जम्मू-कश्मीर के पहलगांम में हुए दिल दहलाने वाले आतंकी हमले में शहीद हुए आदिल शाह की पत्नी गुलनाज अख्तर को जम्मू-कश्मी र सरकार ने सरकारी नौकरी दी है। उप राज्यपतल मनोज सिन्हा ने अनंतनाग जिले के हापतनार में गुलनाज को नियुक्ति पत्र सौंपा। गुलनाज को मछली पालन विभाग में स्थायी नौकरी मिली है, जो उनके और उनके परिवार के लिए एक बड़ा सहारा बनेगी।
यह मौका न केवल गुलनाज के लिए, बल्कि आदिल शाह के पूरे परिवार के लिए भावुक और गर्व का था। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस दौरान आदिल शाह के परिवार को वित्तीय मदद भी प्रदान की। उन्होंने आदिल की बहादुरी और देश के लिए उनके बलिदान की प्रशंसा की। मनोज सिन्हा ने कहा, "आदिल शाह जैसे वीर सैनिकों की वजह से ही हमारा देश सुरक्षित है। उनका बलिदान हमें हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। हमारी सरकार उनके परिवार के साथ हर कदम पर खड़ी है।"आदिल की बहादुरी की कहानी
आदिल शाह ने पहलगांम में हुए आतंकी हमले के दौरान न केवल अपनी बहादुरी दिखाई, बल्कि अपनी जान देकर कई लोगों की जिंदगियां भी बचाईं। उनकी शहादत ने पूरे इलाके में लोगों के दिलों में गहरा असर छोड़ा। स्थानीय लोग आज भी उनकी वीरता की मिसाल देते हैं। हापतनार के एक बुजुर्ग ने बताया, "आदिल जैसे लोग हमारे लिए गर्व की बात हैं। उन्होंने अपने जान की परवाह न करते हुए देश की रक्षा की।"सरकार का सहारा, परिवार की उम्मींद
जम्मू-कश्मीर सरकार ने शहीदों के परिवारों की मदद के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। गुलनाज को नौकरी और वित्तीय सहायता देना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उपराज्यपाल ने इस मौके पर यह भी आश्वासन दिया कि शहीदों के परिवारों की हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा, "हमारा कर्तव्य है कि हम अपने वीरों के परिवारों का ख्याल रखें। यह न केवल हमारा फर्ज है, बल्कि उनकी शहादत का सम्मान भी है।"हापतनार के लोगों ने सरकार के इस फैसले की खुलकर तारीफ की। एक स्थानीय निवासी, मोहम्मद यूसुफ ने कहा, "शहीदों के परिवारों की मदद करना हर सरकार का कर्तव्य है। गुलनाज को नौकरी मिलने से न केवल उनका परिवार मजबूत होगा, बल्कि यह दूसरे परिवारों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।" वहीं, एक अन्य महिला रजिया बेगम ने कहा, "गुलनाज अब अपने बच्चों का भविष्य संवार सकेंगी। यह देखकर हमें भी सुकून मिलता है।"
शहीदों के सम्मान में सरकार का संकल्प
जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहले भी कई शहीदों के परिवारों को नौकरी, वित्तीय मदद और अन्य सुविधाएं दी हैं। यह कदम न केवल शहीदों के प्रति सम्मान दर्शाता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि देश अपने वीरों और उनके परिवारों को कभी नहीं भूलता। गुलनाज और उनके परिवार के लिए यह नौकरी एक नई शुरुआत है, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मौका देगी।गुलनाज अब अपने बच्चों के साथ एक नई जिंदगी शुरू करने की तैयारी में हैं। उनके लिए यह रास्ता आसान नहीं होगा, लेकिन सरकार की मदद और स्थानीय लोगों का साथ उन्हें हिम्मत दे रहा है। गुलनाज ने कहा, "मैं अपने बच्चों को वही सिखाऊंगी जो आदिल ने मुझे सिखाया- देश के लिए हमेशा सच्चाई और बहादुरी के साथ जीना।"
आदिल शाह की शहादत और गुलनाज की हिम्मत की यह कहानी न केवल जम्मू-कश्मीर, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है। यह हमें याद दिलाती है कि हमारे वीर सैनिकों का बलिदान कभी बेकार नहीं जाता और उनका परिवार हमेशा देश के दिल में बसता है।