उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए प्रदेश के पांच राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम बदलकर उन महान हस्तियों और देवी-देवताओं के नाम पर रखने का निर्णय लिया है, जिन्होंने देश और समाज के लिए योगदान दिया। इस कदम का उद्देश्य न केवल इन महान व्यक्तित्वों के प्रति सम्मान प्रकट करना है, बल्कि युवा पीढ़ी को उनके जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित करना भी है।
नए नाम, नई पहचान
इस निर्णय के तहत, मैनपुरी, गोण्डा, बस्ती, मिर्जापुर और प्रतापगढ़ जिले में स्थित राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम अब निम्नलिखित महान हस्तियों और देवी-देवताओं के नाम पर रखे गए हैं:
1. प्रतापगढ़: राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज का नाम अब भारत रत्न बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज होगा।
2. मिर्जापुर: इस कॉलेज का नाम बदलकर सम्राट अशोक राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज किया गया है।
3. बस्ती: यहां का कॉलेज अब भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम से जाना जाएगा।
4. गोण्डा: इस कॉलेज का नाम मां पाटेश्वरी देवी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रखा गया है।
5. मैनपुरी: इस कॉलेज को अब लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम से जाना जाएगा।
फैसले के पीछे का मकसद
प्रदेश सरकार का मानना है कि इन कॉलेजों का नामकरण ऐसी शख्सियतों और देवी-देवताओं के नाम पर करने से छात्रों में न केवल शिक्षा के प्रति उत्साह बढ़ेगा, बल्कि वे इन महान हस्तियों के आदर्शों और मूल्यों से भी प्रेरित होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लिया गया यह निर्णय समाज में सकारात्मक संदेश देने और युवाओं को देश के गौरवशाली इतिहास से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है
प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, इन महान व्यक्तित्वों और देवी-देवताओं के नाम पर कॉलेजों का नामकरण न केवल उनकी स्मृति को जीवित रखेगा, बल्कि छात्रों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर भी प्रदान करेगा। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान स्थापित करेगा।
छात्रों और समाज पर प्रभाव
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के नामकरण से छात्रों में आत्मविश्वास और प्रेरणा का संचार होगा। ये कॉलेज न केवल तकनीकी शिक्षा के केंद्र हैं, बल्कि अब वे उन मूल्यों को भी बढ़ावा देंगे, जो इन महान हस्तियों ने अपने जीवन के माध्यम से स्थापित किए। मैनपुरी के एक छात्र ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, हमारे कॉलेज का नाम अब लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के नाम पर होगा, यह गर्व की बात है। उनके जीवन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
नामकरण की प्रक्रिया और भविष्य की योजनाएं
यह निर्णय प्रदेश सरकार की उस व्यापक नीति का हिस्सा है, जिसके तहत सरकारी संस्थानों और भवनों का नाम उन व्यक्तियों के नाम पर रखा जा रहा है, जो समाज के लिए प्रेरणा रहे हैं। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश में कई स्कूलों और अन्य संस्थानों के नाम बदले गए हैं, ताकि वे स्थानीय और राष्ट्रीय नायकों के योगदान को दर्शा सकें।
शिक्षा विभाग ने इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं। जल्द ही इन कॉलेजों में नए नामों के साथ बोर्ड और आधिकारिक दस्तावेज अपडेट किए जाएंगे। इसके साथ ही, सरकार ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि इन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को इन महान हस्तियों के जीवन और कार्यों के बारे में जानकारी दी जाए, ताकि वे उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतार सकें।
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान स्थापित करेगा, बल्कि यह युवाओं को देश के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति से जोड़ने का भी एक प्रयास है। इन कॉलेजों के नए नाम न सिर्फ इन महान हस्तियों और देवी-देवताओं के प्रति सम्मान का प्रतीक हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि आने वाली पीढ़ियां उनके योगदान को कभी न भूलें।