संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान 'नापाक एजेंडों' को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने और अपने मानवाधिकार उल्लंघनों से दुनिया का ध्यान हटाने का गंभीर आरोप लगाया। इस दौरान भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र कर पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया।

 संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत हरीश ने बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर हुई एक खुली बहस के दौरान पाकिस्तान की नीयत पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान का इस मंच का दुरुपयोग करना और झूठे आरोप लगाकर अपने गलत कामों को छिपाने की कोशिश करना बेहद शर्मनाक है।" हरीश ने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगा हुआ है और वह अपने देश में बच्चों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को छिपाने की कोशिश कर रहा है।


पहलगाम हमले ने फिर खोली पाकिस्तान की पोल

भारत ने अपने बयान में 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला था। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया।

भारत की डिप्टी परमानेंट रिप्रेजेंटेटिव योजना पटेल ने पहले भी संयुक्त राष्ट्र में इस हमले का जिक्र करते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के एक बयान का हवाला दिया था। ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी इंटरव्यू में माना था कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और फंडिंग देता रहा है।


पाकिस्तान का दूसरा चरित्र बेनकाब

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दूसरे चरित्र को बेनकाब करते हुए कहा कि एक तरफ वह खुद को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाला देश बताता है, लेकिन दूसरी तरफ वह आतंकवादी संगठनों को पनाह देता है। राजदूत हरीश ने कहा कि पाकिस्तान 20 से अधिक संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी संगठनों को शरण देता है, जिनमें जैश--मोहम्मद और हरकत-उल-मुजाहिदीन जैसे समूह शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कई बड़े आतंकी हमले करवाए, जिनमें 2008 का मुंबई हमला और हालिया पहलगाम हमला शामिल है।

हरीश ने पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार की कश्मीर को लेकर की गई बातों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का कुछ हिस्सा पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है। भारत ने यह भी साफ किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी 'जीरो टॉलरेंस' नीति पर अडिग है और किसी भी तरह के आतंकी हमले का कड़ा जवाब देगा।


विश्व समुदाय से एकजुट होने की अपील

भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से विश्व समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। हरीश ने कहा कि आतंकवाद किसी एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि यह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। भारत ने यह भी कहा कि वह उन देशों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसका साथ देना चाहते हैं।


पाकिस्तान को काली सूची में डालने की मांग

भारत ने यह भी दोहराया कि उसने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से पाकिस्तान को काली सूची में डालने की मांग की है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान को मिलने वाली वित्तीय मदद का इस्तेमाल वह आतंकवाद को बढ़ावा देने और रक्षा खर्चों के लिए करता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के इस रुख को कई देशों का समर्थन मिला है। सिंगापुर, गुयाना और स्लोवेनिया जैसे देशों ने पहलगाम हमले की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ एकजुटता दिखाई।


पाकिस्तान के खिलाफ भारत का सख्त रुख

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं। भारत ने 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है और अटारी सीमा चौकी को बंद कर दिया है। साथ ही, भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने और पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या कम करने जैसे कदम भी उठाए हैं। भारत ने साफ कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह बंद नहीं करता, तब तक ये कदम लागू रहेंगे।