ने भड़काऊ नारे लगाए, जिससे विवाद शुरू हुआ।
मोतिहारी में हत्या, पुरानी रंजिश बनी कारण
मोतिहारी के कोठिया हरेराम पंचायत में ताजिया जुलूस के बाद हिंसा भड़क उठी। यहां पुरानी रंजिश के चलते एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के 32 वर्षीय अजय यादव पर हमला कर दिया। अजय के भाई ने बताया कि हमलावरों ने तलवार से उनके सिर पर वार किया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना में दो अन्य लोग घायल हुए, जिन्हें मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने 12 संदिग्धों को हिरासत में लिया है और गांव में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
दरभंगा और मुजफ्फरपुर में भी झड़पें
दरभंगा में जुलूस के दौरान एक पुलिस एएसआई को भीड़ ने चाकू मारकर घायल कर दिया, जबकि मुजफ्फरपुर में एक हिंदू सरपंच के घर पर हमला हुआ। समस्तीपुर में पूजा सामग्री की दुकानों को निशाना बनाया गया, और भागलपुर में गोलीबारी की अफवाहों ने तनाव को बढ़ाया। इन घटनाओं ने सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाया है । पुलिस का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन स्थानीय लोग डरे हुए हैं।
नालंदा में डबल मर्डर से हड़कंप
नालंदा के बिहारशरीफ में एक और गंभीर घटना ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया। यहां एक किशोर और एक युवती की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतका अन्नू के परिजनों के अनुसार, गांव में अखंड कीर्तन के दौरान बच्चों के बीच हुए विवाद के बाद दूसरे टोले के कुछ लोग उनके मोहल्ले में आए और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस घटना में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली है और जल्द गिरफ्तारी का दावा किया है, लेकिन इस डबल मर्डर ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गांव में भारी पुलिस बल तैनात है, और लोग डर के साये में जी रहे हैं।
करंट लगने से मौत
मुहर्रम जुलूस के दौरान एक दुखद घटना में, एक व्यक्ति की करंट लगने से मौत हो गई। यह घटना तब हुई जब जुलूस में शामिल एक ताजिया बिजली के तारों से टकरा गया। इस हादसे ने जुलूस में शामिल लोगों में अफरा-तफरी मचा दी। प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जुलूस के मार्गों पर सुरक्षा मानकों को और सख्त करने की बात कही है।
आम लोगों में डर का माहौल
हिंसा और हत्या की इन घटनाओं ने आम लोगों में डर पैदा कर दिया है। कटिहार और नालंदा जैसे इलाकों में लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं। स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया, “हर साल त्योहारों के दौरान ऐसी घटनाएं हो रही हैं। हम शांति चाहते हैं, लेकिन कुछ लोग माहौल बिगाड़ने में लगे हैं।” एक अन्य निवासी शबनम बेगम ने कहा, “मुहर्रम और अन्य त्योहार शांति और भाईचारे का संदेश देते हैं, लेकिन कुछ लोग इसे विवाद का मौका बना देते हैं।”
बिहार प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन बार-बार होने वाली ऐसी घटनाएं गंभीर सवाल खड़े करती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए पुलिस के साथ-साथ समुदाय के नेताओं और सामाजिक संगठनों को भी आगे आना होगा। साथ ही, सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री पर सख्ती और जुलूसों के लिए तय नियमों का पालन जरूरी है।