उत्तर प्रदेश के बदायूं शहर में सोमवार सुबह गांधी ग्राउंड पर लगे मेले में अचानक लगी भीषण आग ने तबाही मचा दी। इस हादसे में 20 से 40 दुकानें पूरी तरह जलकर राख हो गईं, और कई गैस सिलेंडरों के फटने से जोरदार धमाकों ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। आग की लपटों और धमाकों की आवाज से मेले में अफरा-तफरी मच गई, और व्यापारियों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ।
कैसे शुरू हुआ हादसा?
सुबह करीब 5 बजे गांधी ग्राउंड में लगे मेले में आग की लपटें उठने लगीं। लोगों के अनुसार, आग की शुरुआत शार्ट सर्किट से हुई, हालांकि पुलिस और प्रशासन अभी इसकी जांच कर रहे हैं। मेले में खाने-पीने की दुकानों के साथ-साथ कपड़े, खिलौने और अन्य सामान की दुकानें थीं। इनमें से कई दुकानों में गैस सिलेंडर रखे हुए थे, जो आग की चपेट में आने के बाद एक के बाद एक फटने लगे। इन धमाकों की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
दमकल विभाग की चुनौती
हादसे की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, लेकिन आग इतनी भयानक थी कि इसे काबू करने में काफी समय लगा। एक चौंकाने वाली बात सामने आई कि दमकल की एक गाड़ी खाली थी, और पानी भरने में आधे घंटे की देरी हुई। इस लापरवाही से आग और भड़क गई, जिससे व्यापारियों में गुस्सा देखा गया। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया। कुछ व्यापारियों ने भी सिलेंडरों की मदद से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन उनकी कोशिशें नाकाम रहीं।
कितना हुआ नुकसान
इस हादसे में मेले की लगभग 24 से 40 दुकानें पूरी तरह जल गईं। खाने-पीने की दुकानों में रखे सामान, कपड़े, और अन्य सामग्री भी जलकर राख हो गई। कई व्यापारियों ने बताया कि उनकी जिंदगी भर की कमाई इस आग में स्वाहा हो गई। तीन दुकानदारों के झुलसने की खबर है, जिन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अभी तक किसी के नुकसान होने की सूचना नहीं है, लेकिन व्यापारियों का कहना है कि उनका लाखों रुपये का सामान नष्ट हो गया।
स्थानीय लोगों और व्यापारियों का दर्द
आग की खबर फैलते ही मेले में मौजूद व्यापारी और आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। कई व्यापारी अपनी दुकानों को जलता देख फूट-फूटकर रोने लगे। एक दुकानदार ने बताया, "हमने मेहनत से यह दुकान सजाई थी, लेकिन अब कुछ नहीं बचा। सब कुछ जल गया।" स्थानीय लोगों ने भी दमकल विभाग की देरी पर सवाल उठाए और कहा कि अगर समय पर कार्रवाई हुई होती, तो शायद नुकसान को कम किया जा सकता था।
पुलिस और प्रशासन ने क्या किया
पुलिस और जिला प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच में शार्ट सर्किट को आग का कारण माना जा रहा है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। बदायूं पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है और स्थिति नियंत्रण में है। साथ ही, उन्होंने व्यापारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
इस हादसे ने एक बार फिर मेले जैसे आयोजनों में सुरक्षा कर्मियों की कमी को उजागर किया है। व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें हुए नुकसान की भरपाई की जाए और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। स्थानीय लोग भी मांग कर रहे हैं कि मेले में बिजली और गैस सिलेंडर जैसे खतरनाक सामानों की जांच के लिए दिशा-निर्देश बनाए जाएं।
यह हादसा न केवल व्यापारियों के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि बदायूं के लोगों के लिए भी एक चेतावनी है कि सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। प्रशासन से उम्मीद है कि वह इस मामले की जांच करेगा और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा।