प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही तीन देशों की महत्वपूर्ण यात्रा पर रवाना होने वाले हैं। विदेश मंत्रालय ने बताया कि पीएम मोदी साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया का दौरा करेंगे। इस यात्रा का मकसद भारत के इन देशों के साथ दोस्ती और रणनीतिक रिश्तों को और मजबूत करना है। यह दौरा न केवल कूटनीतिक संबंधों को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत की स्थिति को और मजबूत करेगा।
साइप्रस में होगी खास मुलाकात
सबसे पहले पीएम मोदी साइप्रस की यात्रा करेंगे। यहां वे साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस से मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं के बीच व्यापार, निवेश और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होने की उम्मीद है। साइप्रस के साथ भारत के रिश्ते पहले से ही अच्छे हैं, और इस यात्रा से दोनों देशों के बीच आपसी समझ को और गहराई मिलेगी।
साइप्रस एक महत्वपूर्ण भू-रणनीतिक स्थान पर है, और भारत के लिए यह देश भूमध्यसागरीय क्षेत्र में एक अहम साझेदार बन सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग को नई गति मिलेगी। इसके अलावा, साइप्रस में रहने वाली भारतीय समुदाय की मौजूदगी भी इस यात्रा को और खास बनाती है। पीएम मोदी वहां भारतीय प्रवासियों से भी मुलाकात कर सकते हैं, जो भारत और साइप्रस के बीच एक मजबूत कड़ी का काम करते हैं।
कनाडा में जी-7 सम्मेलन में शामिल
साइप्रस के बाद पीएम मोदी कनाडा जाएंगे, जहां वे जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में दुनिया के प्रमुख देशों के नेता वैश्विक मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, आर्थिक विकास और सुरक्षा पर चर्चा करेंगे। भारत को इस मंच पर विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है, जो वैश्विक कूटनीति में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। पीएम मोदी इस दौरान कनाडा के नेताओं के साथ भी बातचीत करेंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापार और तकनीकी सहयोग पर जोर रहेगा।
क्रोएशिया में राष्ट्रपति से मुलाकात
यात्रा के आखिरी पड़ाव में पीएम मोदी क्रोएशिया पहुंचेंगे। यहां वे क्रोएशिया के राष्ट्रपति जोरान मिलनोविच से मुलाकात करेंगे। भारत और क्रोएशिया के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए यह मुलाकात अहम होगी। दोनों देश पर्यटन, संस्कृति और तकनीक जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
क्यों अहम है यह यात्रा?
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, यह यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। साइप्रस और क्रोएशिया जैसे देशों के साथ भारत के रिश्ते पहले से कम चर्चा में रहे हैं, लेकिन अब इन देशों के साथ साझेदारी को नई दिशा देने की कोशिश हो रही है। वहीं, जी-7 जैसे मंच पर भारत की मौजूदगी वैश्विक स्तर पर उसकी बढ़ती ताकत को दर्शाती है।
पीएम मोदी की इस यात्रा को लेकर देश में उत्साह का माहौल है। आम लोग और विशेषज्ञ दोनों ही मानते हैं कि यह दौरा भारत के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे खोलेगा।
इस यात्रा के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत का वैश्विक प्रभाव और बढ़ने की उम्मीद है। यह दौरा न केवल कूटनीतिक, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी भारत के लिए नए अवसर लेकर आएगा।