MIDDlE EAST में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। ईरान ने अमेरिका द्वारा अपनी परमाणु साइटों पर हमलों के जवाब में कतर में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे अल-उदेद एअरबेस पर मिसाइल हमला किया है। इस हमले के बाद कतर, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और कई अन्य मध्य-पूर्वी देशों ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। इसका असर भारत से कतर और अन्य खाड़ी देशों जाने वाली उड़ानों पर पड़ा है, जिसके चलते कई फ्लाइट्स रद्द या डायवर्ट की गई हैं।
कतर की सरकार ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हवाई यातायात को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला लिया है। कतर के आधिकारिक बयान में कहा गया, "हम अपने देश और नागरिकों की सुरक्षा को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं। इस गंभीर स्थिति में हवाई क्षेत्र को बंद करना जरूरी हो गया था।"क्या हुआ अल-उदेद एअरबेस पर?
अल-उदेद एअरबेस मध्य-पूर्व में अमेरिका का सबसे बड़ा और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाना है। यह कतर की राजधानी दोहा से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित है और यहां हजारों अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। ईरान ने दावा किया कि अमेरिका ने उसकी परमाणु साइटों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिसके जवाब में उसने अल-उदेद को निशाना बनाया।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हमले में कई मिसाइलें दागी गईं, जिससे एअरबेस को नुकसान पहुंचा। हालांकि, अभी तक पूरी जानकारी सामने नहीं आई है। अमेरिका ने इस हमले की पुष्टि तो की है, लेकिन इसे "उकसावे की कार्रवाई" करार देते हुए ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
भारत पर क्या असर पड़ा?
इस घटना का सीधा असर भारत-कतर के बीच चलने वाली उड़ानों पर देखने को मिला है। कतर एयरवेज, इंडिगो और एयर इंडिया जैसी कई एयरलाइंस ने अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया है या उनके रास्ते बदल दिए हैं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे शहरों से दोहा जाने वाली फ्लाइट्स सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। कई यात्री हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं और नई उड़ानों की जानकारी का इंतजार कर रहे हैं।
मुंबई के एक यात्री अमित शर्मा ने बताया, "मैं दोहा के रास्ते यूरोप जा रहा था, लेकिन मेरी फ्लाइट अचानक रद्द हो गई। अब हमें कोई साफ जानकारी नहीं मिल रही कि अगली उड़ान कब होगी।" वहीं, कतर एयरवेज ने अपने यात्रियों से वेबसाइट पर जाकर लेटेस्ट अपडेट चेक करने की अपील की है।
MIDDLE EAST में क्यों बढ़ा तनाव?
ईरान और अमेरिका के बीच तनाव की जड़ें लंबे समय से चली आ रही हैं। इस बार मामला तब गर्माया जब अमेरिका ने ईरान की परमाणु साइटों पर हमले किए, इसके जवाब में ईरान ने अल-उदेद एअरबेस को निशाना बनाया, जो मध्य-पूर्व में अमेरिका का एक बड़ा सैन्य ठिकाना है।
इस हमले के बाद मध्य-पूर्व के कई देश सतर्क हो गए हैं। यूएई, सऊदी अरब और बहरीन ने भी अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। जानकारों का मानना है कि अगर यह तनाव और बढ़ा तो इसका असर न सिर्फ हवाई यातायात बल्कि तेल की कीमतों और वैश्विक व्यापार पर भी पड़ सकता है।
भारत सरकार ने क्या कहा
भारत सरकार ने इस मामले पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से मध्य-पूर्व की यात्रा करने से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी है। इसके साथ ही, कतर और अन्य खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीयों से स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
फिलहाल, मध्य-पूर्व की स्थिति गंभीर बनी हुई है। कतर ने संयुक्त राष्ट्र से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है, ताकि क्षेत्र में शांति बहाल हो सके। वहीं, यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी उड़ानों की स्थिति जानने के लिए संबंधित एयरलाइंस से संपर्क करें।