भारत में लोकतंत्र का उत्सव एक बार फिर जोरों पर है। 19 जून 2025 को चार राज्यों- गुजरात, केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल- की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, और 23 जून को इनके नतीजे सामने आए। ये उपचुनाव न केवल स्थानीय स्तर पर सियासी समीकरण बदल रहे हैं, बल्कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी माहौल बना रहे हैं। आइए, इन राज्यों के ताज़ा हालात और नतीजों पर एक नज़र डालते हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव: बीजेपी की ऐतिहासिक जीत

दिल्ली में 5 फरवरी 2025 को हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को आए। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता पर कब्जा किया, 70 में से 48 सीटें जीतकर। यह जीत इसलिए खास है क्योंकि बीजेपी ने आम आदमी पार्टी (आप) के 10 साल के शासन को खत्म किया। आप को सिर्फ 22 सीटें मिलीं, और उनके बड़े नेता जैसे अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन हार गए। केजरीवाल को नई दिल्ली सीट पर बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने मात दी। कांग्रेस का प्रदर्शन फिर निराशाजनक रहा, और वह एक भी सीट नहीं जीत सकी।


गुजरात: विसावदर और कड़ी में कांटे की टक्कर

गुजरात की दो सीटों- विसावदर और कड़ी पर हुए उपचुनाव के नतीजे रोमांचक रहे। 

  1. विसावदर: आम आदमी पार्टी (AAP) के गोपाल इटालिया ने बीजेपी के कीर्ति पटेल को 17,000 से ज़्यादा वोटों से हराया। यह सीट 2023 में आप विधायक भूपेंद्र भयानी के बीजेपी में शामिल होने के बाद खाली हुई थी। गोपाल इटालिया की जीत आप के लिए बड़ी उपलब्धि है, खासकर दिल्ली में हार के बाद।
  2. कड़ी: बीजेपी के राजेंद्र चावड़ा ने कांग्रेस के रमेश चावड़ा को 39,452 वोटों के बड़े अंतर से हराया। यह सीट बीजेपी विधायक करसन सोलंकी के निधन के बाद खाली हुई थी। बीजेपी ने इस जीत के साथ गुजरात में अपनी मज़बूत पकड़ दिखाई।


केरल: नीलांबुर में कांग्रेस की वापसी

केरल की नीलांबुर सीट पर कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने शानदार जीत दर्ज की। कांग्रेस उम्मीदवार आर्यदान शौकत ने सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के एम. स्वराज को 11,077 वोटों से हराया। यह सीट 2021 में एलडीएफ समर्थित स्वतंत्र विधायक पी.वी. अनवर के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। अनवर ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन तीसरे स्थान पर रहे। यह जीत कांग्रेस के लिए 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा मनोबल बढ़ाने वाली है, खासकर क्योंकि नीलांबुर वायनाड लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जिसका प्रतिनिधित्व प्रियंका गांधी करती हैं।


पंजाब: लुधियाना वेस्ट में आप का दबदबा

पंजाब की लुधियाना वेस्ट सीट पर आप के संजीव अरोड़ा ने 10,076 वोटों से जीत हासिल की। यह सीट आप विधायक गुरप्रीत बासी गोगी के निधन के बाद खाली हुई थी। कांग्रेस के भारत भूषण आशु शुरुआत में आगे थे, लेकिन बाद में तीसरे स्थान पर खिसक गए। यह जीत आप के लिए पंजाब में अपनी ज़मीन मज़बूत करने का मौका है।


पश्चिम बंगाल: कालीगंज में टीएमसी की जीत

पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अलीफा अहमद ने 28,784 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। यह सीट टीएमसी विधायक नसीरुद्दीन अहमद के फरवरी 2025 में निधन के बाद खाली हुई थी। बीजेपी के आशीष घोष दूसरे और कांग्रेस के काबिल उद्दीन शेख तीसरे स्थान पर रहे। यह जीत टीएमसी के लिए 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले मज़बूत संदेश है।


क्यों अहम हैं ये नतीजे?

ये उपचुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं:
  • राजनीतिक माहौल: केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए ये नतीजे मूड सेट कर रहे हैं। नीलांबुर में कांग्रेस की जीत और कालीगंज में टीएमसी की मज़बूती विपक्षी दलों के लिए अच्छा संकेत है।
  • आप का उभार: दिल्ली में हार के बाद आप ने गुजरात और पंजाब में जीत के साथ वापसी की है, जो पार्टी के लिए नई उम्मीद जगाता है।
  • बीजेपी की रणनीति: गुजरात में कड़ी सीट की जीत बीजेपी की स्थानीय ताकत दिखाती है, लेकिन विसावदर में हार से पार्टी को नए सिरे से रणनीति बनाने की ज़रूरत है।
  • कांग्रेस का मनोबल: नीलांबुर की जीत से कांग्रेस को केरल में मज़बूती मिली है, लेकिन दिल्ली और गुजरात में कमज़ोर प्रदर्शन चिंता का विषय है।

ये नतीजे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टियों को अपनी रणनीतियाँ पक्की करने का मौका देंगे। केरल में कांग्रेस और एलडीएफ के बीच टक्कर तेज़ होगी, जबकि पश्चिम बंगाल में टीएमसी का दबदबा बना रहेगा। गुजरात में आप की जीत से बीजेपी को सतर्क रहने की ज़रूरत है। पंजाब में आप की जीत से पार्टी का आत्मविश्वास बढ़ेगा।
भारत का सियासी रंगमंच हर दिन नया मोड़ ले रहा है। इन उपचुनावों ने एक बार फिर दिखाया कि मतदाता का मूड बदलते देर नहीं लगती। अब सभी की नज़रें 2026 के बड़े चुनावों पर टिकी हैं, जो देश की राजनीति को नई दिशा दे सकते हैं।