इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत एक और सफल निकासी अभियान पूरा किया है। शनिवार को ईरान के मशहद शहर से 310 भारतीय नागरिकों को लेकर एक विशेष उड़ान नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दोपहर 4:30 बजे सुरक्षित उतरी। इसके साथ ही, अब तक इस अभियान के तहत 827 भारतीयों को ईरान से सुरक्षित वापस लाया जा चुका है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसकी जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह उड़ान मशहद से आई थी और इसमें जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिम बंगाल के नागरिक शामिल थे। उन्होंने कहा, "भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष के कारण वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।"
ऑपरेशन सिंधु: तेजी से चल रहा निकासी अभियान
भारत ने 18 जून को 'ऑपरेशन सिंधु' शुरू किया था, जिसका उद्देश्य मध्य पूर्व में बिगड़ती स्थिति के बीच भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालना है। इस अभियान के तहत अब तक कई उड़ानें संचालित की गई हैं। शुक्रवार देर रात मशहद से 290 भारतीयों को लेकर एक विमान दिल्ली पहुंचा था, जिसमें ज्यादातर जम्मू-कश्मीर के छात्र और तीर्थयात्री शामिल थे। इसके अलावा, तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात से भी एक विशेष उड़ान शनिवार तड़के 3 बजे दिल्ली पहुंची।ईरान ने दिखाया सहयोग, खोला हवाई क्षेत्र
इस निकासी अभियान में ईरान सरकार का सहयोग भी उल्लेखनीय रहा है। संघर्ष के कारण ईरान ने अपना हवाई क्षेत्र ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बंद कर रखा था, लेकिन भारत के अनुरोध पर उसने विशेष रूप से भारतीय उड़ानों के लिए हवाई क्षेत्र खोलने की अनुमति दी। भारतीय अधिकारियों ने ईरानी एयरलाइन 'महान एयर' के साथ मिलकर छात्रों और अन्य नागरिकों को तेहरान से मशहद पहुंचाने और वहां से दिल्ली के लिए उड़ानें संचालित करने का काम किया।छात्रों ने सुनाई आपबीती
दिल्ली पहुंचे छात्रों ने बताया कि ईरान में हालात बेहद तनावपूर्ण थे। उर्मिया विश्वविद्यालय में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे माज़ ने कहा, "हम कई दिनों से डर के माहौल में जी रहे थे। मिसाइलों और ड्रोनों की आवाजें सुनाई दे रही थीं। भारतीय दूतावास ने हमारा पूरा साथ दिया और हमें सुरक्षित निकाला।" एक अन्य छात्र शब्बीर ने बताया कि वे थकान और नींद की कमी से जूझ रहे थे, लेकिन भारत पहुंचकर उन्हें सुकून मिला।नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों की भी मदद
भारत ने अपनी उदारता दिखाते हुए नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी इस अभियान में शामिल किया है। नेपाल और श्रीलंका सरकारों के अनुरोध पर भारतीय दूतावास ने उनके नागरिकों को भी ईरान से निकालने की व्यवस्था की है। नेपाल सरकार ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर को इस त्वरित सहायता के लिए धन्यवाद दिया।इजराइल से भी निकासी की तैयारी
ईरान के साथ-साथ भारत ने इजराइल में फंसे अपने नागरिकों को निकालने की योजना भी शुरू की है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि इजराइल से निकासी के लिए उड़ानें 22 जून से शुरू होंगी। इजराइली दूतावास के साथ मिलकर भारत यह सुनिश्चित कर रहा है कि वहां मौजूद भारतीय सुरक्षित वापस लौट सकें।सरकार की तारीफ
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा, "हमारी सरकार और भारतीय दूतावास ने मुश्किल हालात में भी बेहतरीन समन्वय दिखाया। हमारे छात्र और नागरिक अब सुरक्षित हैं।" दिल्ली पहुंचे नागरिकों ने भी "वंदे मातरम" और "भारत माता की जय" के नारे लगाकर अपनी खुशी जाहिर की।भारत सरकार का यह अभियान न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग और कूटनीतिक समन्वय का भी एक मजबूत उदाहरण है। जैसे-जैसे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ रहा है, भारत अपने लोगों को सुरक्षित घर लाने के लिए हर कदम उठा रहा है।