मऊ, उत्तर प्रदेश: जिला मऊ में पुलिस और विशेष कार्यबल (STF) की संयुक्त कार्रवाई में एक बड़े गांजा तस्करी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। इस कार्रवाई में "ऑन ड्यूटी आर्मी" लिखे ट्रक से लगभग 3.12 करोड़ रुपये कीमत का 12.50 क्विंटल गांजा बरामद किया गया। इस मामले में मुख्य आरोपी जनार्दन पांडेय को गिरफ्तार किया गया है, जो असम से लखनऊ तक इस अवैध माल की तस्करी कर रहा था। पुलिस को चकमा देने के लिए तस्करों ने हर पैकेट पर घरेलू सामान की पर्ची चस्पा कर रखी थी, ताकि यह लगे कि ट्रक में सेना के किसी अधिकारी का सामान ले जाया जा रहा है।

मुखबिर की सूचना पर हुई कार्रवाई

पुलिस को यह सफलता 23 जून 2025 को मिली, जब STF लखनऊ को एक गुप्त सूचना मिली थी कि मऊ-आजमगढ़ मार्ग पर तालीमुद्दीन इंटर कॉलेज के पास एक ट्रक में भारी मात्रा में गांजा ले जाया जा रहा है। इस सूचना के आधार पर एसटीएफ ने मऊ कोतवाली पुलिस, स्वाट और सर्विलांस टीम के साथ मिलकर घेराबंदी की योजना बनाई। शाम करीब 7:20 बजे ट्रक को रोककर तलाशी ली गई, जिसमें 15 प्लास्टिक में लिपटे कार्टून और 9 सिलाई किए हुए बोरे मिले। इनमें कुल 12 क्विंटल 70 किलो 900 ग्राम गांजा बरामद हुआ, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 3.12 करोड़ रुपये आंकी गई है।


तस्करों की चालाकी

पुलिस जांच में पता चला कि तस्करों ने बड़े ही शातिराना तरीके से इस अवैध कारोबार को अंजाम देने की योजना बनाई थी। ट्रक पर "ON DUTY ARMY" का स्टीकर लगाया गया था, और गांजे के पैकेट्स को घरेलू सामान के बीच छिपाया गया था। हर पैकेट पर फर्जी बिल्टी और घरेलू सामान की पर्ची चिपकी थी, जिससे चेकिंग के दौरान किसी को शक न हो। ट्रक में ऊपर से कुछ सामान्य सामान जैसे सोफा और अन्य घरेलू वस्तुएं रखी गई थीं, ताकि यह दिखे कि यह सेना के किसी अधिकारी के ट्रांसफर का सामान है।

गिरफ्तार आरोपी जनार्दन पांडेय (51 वर्ष), जो सुल्तानपुर जिले के गंगापुर भूलिया, थाना दोस्तपुर का निवासी है, ने पूछताछ में बताया कि वह इस तस्करी के लिए हर ट्रिप पर 70,000 रुपये लेता था। उसने यह भी खुलासा किया कि बलिया जिले के सुखपुरा निवासी छोटू नामक व्यक्ति ने असम के अलबरा क्षेत्र से गांजा लोड करवाया था। छोटू ने लखनऊ में डिलीवरी के लिए मुलाकात की बात कही थी।


तस्करी का नेटवर्क

पुलिस के अनुसार, जनार्दन पांडेय एक शातिर तस्कर है, जो पहले भी फर्जी बिल्टी और सेना के नाम का सहारा लेकर गांजा तस्करी कर चुका है। इस गिरोह में तीन अन्य लोग भी शामिल हैं, जिनकी तलाश के लिए पुलिस ने टीमें गठित की हैं। एसटीएफ अब पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है, जिसमें असम से लखनऊ तक गांजा सप्लाई करने वाले रैकेट के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि इस अवैध धंधे से कमाए गए पैसे का इस्तेमाल कहां-कहां किया गया।


पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

मऊ जिले में गांजा तस्करी की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले 26 मई 2025 को मऊ-बलिया हाईवे पर पुलिस ने एक अन्य ट्रक से 20 क्विंटल गांजा बरामद किया था, जिसकी कीमत भी 3 करोड़ रुपये थी। उस मामले में सुल्तानपुर निवासी सभाजीत चौहान को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा, 24 जून 2025 को कासिमपोखरी रेलवे ट्रैक के पास 30 किलो गांजा पकड़ा गया था, जिसमें तीन तस्करों को हिरासत में लिया गया था। इन घटनाओं से साफ है कि मऊ जिला गांजा तस्करी का एक प्रमुख गलियारा बनता जा रहा है।


पुलिस ने दिखाई सख्ती

मऊ के पुलिस अधीक्षक (SP) इलामारन ने इस कार्रवाई को एक बड़ी सफलता बताते हुए कहा, "हमारी टीमें लगातार नशे के कारोबार के खिलाफ अभियान चला रही हैं। इस मामले में एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया है, और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह के अवैध धंधे को जड़ से खत्म किया जाए।" उन्होंने यह भी बताया कि इस ऑपरेशन में शामिल पुलिस टीम को 25,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है।
पुलिस ने जनार्दन पांडेय के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और उसे जेल भेज दिया गया है। साथ ही, ट्रक, तीन मोबाइल फोन, आधार कार्ड और 22,000 रुपये नकद भी बरामद किए गए हैं।