आज पूरे भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (डॉक्टर्स डे) बड़े उत्साह और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन उन अनगिनत डॉक्टरों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है, जो दिन-रात मेहनत करके लोगों की जान बचाते हैं और समाज को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। भारत में यह दिन खास तौर पर डॉ. बिधान चंद्र रॉय के जन्मदिन और पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो एक प्रसिद्ध चिकित्सक, स्वतंत्रता सेनानी और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री थे।
डॉक्टर्स डे का महत्व
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस न केवल डॉक्टरों की मेहनत और समर्पण को सम्मानित करने का दिन है, बल्कि यह समाज को यह याद दिलाने का भी मौका है कि स्वास्थ्य सेवाओं का हमारे जीवन में कितना बड़ा योगदान है। डॉक्टर न सिर्फ बीमारियों का इलाज करते हैं, बल्कि वे मरीजों और उनके परिवारों को भावनात्मक सहारा भी देते हैं। खासकर कोविड-19 महामारी जैसे संकटकाल में डॉक्टरों ने अपनी जान जोखिम में डालकर जिस तरह से सेवा की।
इस साल की थीम, "स्वास्थ्य के लिए एकजुटता: डॉक्टरों का योगदान," इस बात पर जोर देती है कि कैसे डॉक्टर समाज के हर वर्ग को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए एकजुट होकर काम करते हैं। यह थीम हमें यह भी याद दिलाती है कि स्वास्थ्य सेवाओं तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करना कितना जरूरी है।
डॉ. बिधान चंद्र रॉय: एक प्रेरणा
डॉ. B.C रॉय का जन्म 1 जुलाई, 1882 को हुआ था। वे न केवल एक कुशल चिकित्सक थे, बल्कि उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में भी हिस्सा लिया और बाद में पश्चिम बंगाल के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी वजह से ही भारत में मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा मिला। उनके सम्मान में 1991 से भारत में 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है।
इस साल के आयोजन
इस साल देश भर में डॉक्टर्स डे को विभिन्न तरीकों से मनाया जा रहा है। अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य संगठनों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कई जगहों पर डॉक्टरों को सम्मानित करने के लिए पुरस्कार वितरण समारोह, सेमिनार और मुफ्त स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन हो रहा है।
दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत डॉ. अनीता शर्मा कहती हैं, "हमारे लिए यह दिन बहुत खास है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारी जिम्मेदारी कितनी बड़ी है। मरीजों का भरोसा और उनकी मुस्कान ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।"
चुनौतियां और समाधान
हालांकि, यह दिन केवल उत्सव का नहीं, बल्कि चिंतन का भी है। भारत में डॉक्टरों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे अपर्याप्त संसाधन, लंबे समय तक काम करना और कई बार मरीजों या उनके परिजनों की ओर से हिंसा का सामना करना। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी आज भी एक बड़ी समस्या है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को स्वास्थ्य बजट बढ़ाने, मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने पर ध्यान देना चाहिए।
समाज की जिम्मेदारी
डॉक्टर्स डे हमें यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि हम, एक समाज के रूप में, अपने डॉक्टरों का कितना सम्मान करते हैं। हमें उनकी मेहनत को समझना होगा और उनके साथ सहयोग करना होगा। छोटी-छोटी बातें, जैसे समय पर अपॉइंटमेंट लेना, डॉक्टरों के साथ विनम्र व्यवहार करना और उनके सुझावों का पालन करना, उनके काम को आसान बना सकता है।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2025 हमें एक बार फिर उन अनाम नायकों को धन्यवाद देने का मौका देता है, जो हमारी जिंदगी को बेहतर बनाते हैं। यह दिन हमें यह भी सिखाता है कि स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है, और इसे बनाए रखने में डॉक्टरों की भूमिका अतुलनीय है। आइए, इस दिन हम सभी यह संकल्प लें कि हम अपने डॉक्टरों का सम्मान करेंगे और एक स्वस्थ भारत के निर्माण में उनका साथ देंगे।